अमरिका-ब्रिटन और चीन-रशिया के बीच आर्थिक स्तर पर तिसरा महायुद्ध शुरु हो गया है – रशियन विश्‍लेषक का दावा

अमरिका-ब्रिटन और चीन-रशिया के बीच आर्थिक स्तर पर तिसरा महायुद्ध शुरु हो गया है – रशियन विश्‍लेषक का दावा

मॉस्को – अमरिका में इस वक्त पूरी व्यवस्था भयानक संकट का सामना कर रही है और इस संकट से निकलने के लिए महायुद्ध के सिवाय दुसरा कोई विकल्प नही। पिछली दो साल से यह जंग शुरु है और हर दिन और भी तीव्र होते जा रही है। पर यह जंग परमाणु जंग नही है बल्कि आर्थिक स्तर पर शुरु है और चीन-रशिया आघाडी अमरिका-ब्रिटन के खिलाफ जीतती हुई दिखाई दे रही है, ऐसा दावा अलेक्झांडर झॅपोल्किस नामक रशियन विश्‍लेषक ने किया है। अमरिकी अभ्यासगट के संकेतस्थल द्वारा इस बारे में खबर प्रकाशित की गयी है।

अलेक्झांडर झॅपोल्किस द्वारा रशियन वृत्तसंस्था के लिए लिखे गए लेख में, तिसरा विश्‍वयुद्ध शुरु हो चुका है, ऐसा कहा है।

झॅपोल्किस ने चीन और रशिया की आघाडी का जिक्र ‘युरेशिया’ ऐसा करते हुए अमरिका और ब्रिटन को ‘ग्लोबल आयलंड’ ऐसे शब्द में संबोधित किया है। चीन नए वैश्‍विक व्यवस्था का केंद्र बना है तथा रशिया भविष्यकालिन विश्‍व का नया ‘हब’ बन चुका है, ऐसा दावा अलेक्झांडर झॅपोल्किस ने अपने लेख में किया है।

व्यवस्था और विचारों के स्तर पर अमरिका में बडी समस्या पैदा हो चुकी है और इस वजह से उनका अब तक का दुनिया पर रहा एक तरफा प्रभुत्व खतम हो जायेगा, ऐसा रशियन विश्‍लेषक ने अपने लेख में बताया है। चीन और रशिया के साथ आने से तैय्यार हुआ ‘यूरेशिया’ गुट नए राजनीतिक व्यवस्था को आकार दे रहा है और जल्द ही वैश्‍विक स्तर पर मध्यवर्ती केंद्र के रुप में आगे आयेगा, ऐसा दावा भी उन्होंने किया।

अमरिकी अर्थव्यवस्था पर रहा कर्जा तथा आर्थिक घाटे का उल्लेख करते हुए आनेवाले समय में अमरिका दुनिया का भरोसा खो देगी, ऐसा पूर्वकथन अलेक्झांडर झॅपोल्किस ने किया है। चीन की आर्थिक प्रगती और प्रभुत्व के दावे करते हुए, अब इस देश का दुसरी दुनिया के देश ऐसा संबोधना गलत होगा, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी। अमरिका ने चीन, रशिया, यूरोप और अन्य देशों के खिलाफ शुरु किये आर्थिक जंग में अमरिका हारेगी ऐसा दावा किया। उसके बाद अमरिका एकजूट नही रहेगी और उसके तुकडे होंगे ऐसा खलबलीजनक बयान भी उन्होंने किया।

अमरिका के हार के बारे में दावे करनेवाले अलेक्झांडर झॅपोल्किस ने अमरिका पूरी तरह गिर जाना अन्य देशों के लिए हितावह नही होगा, ऐसे भी कहा है। अमरिकी डॉलर पर आधारित व्यवस्था की वजह से अन्य देशों को झटका बैठते हुए बडी आपत्ती आ सकती है, ऐसा डर रशियन विश्‍लेषक ने जताया है।

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