जनवरी महीने में जॉर्डन के किंग ‘अब्दुल्ला बिन हुसैन’ ने अमरीका का दौरा किया था। इस दौरे में उन्होंने, तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हो चुका हुआ बताकर, यह संकट ‘आयएस’ के आतंकवाद से भी अधिक भयावह होने का एहसास अमरीका को करा दिया था। ब्रिटनस्थित वृत्तसंस्था ने इस बारे में जानकारी ज़ाहिर करके खलबली मचा दी है। पिछले साल के नवम्बर महीने में भी किंग अब्दुल्ला ने ‘सारी मानवता के ख़िलाफ़ ही ‘तीसरा विश्वयुद्ध’ शुरू हुआ होने की’ चेतावनी दी थी।
किंग अब्दुल्ला ने अपने अमरीका दौरे में, अमरीका के विदेशमंत्री जॉन केरी, विरोधी पक्षनेता जॉन मॅक्वेन, साथ ही सिनेटर बॉब क्रॉकर इनके साथ साथ अन्य महत्त्वपूर्ण नेताओं से चर्चा की थी। उसका विवरण उस समय ज़ाहिर नहीं किया गया था। लेकिन ब्रिटनस्थित ऑनलाईन न्यूज़ पोर्टल ‘मिड्ल-ईस्ट आय’ ने किंग अब्दुल्ला की अमरिकी नेताओं के साथ हुई चर्चा के तफ़सील ज़ाहिर किये हैं। ‘कई देश अभी तक शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता में ही अटके हुए हैं। इस मानसिकता से बाहर आकर, दुनिया के सामने खड़ी हुईं चुनौतियों का विचार करने की ज़रूरत निर्माण हुई है’ ऐसा दावा किंग अब्दुल्ला ने अपने इस दौरे में किया था।
फिलहाल ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन को रोकने के लिए विभिन्न देश कार्रवाइयाँ कर रहे हैं। लेकिन दुनिया के सामने तीसरे विश्वयुद्ध का ख़तरा होकर, यह समस्या ‘आयएस’ की समस्या से भी कई गुना भयावह होने की बात किंग अब्दुल्ला ने अमरिकी नेताओं के पास स्पष्ट की। इतना ही नहीं, बल्कि अमरीका एवं रशिया के साथ साथ सभी देश इस ख़तरे को मद्देनज़र रखते हुए, एक होकर इसका मुक़ाबला करें, ऐसा आवाहन किंग अब्दुला ने किया। अपप्रवृत्तियों के खिलाफ़ लड़ने में ख्रिश्चन एवं ज्यूधर्मिय भी इस्लामधर्मियों की सहायता कर रहे होने का दावा किंग अब्दुल्ला ने किया।
इस संघर्ष के लिए अमरीका से लष्करी सहायता मिल रही है, ऐसा उन्होंने बताया। लेकिन अन्य देश कुछ ख़ास नहीं कर रहे हैं, ऐसी आलोचना भी अब्दुल्ला ने की होने की बात उपरोक्त ख़बर में कही गयी है। साथ ही, सोमालिया, केनिया, नायजेरिया इन देशों में रहनेवाले ‘आयएस’ तथा ‘अल क़ायदा’ से जुड़े हुए आतंकवादी संगठन, ये चिंता का विषय होने की बात भी किंग अब्दुल्ला ने कही थी।
इन अपप्रवृत्तियों के विरोध में लड़ने के लिए सभी देशों को चाहिए कि वे आपसी मतभेद दूर रखकर ही इस युद्ध में उतरें, ऐसा आवाहन किंग अब्दुल्ला ने अपने इस अमरीका दौरे में किया था। इस साल की शुरुआत में ही किंग अबदुल्ला ने दुनिया के सामने तीसरे विश्वयुद्ध का संकट खड़ा हुआ होने की चेतावनी दी थी। साथ ही, तीसरा विश्वयुद्ध टालने के लिए रशिया की भूमिका बहुत ही अहम साबित हो सकती है, ऐसा दावा भी किंग अब्दुल्ला ने किया था।
इसी दौरान, ब्रिटीश लष्कर का विशेष पथक ‘सास’ और जॉर्डन का विशेष लष्करी पथक इन्होंने मिलकर लिबिया में ‘आयएस’ के विरोध में जंग छेड़ी है। इस वर्ष की शुरुआत से ही जॉर्डन एवं ब्रिटन के लष्कर लिबिया में संघर्ष कर रहे होने की जानकारी किंग अब्दुल्ला ने सिनेट सदस्यों को दी, यह ख़बर इस ‘न्यूज़ पोर्टल’ ने प्रकाशित की है।
रशिया, अमरीका तथा मित्रदेशों द्वारा सिरिया एवं इराक़ में किये जा रहे हवाई हमलों के कारण ‘आयएस’ के आतंकी, पड़ोसी देशों में पलायन कर रहे हैं। लिबियास्थित ‘आयएस’ का अड्डा इन आतंकियों के लिए नया आश्रयस्थान साबित हो रहा है। इस पार्श्वभूमि पर, ब्रिटन एवं जॉर्डन के विशेष लष्करी पथक लिबिया के संघर्ष में उतरे होने का दावा किंग अब्दुल्ला ने किया। उसीके साथ, जॉर्डन एवं ब्रिटन के लष्कर अब जल्द ही ‘अल-शबाब’ इस अल-क़ायदा से जुड़े हुए आतंकवादी संगठन के ख़िलाफ़ अफ़्रिका के अन्य देशों में भी संघर्ष शुरू करनेवाले हैं, ऐसा किंग अब्दुल्ला ने कहा होने की बात इस ख़बर में बतायी गयी है।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)