सिडनी: जापान ने अमरिका की मिसाइल भेदी यंत्रणा को तैनात करने से रशिया को खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा आरोप रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह ने लगाया है| जापान की राजधानी टोकिओ में विदेशमंत्री तारो कोनो के साथ हुई बैठक में लाव्हरोव्ह ने इस मुद्दे को उपस्थित करके रशिया की चिंता व्यक्त की है|
पिछले कुछ वर्षों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने द्विपक्षीय सहकार्य बढाने के लिए पहल की है, लेकिन ‘कुरिल आयलैंड’ के मामले में विवाद और अमरिका की मिसाइल भेदी यंत्रणा की तैनाती, यह दोनों देशों एक बीच के तनाव का कारण हो रही है, यह बात सामने आ रही है|
पुतिन ने चौथी बार राष्ट्राध्यक्ष पद की शपथ लेने के बाद विदेशमंत्री लाव्हरोव्ह ने पहली बार जापान का दौरा किया है और द्विपक्षीय सहकार्य और कोरियन क्षेत्र के तनाव की पृष्ठभूमि पर यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जाती है| उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को ध्यान में रखकर जापान ने देश के विविध इलाके में ‘पॅट्रिऑट’ यह अमरिकी मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात की है और ‘एजिस ऑफ़शोअर मिसाइल डिफेन्स सिस्टम’ की तैनाती के बारे में पहल की है|
रशिया ने अमरिका की ‘एजिस’ मिसाइल भेदी यंत्रणा पर नियमित रूपसे आपत्ति जताई है और अमरिका को उनकी तैनाती को लेकर इशारा दिया है| एजिस यंत्रणा के दोहरे तरीके से होने वाले इस्तेमाल पर रशिया को आपत्ति है और यह इस्तेमाल रशिया की क्षमता को खतरा निर्माण करने वाला है, ऐसा आरोप लगाया है| जापान ने ‘एजिस’ की तैनाती पर पूरी तरह जापान सरकार का नियंत्रण रहेगा, ऐसा खुलासा किया है, फिर भी रशिया ने इसे इन्कार किया है| अमरिका ‘एजिस’ के माध्यम से हस्तक्षेप कर सकता है, ऐसा रशिया ने दावा किया है|
जापान दौरे में जापानी विदेशमंत्री के साथ मुलाकात में यह मुद्दा उपस्थित करके रशियन विदेशमंत्री ने ‘अमरिका की तैनाती’ का मुद्दा बहुत ही गंभीर होने का एहसास जापान को कराया है| जापान के विदेशमंत्री ने ‘एजिस’ यह पूर्णरूप से बचावात्मक यंत्रणा है और इससे रशिया या अन्य पडौसी देशों को कोई भी खतरा नहीं है, ऐसा खुलासा किया है| ‘एजिस’ के इस्तेमाल के बारे में फैसला करने का जापान को पूरा स्वातंत्र्य है, ऐसा भी विदेशमंत्री कोनो ने इस समय कहा है|
पिछले वर्ष उत्तर कोरिया ने किए परमाणु परीक्षण की पृष्ठभूमि पर दक्षिण कोरिया ने अमरिका की ‘थाड’ मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात की थी| इस तैनाती पर रशिया और चीन इन दोनों देशों ने आपत्ति जताई थी|
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)