‘साउथ चाइना सी’ और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ में शुरू हुआ चीन का हवाई अभ्यास मतलब युद्ध की रिहर्सल – चीनी हवाई दल की घोषणा

‘साउथ चाइना सी’ और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ में शुरू हुआ चीन का हवाई अभ्यास मतलब युद्ध की रिहर्सल – चीनी हवाई दल की घोषणा

साउथ चाइना सी, हवाई अभ्यास, वेस्टर्न पसिफ़िक, युद्ध की रिहर्सल, हवाई दल की घोषणा, चीन, वायुसेनाबीजिंग: “’साउथ चाइना सी’ और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ समुद्री क्षेत्र में चीन की वायुसेना ने शुरु किया हुआ अभ्यास मतलब आगे आने वाले युद्ध की रिहर्सल है”, ऐसी घोषणा चीन के वायुसेना ने की है। दो दिनों पहले अमरिकी नौसेना की विनाशिका ने चीन के निर्माण किए कृत्रिम द्वीप के पास गश्त लगाई थी। उसे प्रत्युत्तर देने का चीन ने इशारा दिया था। सदर हवाई अभ्यास यह चीन के प्रत्युत्तर का ही हिस्सा दिखाई दे रहा है।

चीन के वायुसेना के ‘सुखोई-३०’, ‘सुखोई-३५’ इन लड़ाकू विमानों के साथ ‘एच-६ के बॉम्बर’ विमानों का बेडा भी इस युद्धाभ्यास में उतरा है। इसके अलावा चीन के वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स भी ‘साउथ चाइना सी’ और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ के अभ्यास में शामिल हुए हैं और यह पिछले कुछ महीनों में हुए अभ्यासों में से सबसे बड़ा हवाई अभ्यास होने का दावा चीन कर रहा है।

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चीन के वायुसेना के प्रवक्ता ‘शेंक जिंके’ ने रविवार को दी हुई जानकारी के अनुसार, ‘साउथ चाइना सी’ में हवाई गश्त और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ में हवाई हमलों के अभ्यास पर जोर दिया गया है। ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ का अभयस शुरू करने से पहले चीन के विमानों ने जापान की दक्षिण में स्थित ‘मियाको की खाड़ी’ के द्वीपों की हवाई सीमा से यात्रा की।

‘चीन की वायुसेना का यह अभ्यास मतलब भविष्य के युद्ध की रंगीन तालीम और युद्ध सज्जता है’, ऐसी घोषणा जिंके ने की है। साथ ही ‘चीन अपनी समुद्री सीमा से दूर की दूरी पर जितना अभ्यास करेगा उतने प्रमाण में युद्ध जितने की संभावना बढ़ेगी और युद्धकालीन संकटों पर नियंत्रण पाने में चीन सफल हो जाएगा’, ऐसा दावा चीन के वायुसेना के प्रवक्ता ने किया है।

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चीनी वायुसेना का दोनों समुद्री क्षेत्र का यह युद्धाभ्यास कब से शुरू हुआ, इसका तपशील जिंके ने दिया नहीं है। लेकिन इस हवाई अभ्यास में ‘सुखोई-३५’ लड़ाकू विमानों का बड़ा उतारकर चीन अपने विरोधकों को इशारा दे रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसके पहले चीन ने रशिया की तरफ से ख़रीदे गए ‘सुखोई-३५’ विमानों का युद्धाभ्यास में इस्तेमाल नहीं किया था। इन विमानों का इस्तेमाल लम्बी दूरी के युद्ध में किया जाता है। इस वजह से इन लड़ाकू विमानों को सदर युद्धाभ्यास में शामिल करके चीन अपनी समुद्री क्षेत्र से दूर स्थित ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ युद्ध की तैयारी करा रहा है, ऐसा कहा जाता है।

दौरान, कुछ महीनों पहले चीन के लड़ाकू विमानों ने प्रशांत महासागर तक यात्रा की थी।

(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)

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