काबुल: ‘रशिया अफगानिस्तान में अस्थिरता निर्माण कर रहा है। रशिया तालिबान के आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है और इसके लिए ताजिकिस्तान की सीमारेखा का इस्तेमाल कर रहा है’, ऐसा आरोप अफगानिस्तान में स्थित अमरिकी कमांड प्रमुख ‘जनरल जॉन निकोल्सन’ ने किया है। उन्होंने इसके लिए अफगानी नेतओंने दी हुई जानकारी का प्रमाण दिया है। लेकिन रशिया ने अमरिका इन आरोपों को ख़ारिज किया है।
जॉन निकोल्सन ने एक ब्रिटिश न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में रशिया की गतिविधियाँ अफगानिस्तान को अस्थिर बना रहीं है, ऐसा आरोप लगाया है। अफगानिस्तान में तालिबान को रशिया का समर्थन और सहायता मिल रही है, ऐसा दावा निकोल्सन ने किया है। तालिबान को हथियारों से सज्ज करने के लिए रशिया अपप्रचार और गुप्त गतिविधियाँ कर रहा है, ऐसी जानकारी जनरल निकोल्सन ने दी है।
अफगानिस्तान के ‘आईएस’ के आतंकवादियों की संख्या भयानक रूपसे बढने का दावा रशिया ने कुछ महीनों पहले किया था। सीरिया और इराक में हड़बड़ी मचने वाले ‘आईएस’ के आतंकवादी सेव्हिएत रशियन देश और अफगानिस्तान के सीमा क्षेत्र से रशिया में घुसपैठ कर सकते हैं, ऐसा दावा रशिया ने किया था। इसकी निकोल्सन ने याद दिलाई है।
इसके लिए रशिया ने अफगानिस्तान में तालिबान की ‘आईएस’ विरोधी कार्रवाइयों का भी समर्थन किया था। ऐसा रशिया ने पहली बार तालिबान को खुलकर समर्थन दिया है। लेकिन रशिया ने तालिबान को आर्थिक और लष्करी सहायता देने की भी खबरें प्रसिद्ध हुईं थी, ऐसा कहकर निकोल्सन ने रशिया पर टीका की है। कुछ हफ़्तों पहले अफगानिस्तान के कुछ स्थानीय नेताओं ने तालिबान के आतंकवादियों की ओर से कुछ हथियारों का भंडार कब्जे में लिया था। इसमें रशियन निर्माण के हथियारों का समावेश था। इस वजह से तालिबान को मिलने वाली शस्त्र सहायता में रशिया के शामिल होने की पुष्टि हुई है, यह जानकारी जनरल निकोल्सन ने दी है। इसके अलावा कुछ महीनों पहले कुछ तालिबानी नेताओं ने रशिया अपना सहकारी है और रशिया की तरफ से हमें हथियारों की सहायता मिलती है इस बात को कबूल किया था, इस बात की तरफ जनरल निकोल्सन ने ध्यान आकर्षित किया है।
दौरान, पिछले वर्ष मार्च महीने में अमरिका के प्रमुख न्यूज़ चैनल ने रशिया ने तालिबान को राजनीतिक और लष्करी सहायता करने की खबर प्रसिद्ध की थी। अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व बढे इसलिए रशिया की तरफ से तालिबान को यह सहायता दी जा रह है, ऐसा आरोप अमरिकी न्यूज़ चैनल ने किया था। लेकिन अमरिका के इन आरोपों को कोई अर्थ नहीं है, ऐसा कहकर रशिया ने इन आरोपों को ख़ारिज किया था।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)