मॉस्को: सन १९६२ में हुए ‘क्युबन मिसाइल क्राइसिस’ के बाद दुनिया पहली बार विश्वयुद्ध की दहलीज पर आ पहुंची है, ऐसा दावा विख्यात विश्लेषक ‘फिल बटलर’ ने किया है। अमरिका, ब्रिटन और रशिया इन प्रमुख देशों एकदूसरे के खिलाफ शुरू की हुई गतिविधियों को देखा जाए तो, इससे यही निष्कर्ष निकलता है, ऐसा बटलर ने कहा है।
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमरिका और रशिया के बीच संघर्ष भडकने की कड़ी संभावना ‘क्युबन मिसाइल क्राइसिस’ की वजह से निर्माण हुई थी। सन १९६२ में सेव्हिएत रशिया ने क्यूबा में अपने बैलेस्टिक मिसाइल तैनात किए थे। अमरिका ने इटली और तुर्की इन देशों में मिसाइल तैनात करने के बाद उसपर रशिया की तरफ से आई यह प्रतिक्रिया मानी जाती है। अमरिका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष जॉन एफ केनेडी ने इस पर सेव्हिएत रशिया को युद्ध की धमकी दी थी। तब सेव्हिएत रशिया के राष्ट्राध्यक्ष नीकिता क्रुश्चेव्ह ने इस मामले में पीछे हटने से इन्कार किया था। लेकिन सफल चर्चा के बाद यह तनाव कम हो गया था। लेकिन वर्तमान में दुनिया में वही परिस्थिति निर्माण हुई है, इसका एहसास बटलर ने कराके दिया है।
अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सुरक्षा सलाहकार के तौर पर उग्र प्रवृत्ति के जॉन बोल्टन की नियुक्ति करके आक्रामक दांवपेच शुरू किये हैं। उधर ब्रिटन ने स्क्रिपल विषप्रयोग प्रकरण पर जोर देकर रशिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई की घोषणा की है। अमरिका और ब्रिटन के प्रभाव के नीचे के देशों ने रशिया के अधिकारियों को खदेड़ना शुरू किया है। उसीके साथ ही ब्रिटन रशिया के खिलाफ राजनीतिक और साइबर युद्ध की तैयारी कर रहा है। इन सभी घटनाओं को देखा जाए तो वर्तमान की स्थिति ‘क्युबन मिसाइल क्राइसिस’ से भी भयानक है, ऐसा बटलर का कहना है।
रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन पश्चिमी देशों की इन कार्रवाइयों को उत्तर दिए बिना चुप नहीं बैठेंगे। कुछ दिनों पहले राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया के पास के प्रभावी मिसाइलों की जानकारी देकर अपने सामर्थ्य का एहसास पूरी दुनिया को कराके दिया था। इसका कारण है, पश्चिमी देशों की रशिया विरोधी गतिविधियों की कल्पना उनको पहले से ही आई थी। जो आम लोगों को मालूम नहीं, वह रशिया को पहले ही मालूम हो गया है। दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के समीप आ पहुंचा है, इसका एहसास हुए रशिया ने इसके लिए अपनी गतिविधियाँ बढ़ाईं हैं, ऐसा दावा बटलर ने किया है।
दौरान, अपनी रशिया के पक्ष में भूमिका के लिए प्रसिद्ध बटलर ने पश्चिमी देशों को इस तनाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है। स्क्रिपल पर हुए विषप्रयोग के बारे में रशिया पर किए जाने वाले आरोप सच नहीं हैं, ऐसा दावा किया है। रशिया के खिलाफ विविध स्तरपर युद्ध छेड़ने के लिए पश्चिमी देशों ने यह वजह आगे की है, ऐसा बटलर का कहना है। साथ ही रशिया और जर्मनी के बीच बनाई जा रही ‘नॉर्ड स्ट्रिम २’ इस इंधन चैनल को दोनों देशों की तरफ से मंजूरी मिली है और उसके बाद रशिया के खिलाफ पश्चिमी देशों की गतिविधियाँ शुरू हुईं हैं, यह इत्तेफाक नहीं है ऐसा कहकर बटलर ने इस बात की तरफ ध्यान आकर्षित किया है।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)