रविवार से सऊदी अरेबिया में २३ देशों का भव्य युद्धाभ्यास शुरू हुआ है। ‘जॉइंट गल्फ शिल्ड’ नाम के इस युद्धाभ्यास में सऊदी के अरब मित्र देशों के साथ साथ अमरिका, पाकिस्तान, इजिप्त जैसे देश शामिल हुए हैं। लष्कर, नौसेना, हवाई दल और स्पेशल फोर्सेस इन पथकों का इसमें समावेश है। रविवार को शुरू हुआ यह युद्धाभ्यास ‘जॉइंट गल्फ शिल्ड’ का दूसरा पड़ाव है, ऐसा कहा जाता है।
सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमरिका के दौरे पर हैं और इस दौरे में ईरान पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई है, ऐसा कहा जाता है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने नियमित रूपसे ईरान के खिलाफ भूमिका अपनाई है और इस मुद्दे पर सऊदी अरेबिया को पूरा सहकार्य करने का आश्वासन दिया है।
पिछले हफ्ते में ही येमेन के हौथी बागियों ने सऊदी की राजधानी रियाध के साथ चार शहरों पर सात मिसाइलें दागे थे। इन मिसाइलों के हमले में एक की जान गई है और वित्तहानी भी हुई है। येमेन की सीमारेखा से सीधे सऊदी की राजधानी में प्रेवश करने वाली इन मिसाइलों की आपूर्ति ईरान ने हौथी बागियों को की है, ऐसा आरोप सऊदी ने किया था। साथ ही खाड़ी देशों में शुरू अस्थिरता और आतंकवादी कार्रवाइयों के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप सऊदी और सऊदी के खाड़ी के मित्रदेश कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, सऊदी ने अपने मित्र देशों के साथ शुरू किया यह युद्धाभ्यास मतलब ईरान विरोधी मोर्चे का सामर्थ्य प्रदर्शन होने का दावा किया जाता है।
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