अंकारा: अमरिका, फ़्रांस और इस्रायल जैसे बलाढ्य देशों को एक ही समय पर चुनौती देने वाली भाषा करने वाले तुर्की, रशिया और ईरान की त्रिपक्षीय चर्चा की तरफ दुनियाभर के निरीक्षकों का ध्यान लगा है। बुधवार से शुरू हुई इस चर्चा से पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने लिए निर्णय बहुत बड़ी उलट पुलट के के संकेत दे रहे हैं। इसमें रशिया की तरफ से तुर्की को आपूर्ति की जाने वाली ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा के बारे में निर्णय सबसे महत्वपूर्ण साबित होता है। इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा की नियोजित समय से बहुत पहले, तत्काल तुर्की को आपूर्ति करने का निर्णय रशिया ने लिया है।
राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के आदेश के अनुसार तुर्की का लष्कर सीरिया में घुसकर कार्रवाई कर रहा है। सीरिया ने आफ्रिन में कुर्द बागियों पर की कार्रवाई के बाद मनबिज और इदलिब यह शहर तुर्की के निशाने पर होंगे, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने घोषित किया। मनबिज शहर में भले ही अमरिका के लष्कर की तैनाती है, लेकिन उससे तुर्की की कार्रवाई में फरक पड़ने वाला नहीं है, ऐसे स्पष्ट संकेत एर्दोगन ने दिए हैं। उसपर अमरिका से प्रतिक्रिया आई है और अपनी सुरक्षा को खतरा निर्माण हुआ तो प्रति हमला करने का अधिकार अमरिका के सैनिकों को होगा, ऐसा अमरिका ने इशारा दिया है।
सीरिया में यह कार्रवाई करते समय, तुर्की इराक के कुर्दिस्तान में भी लष्करी गतिविधियाँ बढ़ा रहा है। साथ ही फ़्रांस और इस्रायल इन देशों को भी तुर्की धमका रहा है। ऐसी परिस्थिति में तुर्की अपनी हवाई सुरक्षा के बारे में अधिक संवेदनशीलता दिखा रहा है, यह भी सामने आया है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष के तुर्की दौरे में तुर्की रशिया की तरफ से खरीद रहा ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा तुर्की को जल्द मिले, ऐसी माँग की है। यह माँग रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने मान्य की है और सन २०१९ के जुलाई महीने में रशिया की तरफ से यह यंत्रणा तुर्की को मिलने वाली है, ऐसा तुर्की ने घोषित किया है।
रशिया और तुर्की के बीच ‘एस-४००’ बारे में लगभग २.५ अरब डॉलर्स का अनुबंध हुआ था। यह हवाई सुरक्षा तुर्की के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं। रशिया इस यंत्रणा की आपूर्ति तुर्की को नियोजित समय से पहले ही कर रहा है, इस बात को भी जानकार अधोरेखित कर रहे हैं। उसी समय रशिया की यह हवाई सुरक्षा यंत्रणा अमरिका के सबसे प्रगत माने जाने वाले ‘एफ-३५’ विमान को गिराने की क्षमता रखती है, ऐसा सूचक इशारा मीडिया में प्रसिद्ध किया जा रहा है। इस वजह से तुर्की रशिया की सहायता लेकर अमरिका चुनौतियों का मुकाबला करने की तैयारी में है, ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)