मॉस्को – ‘यदी अमरीका ने फिर से सीरिया पर हमला किया तो अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर अराजकता निर्माण होगी’, ऐसी धमकी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दी। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी के बीच हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए रशियन एजन्सीयों ने यह दावा किया। अमरीका, फ्रान्स और ब्रिटन ने सीरिया पर किया हमला पूर्ण रुप से अवैध था और यह एक देश की संप्रभूता का उल्लंघन है, इस पर भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी में एक वाक्यता बनी, ऐसी जानकारी रशिया के एजन्सीयों ने दी।
अमरीका और मित्र राष्ट्रों ने सीरिया पर किए हमले के खिलाफ रशिया ने संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की बैठक को बुलाकर प्रस्ताव रखा था। ऐसा दिखाई दे रहा था की रशिया इस प्रस्ताव के मसले पर एकाकी पड़ चुका है। चीन ने भी पूर्ण रूप से अमरीका और मित्र राष्ट्रों के खिलाफ होने से नकार दिया, जिससे सुरक्षा परिषद में रशिया ने खुद को अकेला पाया। मात्र इसके बाद रशिया और भी आक्रमक होते हुए दिखाई दे रहा है। इस पृष्ठभूमी पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने सीरिया पर नए हमले चढ़ाने के खिलाफ अमरीका और मित्र देशों को धमकी दी है।
संयुक्त राष्ट्र में अमरीका की राजदूत निक्की हॅले ने आगाह करते हुए कहा था की, यदी सीरियन सरकार ने फिर से रासायनिक हमले किए तो अमरीका के प्रक्षेपास्त्र तैयार रहेंगे। इस पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने जवाब दिया, दिखाई दे रहा है। रशियन एजन्सीयों ने दी जानकारी के अनुसार, सीरिया पर नए हमले हुए तो वह संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन होगा। बार-बार इस तरह से नियमों का उल्लंघन होता रहा तो अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर अराजकता निर्माण होने से नहीं रोका जा सकता, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के साथ हुई बातचित में कहा।
इसी दौरान, सीरिया पर हुए हमले को जवाब मिलेगा, ऐसा रशिया ने इन हमलों के बाद चेतावनी दी थी। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अमरीका और मित्र देशों को वैसी धमकी भी दी थी। लेकिन यह जवाब कौनसे स्वरूप में होगा, इस पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन अथवा अन्य रशियन नेताओं ने रोशनी नहीं डाली। इससे रशिया द्वारा अमरीका और मित्र देशों के खिलाफ संभाव्य कार्रवाई की चर्चा पश्चिमी मीडिया में शुरू हुई है। ब्रिटन के भूतपूर्व सेना अधिकारी ने रशिया अपने देश पर बड़े सायबर हमले करेगा, ऐसा ख़बरदार किया था। इसके लिए ब्रिटन साथही अमरीका और फ्रान्स भी तैयार रहे, ऐसा इस अधिकारी ने सुचित किया था।
वहीं रशियन अधिकारी खुलेआम अपने देश की प्रतिसाद के बारे में भले ना बोल रहें हो, लेकिन अमरीका, फ्रान्स और ब्रिटन के सीरिया पर हुए हमले से एटमी युद्ध की संभावना नकार नहीं सकते, ऐसी सूचक चेतावनी दे रहे है।
रशिया के दो युद्धपोत बड़े हथियारों के साथ सीरिया के लिए रवाना
मॉस्को/दमास्कस – शनिवार प्रात: अमरीका-ब्रिटन-फ्रान्स ने सीरिया पर किए हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने जोरदार तैयारी शुरू की है। दो अतिरिक्त युद्धपोत और हथियारों का जकीरा सीरिया की ओर रवाना हो चुका है। रविवार को तुर्की के ‘बॉस्फोरस सामुद्रधुनी’ में रशियन युद्धपोत दिखाई देने की वार्ता सामने आई है, साथही इसके फोटोग्राफ्स भी प्रकाशित हुए है।
रशियन युद्धपोत के फोटोग्राफ्स ट्विटर से प्रकाशित करते हुए नौदल विशेषज्ञ ‘युरूक इसिक’ ने इन गतिविधियों को जानकारी उज़ागर की। इन में दो रशियन युद्धपोत दिखाई दे रहीं है, जिस पर टैंक, हथियारों से लैस मोटार, हायस्पीड पैट्रोल बोट्स, ‘आयडी रडार’ यह भी शामिल है। इन युद्धपोतों में ‘प्रोजेक्ट ११७ ऍलिगेटर क्लास’ और ‘रो रो अलेक्झांडर कॅशेन्सको’ भी शामिल है।
रशिया ने पिछले दो सालों में सीरिया में १० हजार से भी अधिक जवान तैनात किए है, साथ ही ‘तार्तूस’ और ‘खेमिम’ इन ठिकानों पर बेस भी कार्यरत है। इन सैनिकी बेस के साथ ‘एस-४००’ और ‘एस-३००’ इन प्रगत प्रक्षेपास्त्र भेदक रक्षा प्रणाली साथही प्रगत युद्धपोत, विनाशिका और पनडुब्बी तैनात है। रशिया द्वारे मिले इस सहयोग के कारन सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-असाद को देश पर अपनी पकड़ मजबूत करने में सफलता मिली है।
लेकिन अमरीका, फ्रान्स और ब्रिटन ने किए हमलों के कारन सीरिया में चल रहें संघर्ष का पलड़ा असाद के खिलाफ घुमेगा, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रहीं है।
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