दक्षिण सीरिया के संघर्ष में ईरान दखलअंदाजी न करने के संकेत
रियाध/अम्मान – इस्रायल के सर्वनाश की घोषणा करनेवाले ईराने ने खुद आगे आते हुए इस्रायल के साथ गोपनीय बातचीत शुरु करने की चौका देनेवाली जानकारी सामने आयी है। जॉर्डन की राजधानी अम्मान में ईरान के राजदूत ‘मुस्ताफ मोसलेहजादेह’ की इस्रायल के खुफिया एजन्सी के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई, ऐसा सनसनीखेज खुलासा सौदी अरेबिया के वेबसाईट ने किया है। सीरिया में इस्रायल द्वारा ईरान के अड्डों पर चढाये गये कडे हमलों में ईरान का भारी नुकसान हुआ है। इसके चलते ईरान इस बातचीत के लिए आगे आया, ऐसा दावा सौदी वेबसाईटने किया है।
पिछले हफ्ते जॉर्डन की राजधानी अम्मान में एक हॉटेल में इस्रायल और ईरान के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। इस बातचीत के लिए जॉर्डन ने मध्यस्थ की भूमिका निभायी, ऐसा कहा जाता है। अम्मान के हॉटेल में हुए बातचीत से पहले इस्रायल और ईरान के बीच जॉर्डन की मध्यस्थी से संदेशों का आदानप्रदान हुआ था, ऐसी जानकारी ‘एलाफ’ इस सौदी वेबसाईटने दी है।
ईराने के जॉर्डन में नियुक्त राजदूत ‘मुस्ताफ मोसलेहजादेह’ और इस्रायल की खुफिया एजन्सी के उपप्रमुख के नेतृत्त्व में बातचीत संपन्न हुई। बातचीत में ईरान तथा इस्रायल के सैनिकी अधिकारी भी शामिल हुए थे। इस्रायल द्वारा ईरान के अड्डों पर हो रहे हमले और उस में हुआ जबरा नुकसान, इन घटनाओं के चलते ईरान द्वारा संघर्ष रोकने के लिए प्रस्ताव आगे किया गया था, ऐसी जानकारी बातचीत में सहभागी सूत्रों ने दी। ‘एलाफ’ ने यह दावा किया है।
बातचीत के दौरान दक्षिण सीरिया में इस्रायल-जॉर्डन सरहद के नजदीक होनेवाले ‘दारा’ और ‘कुनित्रा’ क्षेत्र में चल रहे संघर्ष में शामिल न होने के मसले पर दोनों देशों में एकमत हो गया। ईरान की सेना, हिजबुल्लाह और समर्थक गुट दक्षिण सीरिया में सीरियाई सेना के मुहीम में शामिल नही होंगे। इस्रायल, ‘जॉर्डन-इस्रायल सरहद’ और गोलान पहाडी क्षेत्र में सीरियाई सेना और विद्रोहियों में चल रहें संघर्ष में दखलअंदाजी नही लेगा, ऐसा इस्रायल ने कबुल किया है। साथ ही जॉर्डन ने भी अपनी सरहद से सीरिया में विद्रोहियों को घुसने नही दिया जाएगा, ऐसा आश्वासन दिया है।
सीरिया में चल रहें संघर्ष के मसले पर ईरान और इस्रायल में ऐसी बातचीत होने की यह पहली घटना है। ईरान ने इससे पहले हमेशा इस्रायल के विनाश की धमकियां देते हुए तेल अवीव और अन्य शहरों पर आक्रमक क्षेपणास्त्र हमले करने की चेतावनी दी थी। पर सीरिया पर हुए संघर्ष में इस्रायल द्वारा ईरान को कडा झटका देने की बात सामने आयी है।
इस्रायल द्वारा सीरिया स्थित ईरान के अड्डों पर किये गये हवाईहमलों में ईरान के सैकडो जवानों की मौत हो गयी, ऐसा बताया जाता है। साथ ही में इन अड्डों पर ईरान के हथियारों का भांडार नष्ट करने में भी इस्रायल को सफलता मिली है। इन हमलों के लिए इस्रायल द्वारा ‘एफ-३५’ इस प्रगत अमरिकी लडाकू विमान का इस्तेमाल होने की बात भी सामने आयी है।
इस्रायल द्वारा दिये गये इस झटके की वजह से ईरान ने पिछे हटते हुए सीधे बातचीत का प्रस्ताव आगे किया होगा, ऐसा कहा जा रहा है। इस बातचीत में इस्रायल द्वारा ईरान को सीरिया के संभावित दखलअंदाजी पर कडी चेतवानी दी जाने की बात भी बतायी जा रही है।
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