वॉशिंग्टन – अमरिका के फ्लोरिडा प्रांत के ‘नॉर्थ फ्लोरिडा युनिव्हर्सिटी’ द्वारा चीन के सहयोग से शुरु हुई ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ बंद करने का फैसला लिया है। विश्वविद्यालय के उद्देशों से ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ का काम मेल नही खा रहा, ऐसी वजह बताकर यह फैसला लिया गया है, ऐसे ‘नॉर्थ फ्लोरिडा’ विश्वविद्यालय द्वारा स्पष्ट किया गया। चीन द्वारा इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नही दी गयी है। अमरिका के वरिष्ठ सिनेटर मार्को रुबिओ ने इसका स्वागत करते हुए, देश की शिक्षणसंस्थाओं में चीन का प्रभाव बढने का इल्जाम लगाया।
अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने हमेशा से चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका का समर्थन किया है। पिछले कुछ महीनों से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अमरिका के खिलाफ शुरु की कारोबारी जंग चर्चा का विषय रहा है। दुनिया भर में इस पर तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। व्यापार के साथ ही तकनीक तथा अवकाश क्षेत्र में चीन का बढता वर्चस्व, सायबरहमले, ‘साऊथ चायना सी’ में चल रही गतिविधियां, तैवान, उत्तर कोरिया, ‘वन बेल्ट, वन रोड’ जैसी योजनाओं पर अमरिका द्वारा चीन के खिलाफ कडी भूमिका ली गयी है।
इस पृष्ठभूमी पर, अमरिकी शिक्षणसंस्थाओं में चीन की दखलअंदाजी, दो देशों के बीच तनाव का नया मुद्दा होने के संकेत मिल रहे है। छह महीने पहले अमरिका की खुफिया एजन्सी ‘सीआयए’ द्वारा, चीन से अमरिकी शिक्षणसंस्था और अन्य उपक्रमों में प्रभाव बढाने के लिए कोशिश चल रही है, ऐसा रिपोर्ट सादर किया गया था। इस में चीन में अमरिका के १०० से ज्यादा विश्वविद्यालयों में शुरु हुए ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ का जिक्र था। इस माध्यम से चीन अमरिकी विश्वविद्यालयों में चीन की संस्कृती पक्की करने का और साथ ही आर्थिक बल पर शिक्षणसंस्थाओं में वर्चस्व पाने की कोशिश कर रहा है, ऐसी चेतावनी दी गयी थी।
अमरिका की जॉंच एजन्सी ‘एफबीआय’ द्वारा भी अमरिकी विश्वविद्यालयों में चलाये जा रहें ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ केंद्रों की पडताल शुरु है, ऐसा संसद की सुनवाई में बताया गया था। अमरिकी एजन्सिओं ने ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ चीन के लिए जासूसी की जगह के तौर पर काम कर सकती है, ऐसी चिंता भी जतायी थी। इसी पृष्ठभूमी पर, अमरिकी संसद के सदस्यों ने नया विधेयक भी सामने रखा था।
इस विधेयक में, अमरिकी विश्वविद्यालयों को परदेशी स्रोत द्वारा मिलनेवाली आर्थिक सहायता तथा पुरस्कार घोषित करना बंधनकारक रहेगा, ऐसे प्रावधान का समावेश था। साथ ही ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ को अमरिकी कानून के अनुसार ‘फॉरेन एजंट’ के तौर पर दर्ज करना जरुरी किया जाए, इसलिए भी संसद में कोशिशें शुरु है, ऐसा माना जाता है। इसलिए अमरिका के फ्लोरिडा प्रांत के सिनेटर मार्को रुबिओ प्रयास कर रहे है। सिनेटर रुबिओ ने कुछ महीने पहले फ्लोरिडा प्रांत की सब शिक्षणसंस्थाओं को ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’के साथ सहयोग तोडने जा आवाहन किया था।
‘नॉर्थ फ्लोरिडा’ विश्वविद्यालय ने लिया फैसला इसी आवाहन का असर माना जा रहा है। इस विश्वविद्यालय से पहले अमरिका के तीन प्रमुख शिक्षणसंस्थाओं द्वारा ‘कन्फ्युशिअस इन्स्टिट्यूट’ की शाखा बंद करने का फैसला लिया गया था। इस में ‘वेस्ट फ्लोरिडा युनिव्हर्सिटी’, ‘पेनसिल्व्हेनिया स्टेट युनिव्हर्सिटी’ और ‘युनिव्हर्सिटी ऑफ शिकागो’ शामिल है। एक तरफ अमरिकी शिक्षणसंस्थाओं में चीन के दखलअंदाजी का मसला चर्चा में आया है, वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के शिक्षणसंस्थाओं में भी चीन द्वारा आर्थिक बल पर दखलअंदाजी के प्रयास हुए है, यह बात खुलकर सामने आयी थी।
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