वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच ‘जी-२०’ परिषद् में होने वाली चर्चा में व्यापारयुद्ध पर समाधान नहीं निकला तो चीन की तरफ से अमरिका में निर्यात की जाने वाली पूरी निर्यात पर कर लगाने की तैयारी अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने की है। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने यह खबर दी है और दिसम्बर महीने की शुरुआत में करों की घोषणा की जाएगी, ऐसा दावा किया गया है। पिछले तीन महीनों से चीन की अर्थव्यवस्था को व्यापारयुद्ध की वजह से जबरदस्त नुकसान होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में नए करों को लगाया गया तो चीन की सत्ताधारी राजवट को बड़े संकटों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा दिखाई दे रहा है
३० नवम्बर को अर्जेंटीना में ‘जी-२०’ समूह की बैठक आयोजित की गई है और इस बैठक को अमरिका और चीन दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष उपस्थित थे रहने वाले हैं। इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच द्विपक्षीय मुद्दे पर भी चर्चा होगी और उसमें व्यापार युद्ध को प्राधान्य दिया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापारी अनुबंध हो सकता है, ऐसे संकेत दिए थे। लेकिन चीन की तरफ से उसपर प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अमरिका ने शुरू किए व्यापार युद्ध में समझौता करने के लिए चीन की तरफ से की गई अब तक सारी कोशिशें नाकाम साबित हुईं हैं। चीन अपनी व्यापार पद्धति में बदलाव करे और बुद्धिसंपदा हक़ की चोरी रोक दे, यह अमरीका की प्रमुख मॉंगे हैं। वह मान्य होने के बाद ही आगे की चर्चा हो सकती है, ऐसी आक्रामक भूमिका अमरिका ने अपनाई है। लेकिन चीन अमरिका की तरफ से लगाए गए करों के मुद्दे पर चर्चा करने का आग्रह कर रहा है और ट्रम्प ने चीन की भूमिका को पूरी तरह से खारिज की है।
उसी समय अमरिका की तरफ से चीन की २५० अरब डॉलर्स से अधिक की निर्यात पर लगाए गए करों से बड़ा नुकसान चीन की अर्थव्यवस्था को हो रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार निर्यात और औद्योगिक उत्पादन इन दोनों क्षेत्रों की गति मंद हुई है और उसके परिणाम आर्थिक विकास पर होते दिखाई दे रहे हैं। व्यापार युद्ध शुरू होने के बाद लगातार दो तिमाही में चीन का आर्थिक विकास दर गिरता जा रहा है और ‘युआन’ मुद्रा के मूल्य में भी विक्रमी गिरावट हो रही है।
अमरिका ने चीन की कुल निर्यात की तुलना में लगभग ५० प्रतिशत चीनी निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद चीन की अर्थव्यवस्था को लगा हुआ झटका, नए करों का संकट बड़ा झटका साबित होगा, इसके स्पष्ट संकेत देने वाला है। उसी समय अमरिका की तुलना में चीन के पास प्रत्युत्तर के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध नहीं हैं, यह बात भी सामने आई है। इस वजह से अमरिका ने लगभग ५०० अरब डॉलर्स की चीनी निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाएं तो चीन की सत्ताधारी राजवट को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा कहा जा रहा है।
उसी समय अमरिका और चीन के बीच पूरी क्षमता से व्यापार युद्ध भड़का तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उसके गंभीर परिणाम दिखाई देंगे, ऐसी चेतावनी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और वैश्विक व्यापार संगठन ने पहले ही दी थी। यह व्यापारयुद्ध दुनिया को नई आर्थिक मंदी में धकेलने वाला साबित होगा, ऐसी चिंता भी व्यक्त की गई है।
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