अमरिका चीन को घेर रहा है – अमरिका के पूर्व राजनीतिक अधिकारी का दावा

अमरिका चीन को घेर रहा है – अमरिका के पूर्व राजनीतिक अधिकारी का दावा

वॉशिंगटन – दक्षिण कोरिया में अमरिकी सेना की तैनाती और उसी समय उत्तर कोरिया के साथ सन्धि स्थापित करने के विषय में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने स्वीकारी हुई भूमिका दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए नहीं है। बल्कि दक्षिण कोरिया में अमरिकी सैनिकों की तैनाती यह चीन के विरोध में हैं। चीन को घेरने के लिए ट्रम्प प्रशासन से यह सब किया जा रहा है, ऐसा दावा अमरिका के पूर्व राजनैतिक अधिकारी ‘जिम जॅट्रास’ ने किया हैं।

अमरिकी सीनेट की विदेश नीति के पूर्व सलाहकार रहे जॅट्रास ने एक रशियन मीडिया चैनल को दिए हुए इंटरव्यू में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की नीतियों का अनुमान लगाना मुश्किल होने की बात कही। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और उनके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कई मुद्दों पर विवाद होने का दिखाई देता हैं। क्योंकि ट्रम्प की नीति उनके प्रशासन के अधिकारियों की नीतियों जैसी घोषित नहीं की जा सकती हैं, ऐसा जॅट्रास कहा हैं। इसलिए जॅट्रास ने सिरिया और उत्तर कोरिया का उदाहरण दिया हैं।

अमरिका ने उत्तर कोरिया के साथ बिना वार्तालाप किए सीधे कार्रवाई करनी चाहिए, ऐसा उनके प्रशासन के अधिकारियों का कहना था। परंतु राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सिंगापुर में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जॉंग-उन से मुलाकात करके झटका दिया था। उसके पश्चात उत्तर कोरिया परमाणु हथियार मुक्त करने पर आम सहमति हुई थीं। परंतु ट्रम्प की उत्तर कोरिया के तानाशाह के साथ मुलाकात मतलब राजनयिक खेल होने का दावा जॅट्रास ने किया है।

उत्तर कोरिया के साथ वार्तालाप करने पर भी दक्षिण कोरिया में अमरिका के सैनिकों की तैनाती कायम रखने का ट्रम्प का निर्णय चीन को आंखों के सामने रखते हुए लिया गया हैं। इसलिए अमरिका उत्तर कोरिया के साथ सफलतापूर्वक वार्तालाप नहीं कर रहा क्योंकि वार्तालाप सफल साबित हुआ तो अमरिका को दक्षिण कोरिया से २९ हजार सैनिक वापस बुलाने होंगे। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को यह नहीं चाहिए।

अमरिका के सैनिकों की दक्षिण कोरिया में तैनाती उत्तर कोरिया के विरोध में नहीं होते हुए चीन को घेरने के लिए है। इसलिए ट्रम्प कोरियन देशों के बीच का विवाद पूरी तरह से सुलझाने का प्रयत्न नहीं कर रहे है। उसी समय उत्तर कोरिया को अपने विरोध में भी नहीं जाने दे रहे, ऐसा दावा जॅट्रास ने किया है। ट्रम्प के साथ किम जॉंग-उन से मुलाकात होने के पश्चात उत्तर कोरिया ने एक भी परमाणु हथियार या मिसाइल परीक्षण नहीं किया है, इस ओर कुछ विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। तो ‘साउथ चायना सी’ में अमरिका के लष्करी गतिविधियां भी चीन को घेरने की परियोजना का एक हिस्सा होने का बताकर जॅट्रास ने ट्रम्प की राजनयिक कुशलता की सराहना की हैं।

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