वॉशिंग्टन/बगदाद – उत्तरी इराक के ‘किरकूक’ में बने अमरिका के लष्करी अड्डे पर राकेट हमला हुआ| इस दौरान अमरिकी अड्डे पर ३० राकेट गिरने की खबर है और इस हमले में अमरिकी कान्ट्रैक्टर मारा गया है और कई अमरिकी सैनिक घायल हुए है| इस राकेट हमले के लिए इराक में मौजूद ‘पॉप्युलर मोबिलायझेशन फोर्सेस’ यह ईरान से जुडी हथियारी संगठन जिम्मेदारी होने की आशंका व्यक्त हो रही है| इसी बीच इराक सरकार ने अमरिका के हितसंबंधों पर हो रहे हमलें रोके नही तो आगे जो भी कुछ होगा वह किसी के भी हाथ में नही रहेगा, यह इशारा अमरिका ने दिया था|
इराक में तैनात अमरिका और मित्रदेशों की संयुक्त सेना ने किरकूक में हुए हमलें की जानकारी सार्वजनिक की| शुक्रवार की शाम यहां के अमरिकी लष्करी अड्डे पर तेज राकेट हमलें हुए| कम से कम ३० राकेटस् ने इस लष्करी अड्डे को लक्ष्य किया| इस हमले में अमरिकी अड्डे पर किया गया हथियारों का भंडार तबाह हुआ है| अमरिका और इराकी सुरक्षा यंत्रणाओं ने साझा की जानकारी के अनुसार इस हमले में एक अमरिकी कान्ट्रैक्टर मारा गया है और मारे जानेवाले लोगों की संख्या में बढोतरी होने का डर भी व्यक्त किया जा रहा है| अमरिकी लष्करी अड्डे पर हुए यह हमला जहां से हुआ था वह ठिकाना इराकी सुरक्षा यंत्रणा ने ढुंढ निकाला है|
पिछले कुछ वर्षों से इराक में अमरिकी हितसंबंधों को लक्ष्य करनेवाला यह सबसे बडा हमला होने का दावा हो रहा है| इस राकेट हमले की जिम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने स्वीकारी नही है| किरकूक क्षेत्र में ‘आयएस’ एवं ईरान से जुडे हथियारी गुटों का प्रभाव है| पर, इनमें से ईरान से जुडी ‘पॉप्युरल मोबिलायझेशन फोर्सेस’ (पीएमएफ) इस हथियारी गुट ने यह हमला किया होगा, ऐसी कडी संभावना व्यक्त की जा रही है| ‘आयएस’ से भी अधिक ईरान से जुडी ‘पीएमएफ’ से ही अमरिकी हितसंबंधों को अधिक खतरा होने का इशारा पहले ही अमरिका ने दिया था|
इस महीने के शुरू में अमरिकी उप-राष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स ने इराक में ‘अल असाद’ हवाई अड्डे पर तैनात अमरिकी सैनिकों से भेंट की थी| उनके इस भेंट से चार दिन बाद ही इस हवाई अड्डे पर पांच राकेट हमलें हुए थे| इससे पहले नवंबर महीने मे उत्तर की ओर के कायारा में बने हवाई अड्डे पर १२ से भी अधिक राकेट हमलें हुए थे| इन हवाई अड्डों पर भी अमरिकी सैनिक तैनात थे|
इस वजह से पिछले महीने से इराक में अमरिकी सैनिकों को लक्ष्य किया जा रहा है, यह बात दिखाई देने लगी है| इससे पहले हुए हमलों के लिए ईरान से जुडी ‘पीएमएफ’ जिम्मेदार होने का आरोप अमरिका ने किया था| साथ ही अमरिका और मित्रदेशों के हितसंबंधों पर हो रहे ‘पीएमएफ’ के हमलें रोकने के लिए इराक की सरकार पहल करेगी, यह उम्मीद भी व्यक्त की गई थी| साथ ही इराक में अपने दूतावास के कर्मचारियों को स्वदेश वापिस बुलाने का निर्णय भी अमरिका ने किया था|
इसी दौरान अमरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने स्पष्ट शब्दों में इराक को धमकाया था| ‘इराक में अमरिकी सैनिक या हितसंबंधों पर हो रहे हमलें रोकना इराक की जिम्मेदारी है| नही तो अपने सैनिकों की सुरक्षा का पुरा अधिकार अमरिका रखती है| अमरिका ने अपने इन अधिकारों का इस्तेमाल किया तो वह किसी के भी हित में नही रहेगा’, यह चेतावनी रक्षामंत्री एस्पर ने दी थी|
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