त्रिपोली – लीबिया के ईंधन भंडार पर कब्जा करने के लिए सरकार और बागी सेना का संघर्ष शुरू होने की संभावना दिखाई दे रही है| हफ्तार के बागियों ने लीबिया के पूर्वीय क्षेत्र में ईंधन कंपनियां और परियोजनाओं को ताले लगाए है, यह आरोप लीबियन सरकार ने किया है| ऐसे में हफ्तार की इस कार्रवाई पर लीबिया की सरकारी ईंधन कंपनी ने आलोचना की है और ‘इमर्जन्सी’ यानी आपात्काल का ऐलान किया है| साथ ही इस स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय आवश्यक ध्यान दे, यह निवेदन लीबिया की सरकार कर रही है|
उत्तरी अफ्रीका में लीबिया एक ईंधनों के भंडारों से भरा देश के तौर पर जाना जाता है| लीबिया से प्रतिदिन १३ लाख बैरल्स ईंधन का निर्माण होता है| लीबिया के इस ईंधन का सबसे बडा ग्राहक देश इटली है| इसके अलावा चीन, फ्रान्स और ब्रिटेन भी लीबिया से ईंधन की खरीद करते है| ईंधन की निर्यात पर ही लीबिया की अर्थव्यवस्था खडी है| इस देश में ईंधनों के अहम भंडार पूर्वीय क्षेत्र में ही है और इस क्षेत्र पर अब हफ्तार बागियों ने नियंत्रण प्राप्त किया है|
लीबिया की सराज हुकूमत के विरोध में बागी सेनाप्रमुख जनरल खलिफा हफ्तार ने नए से संघर्ष शुरू किया है| अबतक राजधानी त्रिपोली पर कब्जा करने के लिए हमलें करनेवाले हफ्तार बागियों ने अपने कब्जे की ईंधन परियोजनाओं को ही ताले लगाए है, यह आरोप लीबियन सरकार और सरकारी ईंधन कंपनी ‘एलएनओ’ ने किया है| साथ ही लीबिया का आधे से अधिक ईंधन उत्पादन बंद हुआ है, यह भी कहा गया है| पर, बागियों ने लीबियन सरकार का यह आरोप ठुकराया है|
लीबियन नागरिक सरकार के विरोध में बने गुस्से के कारण ईंधन परियोजनाएं बंद कर रहे है, यह बयान बागी संगठन के प्रवक्ता अहमद मिसमारी ने किया है| लीबियन सरकार हमारे विरोध में दुष्प्रचार कर रही है, यह फटकार भी मिसमारी ने लगाई है| साथ ही हफ्तार बागियों से जुडे गुटों ने ‘झुईतिना बंदरगाह परियोजना’ पर कब्जा किया है और इस जगह से हो रही ईंधन की निर्यात भी बंद की है, यह जानकारी भी सामने आ रही है|
लीबियन ईंधन निर्यात बंद करने के लिए बागियों ने शुरू की हरकतों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ध्यान दे, यह निवेदन लीबियन सरकार कर ही है| फिलहाल जर्मनी की राजधानी बर्लिन में यूरोपिय देशों की विशेष बैठक का आयोजन किया गया है| लीबिया के संघर्ष के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए यह बैठक हो रही है और इस दौरान यूरोपिय देशों के नेताओं के साथ रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन, अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन भी मौजूद है|
तभी, लीबियन प्रधानमंत्री सराज एवं बागियों के सेनाप्रमुख जनरल हफ्तार को भी इस बैठक के लिए निमंत्रित किया गया था| लीबिया में जारी संघर्ष बंद करें, यह निवेदन अमरिका, रशिया, यूरोपिय देश और संयुक्त राष्ट्रसंघ कर रहे है| इसी बिच पहले रशिया में लीबियन नेताओं की बैठक हुई थी| पर, लीबियन सरकार और तुर्की के मांगे मंजूर नही है, यह कहकर जनरल हफ्तार इस बैठक से पीछे हटें थे|
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