वॉशिंग्टन/बीजिंग – एशिया–पॅसिफिक क्षेत्र में टॉमाहॉक क्षेपणास्त्र ला बेड़ा तैनात करने का फ़ैसला अमरीका ने किया है। यह फ़ैसला करते समय, एशिया–पॅसिफिक क्षेत्र के लिए अमरीका ने अत्याधुनिक बॉम्बर्स विमानों का पथक रवाना किया है। उसके कुछ दिन पहले अमरिकी युद्धपोत ‘साऊथ चायना सी’ और तैवान की ख़ाड़ी में गश्ती कर रही होने की ख़बरें आयीं थीं। इस कारण, एशिया–पॅसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रमकता को मद्देनज़र रखकर अमरीका ने इस तैनाती का फ़ैसला किया दिख रहा है। अमरीका द्वारा जब यह तैनाती की जा रही है, तब चीन ने भी इस क्षेत्र में अपने विमानवाहक युद्धपोत और पनडुब्बियों की आवाजाही बढ़ायी है।
कोरोनावायरस के संक्रमण के लिए चीन ज़िम्मेदार होने का आरोप कर अमरीका ने चीन को इसके गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। लेकिन अमरीका के विचारों का अपने उपर परिणाम नहीं हुआ है, यह दर्शाने के लिए चीन एशिया–पॅसिफिक क्षेत्र में अपनी नौसेना के सामर्थ्य का प्रदर्शन कर रहा है। व्हिएतनाम, तैवान इन देशों के विरोध में चिनी नौसेना ने आक्रमक भूमिका अपनाकर चिनी नौसेना ने व्हिएतनाम का जहाज़ भी डुबोया था। चीन के लड़ाक़ू विमानों ने तैवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैंठ भी की थी। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने चीन को जवाब देने की ज़ोरदार तैयारी की है।
इसके लिए अमरीका ने पहली ही बार लाँग–रेंज टॉमाहॉक क्रुज् क्षेपणास्त्र इस क्षेत्र में तैनात करने का फ़ैसला किया है। सन १९९१ के ‘गल्फ वॉर’ में टॉमाहॉक क्षेपणास्त्र मशहूर हुए थे। वहीं, गत कुछ सालों से सिरिया में ‘आयएस’ के स्थानों पर हमलें करने के लिए अमरीका ने इनका इस्तेमाल किया। ऐसे ये ख़तरनाक क्रुज् क्षेपणास्त्र, चीन के नज़दीक के ‘फर्स्ट आयलँड चैन’ अर्थात् जापान के द्वीप, तैवान, फिलिपाईन्स में तैनात किये जानेवाले हैं, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। इन क्षेपणास्त्रों के साथ अमरिकी नौसेना की सहायता करने के लिए मरिन्स का पथक भी तैनात रहनेवाला है।
इस सागरी क्षेत्र की सुरक्षा और नियंत्रण रखने के लिए यह तैनाती होगी, ऐसी जानकारी जनरल डेव्हिड बर्जर ने अमरिकी सिनेट की आर्म्ड सर्विसेस कमिटी को दी। वहीं, टॉमाहॉक क्रुज् क्षेपणास्त्रों के साथ अमरिकी मरिन्स की तैनाती चीन को चेतावनी देनेवाली है, ऐसा अमेरिकन विश्लेषकों का कहना है। टॉमाहॉक क्षेपणास्त्रों की इस तैनाती से पहले, अमरीका ने गुआम द्वीपों पर प्रगत बॉम्बर विमान तैनात किये हैं। उसीके साथ, गत कई सालों में पहली ही बार अमरीका ने ‘युएसएस थियोडोर रुझ्वेल्ट’ यह विमानवाहक युद्धपोत गुआम द्वीप पर तैनात किया है। वहीं, पिछले महीने में अमरीका के युद्धपोतों ने दो बार ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में गश्ती लगायी थी।
चीन ने अपनी नौसेना का शक्तिप्रदर्शन शुरू किया होकर, कुछ हफ़्ते पहले चीन ने व्हिएतनाम का जहाज़ डुबोया था। साथ ही, तैवान के हवाई क्षेत्र में चीन के लड़ाक़ू विमान घुसपैंठ करके यहाँ का तनाव बढ़ा रहे हैं, ऐसा सामने आया था। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने चीन को रोकने के लिए आक्रमक कदम उठाने शुरू किये होकर, जल्द ही इसके परिणाम एशिया–पॅसिफिक क्षेत्र में दिखायी देने लगेंगे।
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