व्हेनेझुएला का ३१ टन सोना ‘बँक ऑफ इंग्लंड’ लौटा दें – तानाशाह मदुरो की माँग

व्हेनेझुएला का ३१ टन सोना ‘बँक ऑफ इंग्लंड’ लौटा दें – तानाशाह मदुरो की माँग

कॅराकस/लंडन – कोरोनावायरस की महामारी का मुक़ाबला करने के लिए अपने पास निधि ना होने के कारण, ब्रिटन में रखा गया अपना सोना लौटा दिया जायें, ऐसी माँग व्हेनेझुएला के तानाशाह निकोलस मदुरो ने की है। इसके लिए व्हेनेझुएला की मध्यवर्ती बँक द्वारा ब्रिटन के न्यायालय में याचिका दायर की गयी है। इस याचिका में, ‘बँक ऑफ इंग्लंड’ में रखा गया लगभग एक अरब डॉलर्स मूल्य का ३१ टन सोना, इससे पहले हुए समझौते के अनुसार लौटा दिया जायें, ऐसा दावा किया गया है। लगभग नौं साल पहले व्हेनेझुएला के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष ह्युगो चावेझ ने, देश की मालिक़ियत होनेवाली २११ टन सोने की राशि विदेश से वापस लाने के लिए मुहिम चलायी थी। उसके बाद तक़रीबन १०० टन से भी अधिक सोना स्वदेश में वापस लाने में चावेझ को सफलता भी मिली थी। लेकिन अभी भी कुछ टन सोना विदेश में होकर, उसमें ‘बँक ऑफ इंग्लंड’ में रखे ३१ टन सोने का समावेश है।

आंतर्राष्ट्रीय मार्केट में व्हेनेझुएला के ३१ टन सोने की क़ीमत वर्तमान समय में एक अरब डॉलर्स से भी ज़्यादा है। व्हेनेझुएला की मध्यवर्ती बँक में दाख़िल की याचिका में, कोरोना महामारी का मुक़ाबला करने के लिए आवश्यक निधि ना होने का कारण बताया गया है। सोने की बिक्री से मिलनेवाली निधि संयुक्त राष्ट्र संगठन के पास ट्रान्सफर करके, उसका इस्तेमाल दवाइयाँ तथा अन्य वैद्यकीय उत्पादनों की ख़रीद के लिए किया जायेगा, ऐसा याचिका में बताया गया है।

‘बँक ऑफ इंग्लंड’ ने इसपर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। ब्रिटन सरकार ने व्हेनेझुएला के तानाशाह मदुरो की हुक़ूमत को मान्यता देने से इन्कार किया है। इस कारण, व्हेनेझुएला का सोना लौटाने के लिए ब्रिटन सरकार अनुमति नहीं देगी, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिए हैं।

व्हेनेझुएला के दिवंगत तानाशाह चावेझ, १०० टन से भी अधिक सोना देश में वापस ले आये थे। लेकिन फिलहाल व्हेनेझुएला के पास कुछ ख़ास सोना बाक़ी नहीं रहा है। निकोलस मदुरो ने गत कुछ वर्षों में अपनी हुक़ूमत बरक़रार रखने के लिए रशिया, चीन, ईरान तथा तुर्की से सहायता ली है। इन देशों ने, सहायत के बदले में व्हेनेझुएला के पास के सोने के भंडार अपने कब्ज़े में लिए हैं, ऐसा माना जाता है। इस पृष्ठभूमि पर, ‘बँक ऑफ इंग्लंड‘ से सोना वापस लाने के कोशिश यानी हुक़ूमत को समर्थन देनेवाले देशों की माँग पूरी करने के लिए चली हुई चाल भी हो सकती है। इससे पहले मदुरो ने अन्य देशों से सहायता प्राप्त करने पर भी, देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए किसी भी प्रकार की कोशिशें नहीं कीं हैं। इस कारण व्हेनेझुएला में अराजक फ़ैला हुआ होकर, लाखों नागरिकों ने देश छोड़कर अन्य देशों में पनाह ली है।

व्हेनेझुएला में फिलहाल महँगाई प्रचंड भड़की हुई होकर, एक अमरिकी डॉलर के लिए पूरे ढ़ाई लाख बॉलिव्हर (व्हेनेझुएला की मुद्रा) खर्च करने पड़ रहे हैं। एक लिटर ईंधन के लिए पूरे पाँच से साढ़ेसात लाख बॉलिव्हर खर्च करने पड़ रहे हैं। हर हफ़्ते जीवनावश्यक वस्तुओं के दामों में ८० से १५० प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही होकर, महँगाई का दर चार हज़ार प्रतिशत पर गया है। इस कारण आम जनता पर तीव्र भूखमरी की नौबत आयी होकर, हररोज़ के खाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

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