वॉशिंग्टन – कोरोना वायरस की महामारी का फ़ैलाव करके चीन ने जानबूझकर हज़ारों अमरिकी नागरिकों की हत्या करवाई है, ऐसा काफ़ी गंभीर आरोप अमरिकी विश्लेषक गॉर्डन चँग ने किया। चीन की इन हरकतों के कारण आनेवाले दौर में चीन-अमरीका संबंध पहले जैसे होना संभव नहीं है, यह दावा भी चँग ने किया। कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चीन ने जो नीति अपनायी, उससे चीन पूरी मानवजाति का अपराधी साबित होगा, ऐसी तींखी आलोचना भी चँग ने की है।
चीन से फ़ैली कोरोना वायरस की महामारी ने पिछले पाँच महीनों में पूरी दुनिया में कोहराम मचाया है। अबतक कोरोना वायरस का संक्रमण होने से ३.५ लाख से भी अधिक लोगों ने जान गँवाई है और ५७ लाख से भी अधिक लोग इस महामारी से संक्रमित हुए हैं। चीन में इस महामारी का फ़ैलाव होने के बाद सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत ने लगातार इस महामारी से संबंधित जानकारी छिपाने का काम किया। चीन ने की हुई धोखाधड़ी के कारण दुनिया के अन्य देश भी इस महामारी पर नियंत्रण स्थापित करने में नाक़ाम हुए और इन देशों को काफ़ी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस वज़ह से, पूरे विश्व में चीन के विरोध में असंतोष की भावना है और यह असंतोष अलग अलग माध्यमों से सामने आ रहा है। अमरिकी विश्लेषकों ने किया हुआ आरोप भी इसी का हिस्सा साबित होता है।
गॉर्डन जी. चँग चिनी वंश के अमरिकी नागरिक हैं और लेखक, कानून विशेषज्ञ एवं राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर कार्यरत हैं। ‘द डेली बीस्ट’ इस वेबसाईट के लिए लेखक के तौर पर काम किए हुए चँग की ‘द कमिंग कोलॅप्स ऑफ चायना’ यह पुस्तक प्रकाशित हुई है। इसके अलावा वे फॉक्स न्यूज एवं सीएनएन इन समाचार चैनलों के लिए बतौर विश्लेषक काम करते हैं।
चीन में कोरोना वायरस की महामारी के कारण हुआ नुकसान देखने के बाद, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत ने जानबूझकर दुनिया के अन्य देशों के विरोध में विद्वेष एवं नफ़रत की भावना रखते हुए इस महामारी का फ़ैलाव अन्य सभी देशों में होने दिया। इस महामारी के ज़रिये चीन ने विश्व के अन्य सभी देशों पर हमला करने के उद्देश्य से ये कदम उठाए और इसके सबूत भी मौजूद हैं। कोरोना की महामारी का फ़ैलाव लैब से हुआ या बाज़ार से, यह अहम नहीं हैं। बल्कि, उसके बाद इस फ़ैलाव का इस्तेमाल चीन ने कैसें किया, इस पर ध्यान देना ज़्यादा अहम है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के मन में निश्चित रूप से क्या शुरू था, इसकी ज़ानकारी किसी को भी नहीं है। लेकिन उन्होंने, अन्य देशों की स्थिति ख़राब हो, इसी उद्देश्य से यह महामारी चीन की सीमा से बाहर फ़ैलने दी, ऐसे तीखें शब्दों में चँग ने चीन पर आरोपों की बौछार की है।
कोरोना वायरस की महामारी का फ़ैलाव शुरू होने के बाद चीन की सत्ताधारी हुकूमत का बर्ताव बहुत ही लापरवाही का रहा था और यह हुकूमत लगातार विश्व को गुमराह करती रहीं, यह दावा भी अमरिकी विश्लेषक ने किया। कोरोना के मामले में चीन ने की हुईं निंदनीय हरकतों को ‘डब्ल्यूएचओ’ यानी ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ का साथ था। ‘डब्ल्यूएचओ’ के एक डॉक्टर ने १४ जनवरी के दिन, कोरोना का संक्रमण मनुष्यों के ज़रिये फ़ैलता है, यह ज़ानकारी साझा की थी। लेकिन, वरिष्ठ अफ़सरों ने इस डॉक्टर की आवाज़ दबाई, इसपर चँग ने ग़ौर फ़रमाया।
अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सहयोगी नेताओं ने, कोरोना वायरस के मुद्दे पर लगातार चीन को खरी खरी सुनायी है। ट्रम्प प्रशासन के साथ प्रमुख देशों ने बनाए दबाव के कारण, कोरोना की महामारी के मुद्दे पर स्वतंत्र जाँच करने की माँग स्वीकारने के लिए ‘डब्ल्यूएचओ’ मजबूर हुई थी। एक समय पर चीन के सहयोगी एवं साझेदार रहें देशों ने भी, कोरोना के मुद्दे पर चीन के विरोध में आक्रामक स्वर अलापना शुरू किया है। इनमें राजनीतिक नेतृत्व के साथ ही राजनयिक अफ़सर, विश्लेषक एवं विशेषज्ञों का समावेश होकर, चँग ने किए हुए आरोप, दुनियाभर में चीन के विरोध में बन रहीं जनभावना का प्रतीक साबित होते हैं।
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