प्योनग्यँग/सेउल – उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन की बहन किम यो जाँग ने दक्षिण कोरिया को लष्करी कार्रवाई करने की धमकी दी है। उत्तर कोरिया ने पिछले हफ़्ते में ही दक्षिण कोरिया के साथ बने सभी स्तरों के संबंध तोड़ दिए थे। दक्षिण कोरिया की सीमा से उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन का उपहास करनेवाले बलून्स छोड़े जा रहे हैं और दक्षिण कोरियन सरकार ये कार्रवाईयाँ बंद कराने में असफ़ल हुई हैं, यह आरोप रखकर उत्तर कोरिया ने यह निर्णय किया था। इसी मुद्दे पर अब उत्तर कोरिया ने फ़िर एक बार दक्षिण कोरिया को धमकाया हैं। इसके बाद दक्षिण कोरिया ने सुरक्षा के मुद्दे पर आपातकालीन बैठक बुलाई थी। दक्षिण कोरिया से छोड़े जा रहे बलून्स यानी सिर्फ बहाना है और अमरीका का ध्यान आकर्षित करने के लिए उत्तर कोरिया से ये धमकियाँ दीं जा रही हैं, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।
उत्तर कोरिया ने पिछले हफ़्ते में ही दक्षिण कोरिया से संपर्क तोड़कर आक्रामक बनने की चेतावनी दी थी। इसके बाद अब तानाशाह किम जाँग उन की बहन ने दक्षिण कोरिया को लष्करी कार्रवाई करने की धमकी देकर कोरियन क्षेत्र में तनाव बढ़ाया है। पिछले दो हफ़्तों में किम यो जाँग ने दक्षिण कोरिया को यह दूसरी बार धमकाया है। दक्षिण कोरिया शत्रुदेश होने का बयान करके, दक्षिण कोरिया के विरोध में क्या कार्रवाई करनी है, इसकी ज़िम्मेदारी हम उत्तर कोरिया के सेनाप्रमुख पर सौंप रहे हैं, ऐसा किम यो जाँग ने कहा है।
किम यो जाँग फिलहाल उत्तर कोरिया में दूसरें क्रमांक की सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होने की बात कही जाती है। सत्तापक्ष वर्कर्स पार्टी की पहली उपाध्यक्ष के तौर पर चयन होने पर, किम यो जाँग अब तानाशाह किम जाँग उन के बाद उत्तर कोरिया का अगला चेहरा बना है और पिछले महीने में किम जाँग उन की अनुपस्थिति में किम यो जाँग ही कारोबार संभाल रहीं हैं, ऐसीं ख़बरें प्राप्त हुई थीं। इस वज़ह से किम यो जाँग ने दी हुई लष्करी कार्रवाई की धमकी, पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित कर रही है।
दक्षिण कोरिया की सीमा से, बलून्स के ज़रिये तानाशाह किम जाँग उन के विरोध में पत्रक भेजे जाते हैं, यह मुद्दा उत्तर कोरिया सिर्फ़ बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। उत्तर कोरिया ने दो वर्ष पहले अमरीका के साथ परमाणु हथियारों के मुद्दे पर चर्चा शुरू की थी। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और तानाशाह किम जाँग उन की भेंट भी हुई थी। लेकिन, इसके बाद के दौर में यह चर्चा टूट गई। अमरीका के साथ परमाणु हथियारों को लेकर चर्चा करने के पीछे, अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों से छुटकारा पाने का उद्देश्य उत्तर कोरिया ने रखा था। लेकिन, इसमें उत्तर कोरिया को कामयाबी नहीं मिल सकी।
फिलहाल उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थित बड़ी ख़राब हुई है। कोरोना वायरस के संकट के कारण उत्तर कोरिया को चीन से सटी अपनी सीमा बंद करनी पड़ी थी। उत्तर कोरिया के सभी व्यापार, चीन के साथ ही होता है, इस ओर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही, अपने देश में कोरोना ना होने के दावे उत्तर कोरिया कर रहा है, लेकिन, इस पर विश्लेषक विश्वास नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में अमरीका के प्रतिबंधों से उत्तर कोरियो को छुटकारा पाना हैं। तानाशाह किम जाँग उन फिलहाल निराश हैं और अमरीका के साथ दोबारा चर्चा शुरू करने के लिए दक्षिण कोरिया को लक्ष्य किया जा रहा है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।
साथ ही, वर्तमान में उत्तर कोरिया की स्थिति से जनता का ध्यान हटाने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ तनाव में बढ़ोतरी की जा रही हैं, यह दावा भी कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।
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