तेहरान – पिछले हफ़्ते नातांझ न्युक्लिअर प्लांट में लगी सन्देहजनक आग में ईरान के इस प्लांट का बड़ा नुकसान हुआ है। इस आग के कारण प्रगत सेंट्रीफ्यूजेस के निर्माण की प्रक्रिया खण्डित हुई होने की क़बुली ईरान के परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने दी। पिछले कुछ दिनों से ईरान में सन्देहजनक विस्फोटों की शृंखला जारी होकर, इसके पीछे इस्रायल होने का आरोप कुवैती अख़बार ने किया था। वहीं, ईरान ने भी इस्रायल को भीषण परिणामों की धमकी दी थी। लेकिन इसके आगे जाकर कोई भी इस विस्फोट के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है।
पिछले गुरुवार को ईरान के नातांझ परमाणु प्लांट में बड़ी आग भड़की थी। प्लांट के आहाते में यह आग लगने की जानकारी ईरान ने दी थी। लेकिन, पश्चिमी माध्यमों ने इस परमाणु प्लांट में हुई हानि के सॅटेलाईट फोटोग्राफ्स प्रकाशित करने के बाद ईरान को मजबूरन् इसके बारे में सच्ची जानकारी साझा करनी ही पड़ी है। ईरान के परमाणुऊर्जा आयोग के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने रविवार को माध्यमों को दी जानकारी में, इस प्लांट की एक अहम लैब में यह आग भड़की होने की बात बतायी। सौभाग्यवश् इस आग में जीवितहानी नहीं हुई। लेकिन इस घटना के कारण प्लांट का बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ, ऐसा कमालवंदी ने कहा।
इस लैब की ईमारत में सेंट्रीफ्यूजेस का ‘असेंबली सेंटर’ था। जल्द ही प्रगत सेंट्रीफ्यूजेस के निर्माण के लिए इस ईमारत में नयी यंत्रणा लगायी जानेवाली थी। लेकिन उससे पहले ही घटी इस घटना के कारण अब प्रगत सेंट्रीफ्यूजेस के निर्माण में समय लगेगा, ऐसा कमालवंदी ने स्पष्ट किया। साथ ही, नातांझ न्युक्लिअर प्लांट में लगी आग के मुख्य कारण का पता चला होकर, राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की जायेगी, ऐसा कमालवंदी ने कहा। ईरान के परमाणु कार्यक्रम में नातांझ की परमाणु परियोजना सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है, ऐसा माना जाता है। इस परमाणु परियोजना में विकसित किये जाने के प्रगत सेंट्रीफ्यूजेस का इस्तेमाल ईरान परमाणुबम के लिए कर रहा होने का आरोप अमरीका और इस्रायल कर रहे हैं।
सन २०१८ में अमरीका परमाणुकरार से पीछे हटने के बाद ईरान ने नातांझ न्युक्लिअर प्लांट में सेंट्रीफ्यूजेस की संख्या बढ़ाने की घोषणा की थी। उसी के साथ इस न्युक्लिअर प्लांट के सेंट्रीफ्यूजेस के फोटोग्राफ जारी कर ईरान ने युरोपीय देशों को धमकाया था। इसमें ‘आयआर-८’ इस अतिप्रगत सेंट्रीफ्यूजेस का समावेश था। नातांझ न्युक्लिअर प्लांट के इन प्रगत सेंट्रीफ्यूजेस का हवाला देकर इस्रायल ने पश्चिमी देशों को आगाह किया था। इस न्युक्लिअर प्लांट में चल रहीं गतिविधियाँ ईरान को परमाणुबम के निर्माण के क़रीब ले जानेवालीं हैं, इसका एहसास इस्रायल ने करा दिया था। वहीं, दुनिया के नक़्शे से इस्रायल को मिटा देने की घोषणा करनेवाले ईरान के हाथ में परमाणुबम आया, तो इस्रायल का अस्तित्व ख़तरे में पड़ जायेगा। इसी कारण किसी भी हालत में इस्रायल ईरान को परमाणुबम मिलने नहीं देगा, ऐसा इस्रायल के नेतृत्व ने समय समय पर जताया था। उसके लिए कोई भी क़ीमत चुकाने के लिए इस्रायल तैयार है, ऐसा इस्रायली नेताओं ने स्पष्ट किया था। इस पृष्ठभूमि पर ईरान के न्युक्लिअर प्लांटों में जारी इन दुर्घटनाओं के पीछे इस्रायल होने का शक़ जताया जाता है।
१९८० के दशक में इराक के तत्कालिन तानाशाह सद्दाम हुसेन ने परमाणुबम के निर्माण की कोशिशें शुरू कीं थीं। लेकिन सन १९८१ में इस्रायल के लड़ाक़ू विमानों ने, निर्माणावस्था में होनेवाले इराक के इस ओसिराक न्युक्लिअर प्लांट पर घमासान हवाई हमलें किये थे। इससे यह प्लांट नष्ट हुआ। सन २००७ में भी इस्रायल ने, सिरिया का न्युक्लिअर प्लांट प्राथमिक अवस्था में होते समय ही हवाई हमले के ज़रिये ध्वस्त किया था। इस कारण, ईरान के न्युक्लिअर प्लांट पर भी इस्रायल इसी प्रकार की कार्रवाई कर सकता है, ऐसा दावा दुनियाभर के विश्लेषक कर रहे थे। वहीं, परमाणुअस्त्रों से लैस बनने में ईरान का विरोध करनेवाले सौदी अरब तथा अन्य खाड़ीक्षेत्र के देश इस्रायल के लिए अपनी हवाईसीमा खुली करा देंगे, ऐसा भी कहा जा रहा था। उसीमें, सन २०१० में ईरान के नातांझ और बुशहेर न्युक्लिअर प्लांटों पर स्टक्सनेट का सायबर हमला हुआ। इस सायबर हमले के कारण ईरान के न्युक्लिअर प्लांटों में होनेवाले हज़ारों सेंट्रीफ्यूजेस बेक़ार होकर ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ वर्षों से पिछड़ गया था। ईरान ने इन सायबर हमलों के लिए इस्रायली गुप्तचर संगठन मोसाद और अमरीका को ज़िम्मेदार क़रार दिया था।
अब भी यदि इस्रायल ईरान के न्युक्लिअर प्लांट को लक्ष्य कर रहा है, तो उसके भयंकर परिणाम इस्रायल को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी धमकी ईरान ने दी है। लेकिन इस्रायल अपने शत्रुदेश में की हुईं कार्रवाइयों के चर्चे नहीं करता, ऐसा सूचक बयान करके इस्रायल के विदेशमंत्री ने इस बारे में बात करना टाल दिया है। लेकिन आनेवाले समय में ईरान इस्रायल को अलग अलग मार्गों से प्रत्युत्तर दिये बग़ैर नहीं रहेगा, ऐसे संकेत मिलने लगे हैं। उसी समय, ईरान से होनेवाले इस ख़तरे को मद्देनज़र रखते हुए, उसका मुक़ाबला करने की कड़ी तैयारी इस्रायल ने की होने की बात स्पष्ट हो रही है।
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