मास्को – युक्रैन ने नाटो की सदस्यता प्राप्त करने के लिए लगातार इच्छा जताना रशिया की सुरक्षा के लिए खतरा होने का इशारा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने दिया। युक्रैन के नाटो और यूरोपिय महासंघ में शामिल होने के लिए अमरीका बढ़ावा दे रही है, यह आरोप भी पेस्कोव ने लगाया। युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की ने हाल ही में अमरीका का दौरा किया और इस दौरान नाटो की सदस्यता को लेकर भूमिका रखी थी। इस पृष्ठभूमि पर रशिया का इशारा अहमियत रखता है।
‘रशिया समान शत्रु होने से अमरीका और युक्रैन एक-दूसरे के मित्र हुए हैं। मित्रता के लिए उनके पास अन्य कोई भी मुद्दा नहीं है। अमरीका के नेतृत्व में नाटो का सदस्य होने के लिए युक्रैन लगातार और खुलेआम इच्छा जता रहा है। युक्रैन की इस इच्छा को अमरीका लगातार प्रोत्साहन दे रही है। युक्रैन की नाटो में शामिल होने की इच्छा रशिया के लिए काफी बड़ा खतरा है। युक्रैन को नाटो की सदस्यता पाने पर नाटो अपनी सेना रशिया की सीमा से अधिक करीब तैनात कर सकती है’, यह इशारा पेस्कोव ने दिया।
अमरीका युक्रैन को यूरोपिय महासंघ का सदस्य बनने के लिए सहायता प्रदान कर रही है, यह आरोप भी रशियन प्रवक्ता ने इस दौरान लगाया। महासंघ और नाटो दोनों प्रणालियां शीतयुदध का अंग होने का दावा भी पेस्कोव ने किया। युक्रैन का दोनों में समावेश अमरीका और यूरोप को सीधे रशियन सीमा पर लाकर छोड़ेगी, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।
युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने कुछ दिन पहले ही अमरीका का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के सामने नाटो की सदस्यता दिलाने के लिए सहयोग की खुलेआम माँग की। अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की को इस मुद्दे पर आश्वस्त करने का वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ है। अमरीका और युक्रैन के बीच रणनीतिक रक्षा भागीदारी होने का बयान करके इसके ज़रिये होनेवाले सुधार युक्रैन को नाटो की सदस्यता पाने के लिए सहायक साबित होंगे, यह बात अमरिकी रक्षामंत्री ने साझा की है।
लेकिन, यूरोपिय देश युक्रैन को नाटो की सदस्यता देने के लिए ज्यादा उत्सुक ना होने की जानकारी भी सामने आयी है। इस्टोनिया के राष्ट्राध्यक्ष ने एक बयान में युक्रैन को नाटो की सदस्यता के लिए तय निकष पूरे करने के लिए और दो दशक लगेंगे, ऐसी फटकार लगाई थी।
इसी बीच, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने युक्रैन को नाटो की सदस्यता देना रशिया के लिए ‘रेड लाईन’ साबित होगी, यह इशारा पहले ही दिया है। साथ ही नाटो की विस्तारवादी नीति की वजह से यूरोप में अविश्वास और तनाव का माहौल निर्माण हुआ है और इस वजह से यूरोप के फिर से टुकड़े होने का ड़र है, यह इशारा पुतिन ने कुछ दिन पहले दिया था। ‘शीतयुद्ध का अन्त पूरे युरोप के लिए समान रूप से विजय साबित होगा, ऐसा हमारा अनुमान था। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और यूरोप में तनाव बढ़ने लगा। इसके लिए नाटो ही ज़िम्मेदार है’, यह आरोप भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया था।
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