वॉशिंग्टन – अमरीका में पाया गया चीनी ‘स्पाय बलून’ चीन की वैश्विक स्तर पर शुरू व्यापक जासूसी अभियान का हिस्सा होने का दावा अमरीका ने किया है। चीन के हैनान प्रांत में स्थित अड्डे से यह अभियान नियंत्रित किया जा रहा है और अब तक लगभग १२ देशों में चीन ने इस तरह के ‘स्पाय बलून’ के माध्यम से जासूसी की, ऐसा आरोप अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने लगाया है। चीन ने इन आरोपों पर जोरदार प्रत्युत्तर देते हुए यह कहा है कि, अमरीका झुठी जानकारी साझा करके प्रचारयुद्ध खेल रही हैं।
पिछले महीने अमरीका के अलास्का प्रांत के करीबी सीमा से चीन के स्पाय बलून ने अमरीका में घुसपैठ की थी। इसके बाद कनाड़ा की सीमा में कुछ समय तक निगरानी करके यह बलून अमरीका के इदाहो प्रांत में और मोंटाना में घुसपैठ करता देखा गया था। पिछले शनिवार को अमरीका के ‘एफ-२२ रैप्टर’ लड़ाकू विमान ने सुपरसोनिक मिसाइल दागकर चीन के इस ‘स्पाय बलून’ को नष्ट किया था। इसके अवशेष इकठ्ठा करने का अभियान अभी तक शुरू हैं। लेकिन, साथ ही इस घटना को लेकर अमरीका और चीन के बीच तीव्र तनाव निर्माण हुआ हैं और दोनों देशों के बीच जोरदार जुबानी संघर्ष शुरू हुआ है।
दो दिन पहले ही अमरिकी माध्यमों ने चीन ने पहले भी अमरिकी सीमा में स्पाय बलून्स भेजे थे, यह जानकारी सामने लायी थी। इसके बाद अमरिकी यंत्रणा आगे आयी हैं और सिर्फ अमरीका ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में चीन ने इस तरह से जासूसी करने का व्यापक अभियान चलाने का दावा किया। अमरीका समेत विश्व के लगभग १२ देशों में चीन ने इस तरह के ‘स्पाय बलून’ भेजकर जासूसी की, ऐसा अमरीका ने कहा है। अमरीका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने भी इसकी पुष्टि की। ‘अमरीका ही सिर्फ चीन के इस अभियान का लक्ष्य नहीं बना है। विश्व के पांच महाद्वीपों के देश चीन के अभियान का लक्ष्य बने हैं’, ऐसा विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा। अमरिकी अधिकारियों ने संबंधित देशों को इसे मुद्दे पर आगाह किया है, यह भी विदेश विभाग ने कहा।
चीन के हैनान प्रांत में स्थित एक अड्डे से ‘स्पाय बलून्स’ छोड़े जा रहे हैं और इसमें सेना जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, यह भी अमरिकी यंत्रणा कह रही है। चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने पिछले दशक से धरती और अंतरिक्ष के बीच स्थित ‘निअर स्पेस’ क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दिया था। इसके लिए स्वतंत्र प्रौद्योगिकी और सुविधा विकसित करने की शुरूआत भी हुई थी। ‘स्पाय बलून’ इसी का हिस्सा हैं और पिछले दशक से चीन इसका इस्तेमाल बढ़ाता देखा जा रहा हैं। अमरीका ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार जापान, ताइवान, फिलिपाईन्स, भारत, कनाडा जैसे देशों में भी चीन ने इसका इस्तेमाल किया है।
अमरीका ने किए दावे पर चीन का तीव्र बयान सामने आ रहा है। अमरीका के यह दावे यानी प्रचार युद्ध का हिस्सा होने की आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय ने की है।
इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया ने देश के रक्षा अड्डे और रक्षा विभाग से जुड़े इमारतों के बाहर लगाए चीनी ‘सर्विलन्स कैमेरे’ हटाने का निर्णय किया है। सुरक्षा के मुद्दे को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया जा रहा है, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग ने कहा है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार की लगभग २५० से अधिक इमारतों के करीब ९०० से अधिक चीनी सर्विलांस कैमरे लगाए होने की बात एक सर्वे में देखी गई थी। इससे पहले अमरीका और ब्रिटेन इन देशों ने भी चीनी कंपनियों के सर्विलांस कैमरे हटाने का निर्णय किया था।
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