‘जिबौती’ के चिनी अड्डे से अमरिकी विमानों पर ‘लेझर’ का हमला – चीन द्वारा इल्जाम खारिज

‘जिबौती’ के चिनी अड्डे से अमरिकी विमानों पर ‘लेझर’ का हमला – चीन द्वारा इल्जाम खारिज

जिबौती/वॉशिंग्टन – आफ्रिका में ‘जिबौती’ के नजदीक उड रहें अमरिकी विमानों पर चीन के रक्षा अड्डे से ‘लेझर’ का हमला होने का खलबली मचानेवाला इल्जाम अमरिका के रक्षा विभाग ने किया है| पिछले कुछ हफ्तों से बारबार यह हमले हो रहे है| इस में दो सैनिक जखमी होने की बात भी रक्षा विभाग ने अपने इल्जाम में कही है| चीन ने इस बात का जवाब देते हुए अमरिकी इल्जामों को खारिज किया है तथा वह निराधार होने की बात कही|

गुरुवार को अमरिका का रक्षा मुख्यालय ‘पेंटॅगॉन’ ने प्रकाशित किये निवेदन में चीन के ‘लेझर’ हमलों के बारे में जानकारी दी है| ‘पिछले कई हफ्तों से चीन के जिबौती स्थित रक्षा अड्डे से अमरिकी विमानों को निशाना बनानेवाली करीब १० वारदातें हुई है| यह हमले चीन द्वारा ही हुए है, इसपर अमरिका को यकीन है| यह घटना बहुत ही गंभीर है और हमने चीन के पास शिकायत दर्ज की है|’ ऐसे पेंटॅगॉन के प्रवक्ता डॅना व्हाईट ने बताया|

अमरिका ने दी जानकारी नुसार, ‘सी-१३०’ समेत कई लडाकू तथा निगरानी करनेवाले विमानों पर ‘लेझर’ के हमले हुए| इन में से तीन बार सैनिकी स्तर के ‘लेझर’ का इस्तेमाल हुआ है| इस से दो अमरिकी विमान-चालकों के आँख को चोट लगने की बात सामने आयी है| अमरिका के रक्षा विभाग ने निर्देश जारी करते हुए अपने विमान-चालकों को जिबौती के पास उडान लेते वक्त खास सावधानी बरतने को कहा है|

अमरिका द्वारा लगाये गये इल्जामों को चीन द्वारा निराधार बताया गया है| चीन हमेशा अंतरर्राष्ट्रीय कानून का पालन करता है, ऐसा दावा भी चीन के रक्षा मंत्रालय ने किया है|

अमरिका युद्धपोत पर ‘लेझर वेपन्स’ तैनात करेगा

वॉशिंग्टन – अमरिका द्वारा युद्धपोतों पर उन्नत ‘लेझर वेपन्स सिस्टिम’ तैनात करने के संकेत दिये गये है| आनेवाले समय में अमरिकी युद्धपोत पे तैनात ‘गॅटलिंग गन्स’ और ‘मिसाईल लॉंचर्स’ की जगह ‘हेलिऑस’ नामक लेझर वेपन्स सिस्टिम लेगी| अमरिका ने वर्तमान समय में दो से ज्यादा युद्धपोत पर ‘लेझर वेपन्स सिस्टिम’ तैनात की है| इने के उन्नत आवृत्ती का परीक्षण शुरु होने की बात भी आगे आयी है| जिबौती में अमरिकी विमानों पर चीन द्वारा लेझर के हमले होने की बात स्पष्ट होने के बाद आया यह समाचार, अमरिका ‘जैसे को तैसा’ जवाब देने की तैय्यारी में है, यह साफ दिखायी पडता है|

‘ड्रोन्स, छोटे जहाज और प्रक्षेपास्त्रों को जवाब देने के लिए लेझर प्रणाली तैनात करने के बारे में गंभीर बातचीत शुरु है| अब जो प्रणाली तैनात हे वह बदली जाएगी|’ ऐसी जानकारी रक्षा विभाग के सूत्रों ने दी है| अमरिका के मुख्य प्रतिस्पर्धी रहे रशिया और चीन द्वारा उन्नत ‘हायपरसोनिक’ तथा ‘प्लाझ्मा’ वेपन्स विकसित किये गये है| चीन और रशिया के पास अमरिका से ज्यादा प्रगत हथियार प्रणाली होने की चेतावनी भी अमरिका के विद्यमान और भूतपूर्व अधिकारियों द्वारा दी गयी है|

 

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info/status/992849351604043776
https://www.facebook.com/WW3Info/