… तो व्हेनेझुएला में अमरिकी सेना ही भेजी होती – राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

… तो व्हेनेझुएला में अमरिकी सेना ही भेजी होती  – राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

वॉशिंग्टन, दि. ९ (वृत्तसंस्था) – यदि मुझे व्हेनेझुएला में जाना होता, तो मैं इस छिपाकर नहीं रखता; उसके लिए छोटा पथक नहीं, बल्कि अमरीका की सेना ही भेजी होती, ऐसा ताना मारते हुए राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तानाशाह मदुरो के आरोपों का मज़ाक उड़ाया। कुछ दिन पहले व्हेनेझुएला के तानाशाह मदुरो ने, अपने हुक़ूमत का तख़्ता पलट देने की साज़िश नाक़ाम करने का दावा करते समय उसके पीछे अमरीका का हाथ है, ऐसा कहा था। अपने दावों के समर्थन में मदुरो ने अमरिकी सैनिकों के फोटोग्राफ्स, पासपोर्ट और अमरिकी हथियार सादर किये थे।

सोमवार को निकोलस मदुरो ने सरकारी न्यूज़चॅनल पर संबोधित की पत्रकार परिषद में, दो अमरिकी सैनिकों को गिरफ़्तार किया, ऐसा भी घोषित किया था। यह गिरफ़्तारी यानी अपने ख़िलाफ़ फ़ँसी हुई साज़िश का भाग था, ऐसा बताते हुए, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इसके लिए आदेश दिये होने का आरोप किया था। एक अमरिकी कंपनी ने, गिरफ़्तार हुए दो जवान अपने हैं, इसा बताने के कारण कुछ समय खलबली मची थी।

लेकिन ट्रम्प के साथ अमरीका के विदेश विभाग ने मदुरो के दावों को ठुकराते समय, यह उस देश की समस्याओं पर से ध्यान अन्यत्र विचलित करने की चाल है, ऐसी आलोचना की थी। अमरीका के विदेश विभाग ने, मदुरो के इस नाटक के पीछे क्युबा की गुप्तचर यंत्रणाओं का सहभाग हो सकता है, ऐसा भी कहा था।

शुक्रवार को ‘फॉक्स न्यूज’ इस न्यूज़चॅनल को दिए इंटरव्यू में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने, मदुरो के दावे ठुकरा दिये। हमने उसी समय व्हेनेझुएला पर ठेंठ आक्रमण किया होता और उन्होंने कुछ भी ना करते हुए हमारे सामने हथियार डाल दिये होते, ऐसे शब्दों में खरी खरी सुनाते हुए ट्रम्प ने, अमरीका व्हेनेझुएला पर कभी भी हमलें कर सकता है, ऐसा भी स्पष्ट किया। व्हेनेझुएला में पकड़ा गया गुट बदमाश लोगों का था और उसमें अमरीका के अलावा अन्य देशों के नागरिकों का भी सहभाग था, ऐसा दावा भी ट्रम्प ने किया।

बुधवार को विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने भी व्हेनेझुएला में हुईं बातों से अमरीका का कुछ भी संबंध नहीं है, यह स्पष्ट किया था। उसी समय, अमरीका के पास व्हेनेझुएला पर कार्रवाई के लिए सभी विकल्प उपलब्ध हैं, ऐसा दावा भी विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने किया था।

व्हेनेझुएला में फिलहाल अराजक मचा होकर, यहाँ की जनता दाने दाने को तरस रही है। लेकिन तानाशाह मदुरो ने रशिया, चीन और क्युबा जैसे मित्रदेशों की सहायता से अपनी हुक़ूमत बरक़रार रखी है। इन देशों के समर्थन पर मदुरो ने अमरीका, युरोप तथा लॅटिन अमरिकी देशों द्वारा थोंपे गये निर्बंधों और अन्य कार्रवाइयों का मुक़ाबला किया है। लेकिन उसके विपरित परिणाम व्हेनेझुएला की जनता को भुगतने पड़ रहे हैं और उन्हें भूख़मरी, बीमारियाँ, बेरोज़गारी, दमनतंत्र और अन्य भयानक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।