वॉशिंगटन: सऊदी अरेबिया को परमाणु बॉम्ब नहीं चाहिए, पर अगर ईरान ने परमाणु बॉम्ब तैयार किया, तो सऊदी भी परमाणु बॉम्ब विकसित करेगा, ऐसा सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सूचित किया है| प्रिंस मोहम्मद जल्द ही अमरिका को भेंट देने वाले हैं और उससे पहले अमरिका के वृत्त माध्यम को दिए मुलाकात में उन्होंने इस इशारे द्वारा अमरिका के साथ दुनिया को संदेश दिया है, ऐसा दिखाई दे रही है|
सऊदी के क्राउन प्रिंस और रक्षामंत्री प्रिंस मोहम्मद ने अमेरिकन वृत्त माध्यम को दिए मुलाकात का पहला भाग गुरुवार को प्रसिद्ध हुआ है| इसमें प्रिंस मोहम्मद ने सऊदी निर्माण कर रहे परमाणु ताकत का समर्थन किया है| दुनिया में सबसे बड़ा इंधन उत्पादक देश होनेवाले सऊदी ने परमाणु ऊर्जा निर्माण की घोषणा की है और इस परमाणु प्रकल्प का उपयोग नागरी उपयोग के लिए किया जाएगा, ऐसा प्रिंस मोहम्मद ने स्पष्ट किया है|
इस परमाणु प्रकल्प के आड़ सऊदी को परमाणु बॉम्ब तैयार नहीं करना है, पर ईरान ने परमाणु बॉम्ब तैयार किया, तो सऊदी भी परमाणु बॉम्ब विकसित करेगा, ऐसा कड़ा इशारा प्रिंस मोहम्मद ने दिया है| सऊदी में परमाणु प्रकल्प निर्माण के लिए अमरिका, फ्रान्स, दक्षिण कोरिया इन मित्र देशों ने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं| रशिया और चीन ने भी सऊदी को परमाणु प्रकल्प निर्माण करने के लिए उत्सुक हैं, पर सऊदी में इन प्रस्ताव के बारे में निर्णय आरक्षित रखा है|
ईरान को ‘परमाणु बॉम्ब’ की धमकी देने के बाद प्रिंस मोहम्मद ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह ख़ामेनी इनकी तुलना जर्मनी के हुकुमशाह एडोल्फ हिटलर से की है| दूसरे महायुद्ध में हिटलर ने लष्करी सामर्थ्य के जोर पर यूरोपीय देशों पर वर्चस्व स्थापित करना शुरू किया था और तबतक यूरोप में अधिकतम देशों को हिटलर के महत्वाकांक्षा का एहसास नहीं था, उसी तरह ईरान भी खाड़ी क्षेत्र में अपना वर्चस्व निर्माण करने का प्रयत्न कर रहा है| पर सऊदी खाड़ी पर ऐसी परिस्थिति नहीं आने देगा, ऐसा कहकर प्रिंस मोहम्मद का षडयंत्र भेदने का निर्धार इस मुलाकात में किया है|
प्रिंस मोहम्मद इनके इस इशारे पर ईरान के विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया आयी है| प्रिंस मोहम्मद इनकी बुद्धि भ्रामक कल्पनाओं से भरी है और उसमें सिर्फ द्वेष और झूठ ही बाहर निकलता है| इसकी वजह से प्रिंस मोहम्मद उनके शब्दों का कोई अर्थ नहीं है, ऐसी टीका ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बाहराम घामेसी ने की है|
इससे पहले भी सऊदी के प्रिंस मोहम्मद ने ईरान पर ऐसे ही स्वरुप के आरोप किए थे| ईरान ने भी इन आरोपों को गंभीरता से देखने की आवश्यकता ना होने का दावा किया था| पर पिछले कई महीनों से सऊदी एवं ईरान में यह आरोप एवं प्रत्यारोप की तीव्रता बढ़ते दिखाई दे रहे है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ किया परमाणु करार तोड़ने का सुस्पष्ट इशारा दिया है और इस करार के पक्ष में भूमिका लेने वाले विदेश मंत्री टिलरसन को हटाया है| यह गतिविधियां होते हुए सऊदी अरेबिया ने अपनी ईरान के विषय में भूमिका अधिक कठोर की है और सऊदी के नेता खाड़ी में अस्थिरता, आतंकवाद एवं कट्टरपंथियों के बढ़त के पीछे ईरान का होने का आरोप अधिक जोर देकर कर रहे हैं|
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)