ब्रुसेल्स: रशिया का भूतपूर्व जासूस सर्जेई स्क्रिपल पर लंडन में विषप्रयोग करके रशिया ने ही उसे मारा है, ऐसा ब्रिटन ने आरोप किया था| ब्रिटन के इस आरोप पर अमरिका ने जोर दिया है और इस प्रकरण में ब्रिटन को पूरा समर्थन घोषित किया है| साथ ही फ्रांस और जर्मनी ने भी ब्रिटन का पक्ष लेकर इस बारे में रशिया पर आरोप किए हैं| ब्रिटन, अमरिका, फ़्रांस और जर्मनी ने इस प्रकरण में संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध किया है और रशिया पर टीका की है|
‘सर्जेई स्क्रिपल को और उसकी बेटी को खत्म करने के लिए ‘नर्व्ह गैस’ का इस्तेमाल किया गया है| इसका इस्तेमाल कोई देश ही कर सकता है| दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में इस प्रकार का हमला पहली बार हुआ है| इस वजह से सभी देशों की सुरक्षा खतरे मे आई है, ऐसा दिखाई दे रहा है, ऐसा कहकर ब्रुसेल्स में प्रसिद्ध किए गए संयुक्त निवेदन में ब्रिटन, अमरिका, फ्रांस और जर्मनी ने चिंता व्यक्त की है| इस बारे में ब्रिटन ने रशिया पर किया आरोप उचित है, इस हमले के बारे में दूसरा स्पष्टीकरण नहीं हो सकता, ऐसा भी इस निवेदन में ठोस रूपसे उल्लेख किया गया है|
इसके पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अमरिकी राजदूत निकी हॅले ने रशिया ने किए इस विषप्रयोग की वजह से सभी देशों की सुरक्षा खतरे में आने का आरोप लगाया था| साथ ही इस मामले में रशिया पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ऐसा कहकर निकी हॅले ने इसके लिए सुरक्षा परिषद के सभी देशों को आवाहन किया था| उसके बाद फ्रांस और जर्मनी इन यूरोप के महत्वपूर्ण देशों ने भी ब्रिटन और अमरिका का कहना मानकर रशिया के खिलाफ कड़ी भूमिका अपनाई है| दौरान, ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने यूरोपीय देश रशिया की तरफ से खरीदे जाने वाले इंधन में कटौती करे, ऐसी मांग की थी| इसपर रशिया ने प्रतिक्रिया दी है|
ब्रिटन की प्रधानमंत्री ने की यह मांग राजनीतिक है, ऐसा कहकर इसके पीछे रशिया विरोधी राजनीति है, ऐसा आरोप रशियन ऊर्जामंत्री अलेक्झांडर नोव्हॅक ने किया है| हर देश को अपनी ऊर्जाविषयक नीति कार्यान्वित करने का अधिकार है और उसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता, ऐसी अपेक्षा अलेक्झांडर नोव्हॅक ने व्यक्त की है|
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)
प्रिंस चार्ल्स की ‘एमआई५’ को भेंट
लंडन: सर्जेई स्क्रिपल पर हुए विषप्रयोग को लेकर ब्रिटन और रशिया के बीच बहुत तनाव निर्माण हुआ है| ऐसे में, ब्रिटन के राजपुत्र प्रिंस चार्ल्स ने ब्रिटन की गुप्तचर संस्था ‘एमआई५’ के मुख्यालय को भेंट दी है| इस भेंट की खबर पर ब्रिटन की मीडिया ने जोर दिया है|
ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने स्क्रिपल मामले में रशिया ने उचित खुलासा नहीं किया तो उसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसा इशारा रशिया को दिया था| लेकिन परमाणु क्षमता वाले इस देश को कोई भी देश धमकी नहीं दे सकता, ऐसा कहकर रशिया ने ब्रिटन की प्रधानमंत्री ने दिए इशारे को ठुकराया है|
इस वजह से ब्रिटन और रशिया सीधे युद्ध की दहलीज पर हैं और किसी भी वक्त दोनों देशों के बीच संघर्ष भडक सकता है, ऐसा दावा किया जाता है| इस परिस्थिति में ब्रिटन की गुप्तचर संस्था ‘एमआई५’ के मुख्यालय को प्रिंस चार्ल्स ने दी हुई भेंट बहुत ही महत्वपूर्ण है, इससे बहुत बड़ा संदेश दिया जा रहा है, ऐसा ब्रिटन की मीडिया का कहना है|