वॉशिंगटन: परमाणु शस्त्र प्रसार का आरोप करके अमरिका ने पाकिस्तान के ७ कंपनियों पर प्रतिबंध घोषित किए हैं। महीने भर के कालखंड में पाकिस्तान को अमरिका से दिए जाने वाला यह दूसरा धक्का है। इससे पहले फाइनेंस ऐक्शन टास्क फोर्स के (एफएटीएफ) के वॉच लिस्ट में अमरिका ने पाकिस्तान का समावेश किया था। उसके बाद अमरिका ने जारी किया यह प्रतिबंध मतलब परमाणु ईंधन प्रधान होने वाले देशों के गट का (एनएसजी) के सदस्य को प्राप्त करने का प्रयत्न करने वाले पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका ठहरा है।
परमाणु शस्त्र प्रसार करनेवाले दुनिया भर में लगभग २३ कंपनियों की सूची अमरिका ने घोषित की है। इसमें पाकिस्तान के ७ कंपनियों का समावेश होकर दक्षिण सुदान के १५ कंपनियों का समावेश है। पाकिस्तान के लिए यह बात अत्यंत चौंका देने वाली है। भारत में एनएसजी के सदस्यत्व प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील हैं और उसके लिए इन प्रयत्नों को एक चीन को छोड़कर दूसरे किसी का भी विरोध नहीं है। चीन भी अधिक समय पर भारत का एनएसजी सदस्य को रोक नहीं सकता, ऐसा दावा किया जा रहा है। भारत को यह सदस्यत्व अगर मिलना होगा तो पाकिस्तान को भी उसे दूर नहीं रखा जाएगा, ऐसा कहकर चीन भारत का विरोध कर रहा है।
पर भारत एवं पाकिस्तान का परमाणु इतिहास एक जैसा ना होकर पाकिस्तान परमाणु शस्त्र प्रसार में उलझा हुआ देश है। इस पर दुनिया के प्रमुख देशों ने ध्यान केंद्र किया है। चीन यह बात मानने के लिए तैयार ना होकर अमरिका ने पाकिस्तान के ७ कंपनियों को परमाणु शस्त्र प्रसार के लिए सीधे जिम्मेदार पकड़ते हुए उन पर कार्रवाई की है। यह बात पाकिस्तान के एनएसजी सदस्यता की महत्वकांक्षा धूल में मिला सकती है। इसकी वजह से चीन को भी पाकिस्तान का पक्ष उठाई धरना कठिन होने वाला है। ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान के बारे में लिया अधिक एक कठोर निर्णय कह रहा है और आने वाले समय में अमरिका पाकिस्तान को अधिक निशाना साधेगा, ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)