यूरोपीय देश और नाटो के दूतों को रशिया की तरफ से समंस
मॉस्को/वॉशिंग्टन: ब्रिटन में भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुए विषप्रयोग को लेकर राजनीतिक युद्ध अधिक तीव्र हुआ है। रशिया ने गुरुवार को अमरिका के ६० राजनीतिक अधिकारी और जासूसों को खदेड़ने की घोषणा की है। उसी समय रशिया के ‘सेंट पीटर्सबर्ग’ शहर में स्थित अमरिका के बाणिज्य दूतावास को बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। अमरिका ने इस पर आक्रामक प्रतिक्रिया देकर सदर कार्रवाई द्विपक्षीय संबंध अधिक बिगड़ने वाली साबित होगी, साथ ही अमरिका भी इसे प्रत्युत्तर देगा, ऐसा इशारा दिया है।
रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह ने गुरुवार को अमरिका के खिलाफ की कार्रवाई की जानकारी दी। अमरिका के रशिया के राजदूत जॉन हंट्सन को समन्स भेजकर रशिया की कार्रवाई के बारे में कल्पना दी है, ऐसा लाव्हरोव्ह ने कहा है। ‘ब्रिटन और अमरिका अन्य देशों को रशिया विरोधी भूमिका लेने के लिए और कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। रशिया के खिलाफ की गई कार्रवाई स्वीकार करने जैसी नहीं है। कथित स्क्रिपल मुद्दे का इस्तेमाल करके रशिया विरोधी कार्रवाई के लिए दबाव डाला जा रहा है। अमरिका के साथ अन्य देशों को भी जैसे को तैसा जवाब दिया जाएगा’, इन शब्दों में लाव्हरोव्ह ने कार्रवाई का समर्थन किया है।
रशिया ने अमरिका के ‘सेंट पीटर्सबर्ग’ में स्थित दूतावास को बंद करने के आदेश दिए हैं। उसी समय मॉस्को शहर में स्थित अमरिकी दूतावास में काम करने वाले ५८ और ‘येकातेरिनबर्ग’ दूतावास के दो अधिकारियों को ५ अप्रैल तक रशिया छोड़ने को कहा है। ७ अप्रैल तक ‘सेंट पीटर्सबर्ग’ में स्थित दूतावास भी बंद करने का इशारा भी दिया गया है। रशिया के खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई करने वाले यूरोपीय देशों के राजदूतों को भी शुक्रवार को समन्स भेजा गया है और अगले २४ घंटों में कार्रवाई की घोषणा होगी, ऐसा कहा गया है।
रशिया ने की कार्रवाई के खिलाफ अमरिका ने आक्रामक प्रतिक्रिया दी है। अमरिका ने रशिया के खिलाफ की कार्रवाई ब्रिटन के मुद्दे को लेकर उठाया हुआ उचित कदम था, ऐसा समर्थन अमरिकी अधिकारीयों ने किया है। व्हाईट हाउस की प्रवक्ता साराह हुकाबी सैंडर्स ने रशिया की कार्रवाई समर्थनीय नहीं है, ऐसा आरोप किया है। ‘रशिया ने की कार्रवाई की वजह से दोनों देशों के बीच संबंध अधिक बिगड़ने की संभावना है। यह कार्रवाई अपेक्षित थी और अमरिका इसे उचित प्रत्युत्तर देगा’, ऐसा सैंडर्स ने कहा है।
भूतपूर्व रशियन जासूस सर्जेई स्क्रिपल पर ब्रिटन में हुए विषप्रयोग के बाद रशिया के २३ राजनीतिक अधिकारियों को खदेडा था। ब्रिटन की इस कार्रवाई का समर्थन करके अमरिका और यूरोपीय देशों ने ब्रिटन के पीछे मजबूती से खड़े रहने का आश्वासन दिया था। उसके बाद सोमवार २६ मार्च को अमरिका के साथ २५ देशों ने रशिया के करीब १५० राजनीतिक अधिकारीयों को खदेड़ने की घोषणा की। सोमवार को रशिया के खिलाफ हुई कार्रवाई दुनिया के राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़ा निर्णय साबित हुआ है। रशिया के साथ हथियारों की प्रतियोगिता में अमेरिका ही जीतेगा।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)