तेहरान: ‘इस्रायल की विश्वासघाती, झूठे और जुल्मी राजवट के साथ सऊदी अरेबिया ने हाथ मिलाया है, यह अक्षम्य गलती साबित होती है। ऐसा करके सऊदी अरेबिया ने पॅलेस्टिनी जनता के विश्वास के साथ दगा किया है’, ऐसी कडी टीका इराण के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्ला खामेनी ने कि ही।
दो दिनों पहले सऊदी अरेबिया के ‘क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान’ ने ज्यू धर्मियों का अपनी भूमि पर अधिकार है, ऐसी घोषणा करके खलबली मचाई थी। इस पर ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु ने आपत्ति जताकर सऊदी को फटकार लगाई है।
‘खाड़ी के कुछ अरब नेताओं ने इस्रायल के साथ हाथ मिलाने की एकसमान नीति अपनाई है और इस्रायल के नजदीक जाने वाली उनको इन गतिविधियों का धीरे धीरे पर्दाफाश हो रहा है। यह समझौता करके इन देशों ने पॅलेस्टिनी जनता का विश्वासघात किया है। इस वजह से पॅलेस्टिनी जनता के इस्रायल विरोधी संघर्ष को झटका लग सकता है’, ऐसी खामेनी ने टीका की है।
ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु खामेनी ने सऊदी अरेबिया और सऊदी के अन्य अरब देशों पर टीका की है। पिछले कुछ महीनों से सऊदी और अन्य अरब देश ईरान के साथ का परमाणु अनुबंध और सीरिया में ईरान का लष्करी अड्डा इन इस्रायल ने रखी भूमिकाओं का समर्थन किया था। उसीके साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए इस्राइल की सहायता करने के संकेत भी सऊदी के कुछ नेताओं ने दिए थे। इस वजह से इस्रायल और सऊदी और अन्य अरब मित्र देश ईरान के खिलाफ एक होने के संकेत मिल रहे थे।
सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने अमरिका दौरे में खुलकर सऊदी का ज्यू धर्मियों को विरोध नहीं और ज्यू धर्मियों का अपनी भूमि पर अधिकार है, ऐसा कहकर खलबली मचाई थी। उसी समय आकार में छोटे इस्राइल की अर्थव्यवस्था बड़ी है, ऐसा कहकर प्रिंस मोहम्मद ने इस्राइल की तारीफ की थी। इसके बाद सऊदी और अन्य अरब देशों के और इस्राइल के हितसंबंध एकसमान होने का दावा भी प्रिंस मोहम्मद ने किया था।
हमास के नेता हनिया और खामेनी की भेंट
इन दिनों इस्रायल और पॅलेस्टाईन के बीच शुरू संघर्ष की पृष्ठभूमि पर हमास इस पॅलेस्टाईन के उग्र संगठन के नेता इस्माइल हनिया ने ईरान का दौरा करके ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु आयातुल्ला खामेनी के साथ चर्चा की। इस समय ‘पॅलेस्टिनियों की इस्रायल के खिलाफ शुरु लड़ाई को समर्थन देना यह हर इस्लाम धर्मीय का कर्तव्य है’ ऐसी घोषणा खामेनी ने की है।
सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस्रायल के पक्ष में भूमिका लेने के बाद हमास के प्रमुख नेता ने ईरान को दी यह भेंट जानकारों का ध्यान आकर्षित कर रही है। गाझापट्टी से इस्राइल की सीमा को टक्कर देने वाले दूसरे मोर्चे की तैयारी हमास ने की है और इस पृष्ठभूमि पर भी हनिया और खामेनी की भेंट का महत्व बढ़ गया है।
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