जेरूसलेम – इस्रायल की संसद ने अपने प्रधानमंत्री को युद्ध छेडने के विशेष अधिकार बहाल किए है| इसके विधेयक को मंजूर करते हुए इस्रायली संसद ने इस विषय पर पहले किए हुए कानून में सुधार किए| इससे इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू रक्षा मंत्री एविग्दोर लिबरमन की सहमती से किसी भी क्षण युद्ध छेड सकते है| इस्रायल और ईरान के बिच का तनाव चोटीं पर पहुँच चूका है, जिससे दोनों देशो में किसी भी क्षण युद्ध भड़क सकता है| इन परिस्थितीयों में इस्रायल की संसद ने प्रधानमंत्री को यह विशेष अधिकार बहाल किए है|
सोमवार को इस्रायल की संसद ‘क्नॅसेट’ में युद्ध घोषणा के कानून पर बदलाव के प्रस्ताव को मंजुर किया गया| इससे पहले कानून के अनुसार इस्रायल के प्रधानमंत्री को युद्ध की घोषणा करने के लिए सभी मंत्री मंडल का समर्थन प्राप्त करना आवश्यक था| लेकिन संसद द्वारा किए गए नए बदलाव से आपात स्थिती में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू रक्षा मंत्री लिबरमन की सहमती से तुरन्त युद्ध की घोषणा कर सकते है| यह विशेष अधिकार प्रधानमंत्री के हाथ में थमाकर इस्रायल की संसद ने ईरान समेत पूरी दुनिया को महत्त्वपूर्ण संदेश दिया है| ईरान ने अब तक दुनिया से झूठ कह कर एटम बम संपादित करने का आरोप प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने पत्रकार बैठक में किया था| उससे पहले इस्रायली संसद ने यह विधेयक पारित किया था|
फिलहाल सीरिया में अलग देशों की सेना और समर्थक गुटों में घमासान शुरू है| इसका फायदा लेते हुए ईरान ने सीरिया में अपना सैनिकी बेस बना रहा है| साथही हिजबुल्लाह यह चरमपंथी संगठन भी सीरिया में कार्यरत है| सीरिया यह इस्रायल का पड़ोसी देश है| सीरिया में ईरान का सैनिकी प्रभाव मतलब इस्रायल की सुरक्षा को सिधा खतरा है, ऐसा इस्रायल ने बहुत बार स्पष्ट किया था| इसीलिए इस्रायल ने कई बार सीरिया में हिजबुल्लाह और ईरान के सैनिकी अड्डों पर हमले किए थे| साथही पिछले सप्ताह में इस्रायल ने सीरिया में हवाई हमलों की तीव्रता बढाई है|
सीरिया समेत ईरान और रशिया भी इन हमलों के खिलाफ इस्रायल को चेतावनी दे रहे है| इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने की कार्रवाई में ईरान के सात सैनिकी सलाहकार मारे जाने के बाद ईरान ने तुफानी प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसा धमकाया था| रशिया ने भी इसके खिलाफ इस्रायल के विरोध में नीति अपनाई थी| लेकिन किसी का भी विरोध और धमकी की फिक्र न करते हुए इस्रायल आगे भी सीरिया के हवाई क्षेत्र में खुले आम कार्रवाई करने की घोषणा इस्रायल के रक्षा मंत्री लिबरमन ने की थी| वही इस्रायल के विनाश की घोषणा करनेवाले किसी भी देश को एटम बम नहीं प्राप्त करने देंगे, यह इस्रायल की पारंपरिक नीति है, इसकी याद संयुक्त राष्ट्र में इस्रायली राजदूत ने हालहीं में कराई थी|
इस पृष्ठभूमी पर इस्रायल और ईरान में किसी भी क्षण युद्ध भड़क उठेगा, और इस युद्ध की खाई में खाड़ी देश खिचें आएंगे, ऐसी चिंता जताई जाती है| लेकिन युद्ध भड़क उठा तो उसका सामना करने की इस्रायल की पूरी तैयारी है, इसकी याद इस्रायली नेता ईरान समेत अपने सभी दुश्मन देशों को करा कर दे रहे है| समय आने पर सीरिया और ईरान को साथ देने वाले रशिया से भी भिडंत लेने से इस्रायल पिछे नहीं हटेगा, ऐसा संदेश भी इस्रायल के रक्षा मंत्री ने दिया था| इस पृष्ठभूमी पर इस्रायल की संसद द्वारा लिए गए आक्रामक फैसले का महत्त्व प्रचंड बढ़ा है, जिसके आनेवाले समय में बहुत बड़े परिणाम हो सकते है|
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