अमरिका के विदेश मंत्रालय से – चीन स्थित अमरिकी नागरिकों के लिए ‘सॉनिक’ चेतावनी

अमरिका के विदेश मंत्रालय से – चीन स्थित अमरिकी नागरिकों के लिए ‘सॉनिक’ चेतावनी

वॉशिंग्टन – पॅसिफिक महासागर से लेके कारोबार तक के क्षेत्र में अमरिका और चीन एकदुसरे के खिलाफ खडे हो चुके है| इन दोनो महाशक्तीयों में अलग अलग स्तर पर संघर्ष भडकने की संभावना है| ऐसे में अमरिका से आये एक समाचार ने दुनिया भर के विश्‍लेषकों का ध्यान खींच लिया है| अमरिकी विदेश मंत्रालय ने चीन में वास्तव्य कर रहे अपने नागरिकों को ‘स्वास्थ्यविषयक चेतावनी’ दी है| चीन में उनपर ‘सॉनिक’ हमले हो सकते है, ऐसा ‘संदेश’ अमरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा अलग शब्दों में अपने नागरिकों को दिया गया है|

‘सॉनिक’

चीन के ‘गुआंगझोउ’ शहर में अमरिका के एक राजनीतिक अधिकारी को काफी अलग अनुभव मिला| इस साल के अप्रैल महीने तक यहॉं पर नियुक्त रहे ईस अमरिकी अधिकारी को ‘माईल्ड ट्रमॅटिक ब्रेन इंजरी’ (एमटीबीआय) होने की जानकारी सामने आयी है| इस अधिकारी को यह जख्म किसि भी तरह के हथियार से नही तो तीव्रता वाले ध्वनितरंगो की वजह से होने की बात कही जा रही है| इसके बाद अमरिका के विदेश मंत्रालय ने चीन स्थित अपने नागरिकों के लिए ‘हेल्थ अलर्ट जारी करके सावधानी बरतने की चेतावनी दी है| ‘चीन में घुमते हुए किसी भी जगह पर आपके पास तीव्रतावाले ध्वनि तरंग पहुँचते है और उससे आपके शरीर पर गलत असर होने लगे तो ऐसी जगहों से तुरंत दूर जाईये|’ ऐसी समझ अमरिका के विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को दी है|

यह समाचार प्रकाशित होने के बाद मीडिया मे सन २०१६ में क्युबा में भी अमरिका के राजनीतिक अधिकारियों को ऐसीही तकलीफ हुई थी, इसका जिक्र किया| क्युबा की राजधानी हवाना में नियुक्त हुए अमरिकी राजनीतिक अधिकारी और कर्मचारियों को बहरापन, दृष्टी कम होना, चक्कर, सरदर्द और थकान की तकलीफ महसूस हुई थी| यह सब ‘सॉनिक’ हथियार याने की तीव्र ध्वनितरंगो का इस्तेमाल होनेवाले हथियारों के वजह से हुआ, ऐसे दावे किये जाते है| इसकी गंभीर दखल लेते हुए अमरिका ने हवानावाले अपने दूतावास से काफी अधिकारी और कर्मचारियों को वापिस बुला लिया था|

चीन में भी अमरिकी राजनीतिक अधिकारियों पर ‘सॉनिक’ हथियार का प्रयोग हुआ क्या‘ ऐसा सवाल मीडिया द्वारा उपस्थित किया गया है| उसी समय अमरिका और चीन के बीच चल रहें संघर्ष के चलते यह समाचार काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो रहा है| ऐसा दावा दुनिया की मीडिया द्वारा किया जा रहा है| यह सच में ‘सॉनिक’ हथियारों का हमला है या यह अमरिका का चीन के खिलाफ मनोवैज्ञानिक दबाव का युद्ध है? ऐसा सवाल भी कई समाचारसंस्थाओं ने पूछा है|

अधिकृत स्तर पर अमरिका ने इस बारे में स्पष्टीकरण नही दिया है| लेकिन अमरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा अपने नागरिकों के लिए इस बारे में जारी की हुए सूचना बहुत कुछ स्पष्ट करते हुए दिखाई पड रही है|

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