ट्रम्प द्वारा यूरोपीय देशों पर दबाव बढा तो ‘नाटो’ खत्म हो जायेगा – जर्मनी के माजी रक्षामंत्री की चेतावनी

ट्रम्प द्वारा यूरोपीय देशों पर दबाव बढा तो ‘नाटो’  खत्म हो जायेगा – जर्मनी के माजी रक्षामंत्री की चेतावनी

बर्लिन – ‘रशिया के तरफ से किसी भी तरह का सैनिकी, आर्थिक या राजनीतिक स्तर पर धोखा है, ऐसे पश्‍चिम यूरोपीय देशों को बिल्कुल नही लगता। इसी लिए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ब्रुसेल्स में हुए नाटो बैठक में ली भूमिका पर उनमें सहमती नही बन सकती। अगर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष अपनी आक्रामक भूमिका कायम रखते है, तो नाटो खत्म हो जायेगा।’ ऐसी चेतावनी जर्मनी के भूतपूर्व रक्षामंत्री विली विमर ने दिया।

रक्षामंत्री, चेतावनी, विली विमर, नाटो, रक्षा का खर्चा, बर्लिन, रशियादो दिन पहले ब्रुसेल्स में हुए नाटो की बैठक में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने रशिया द्वारा यूरोप को होनेवाला धोखा और सदस्य देशों का रक्षा निधी इन मुद्दों पर आक्रामक भूमिका ली थी। ट्रम्प ने जर्मनी की आलोचना करते हुए अमरिका अकेला नाटो का खर्चा नही उठाएगा, ऐसी चेतावनी दी थी। नाटो के बैठक से पहले किये एक बयान में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने यूरोप में अमरिका की सैनिकी तैनाती कम करने के भी संकेत दिये थे। नाटो बैठक के बाद किए एक ‘ट्विट’ में ट्रम्प ने नाटो सदस्य देशों ने रक्षा का खर्चा चार प्रतिशत करने की तैय्यारी दिखाई, ऐसा दावा किया था।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के इस बयान पर यूरोपीय देशों द्वारा कडा जवाब आया था। बहुतांश यूरोपीय देशों ने ट्रम्प का दावा खारिज किया था। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष द्वारा दी गयी चार प्रतिशत की मर्यादा व्यावहारिक नही है, ऐसा सूर यूरोपीय नेताओं से उमटा था। इस पृष्ठभूमी पर जर्मनी के माजी रक्षामंत्री ने दि चेतावनी ध्यान खींच रही है।

रक्षामंत्री, चेतावनी, विली विमर, नाटो, रक्षा का खर्चा, बर्लिन, रशिया‘नाटो को यूरोप में मिलनेवाला समर्थन कम हो रहा है। पिछले कई सालों में अमरिकी नेतृत्त्व में नाटो द्वारा किये गये सैनिकी साहसों की वजह से यूरोप में नाराजगी है। अगर अमरिकी नीतियों की तरह नाटो भूमिका लेता है, तो नाटो को यूरोप से सहारा नही मिलेगा। खास करके पश्‍चिमी यूरोपीय देशों को अँग्लो सॅक्सन युद्ध को समर्थन देने में दिलचस्पी नही है। यूरोप में चल रहें शरणार्थियों के संकट के लिए नाटो के नेतृत्त्व में अफगाणिस्तान और माली जैसे देशों में चल रहे संघर्ष जिम्मेदार है, ऐसा माना जा रहा है।’ इन शब्दों में विमर ने यूरोप में नाटो का भरोसा कम हो गया है, इसकी और ध्यान खींचा।

‘१९९० में ‘चार्टर ऑफ पॅरिस’ का स्वीकार करने के बाद नाटो यूरोप के लिए अप्रचलित संगठन बन गया था। अब आगे यूरोप में जंग नही, इस बात पर समझौते द्वारा मोहर लगा दी थी। पर अब नाटो द्वारा फिर एक बार यूरोप में जंग के बादल लाये गये है।’ ऐसी चेतावनी जर्मनी के माजी रक्षामंत्री ने दी। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष यूरोपीय देशों पर रक्षा खर्चे के साथ ही रशिया के साथ सहयोग और कारोबार के मुद्दे पर हमेशा से दबाव डाल रहे है। अगर यूरोपीय देश ट्रम्प के नीतियों के अनुसार भूमिका लेते है, तो यूरोपीयन जनता ऐसे देशों के सत्ताधारियों को फेंक देगी, ऐसी फटकार भी विमर ने लगायी है।

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