मॉस्को – अमरिका ने अब आगे रशिया के बैकिंग क्षेत्र या फिर मुद्रा व्यवहार पर प्रतिबंध लगाये तो वह आर्थिक जंग का ऐलान साबित होगा, ऐसी करारी चेतावनी रशिया के प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदेवेदेव ने दी| अमरिका ने बुधवार को ब्रिटन में भूतपूर्व जासूस पर किये जहर के इस्तेमाल के मामले में रशिया के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा संवेदनशील तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध घोषित किये थे| इस पृष्ठभूमी पर प्रधानमंत्री मेदवेदेव द्वारा दी गयी आक्रामक प्रतिक्रिया ध्यान खींचनेवाली साबित हो रही है|
‘अगर अमरिका रशिया के बैकिंग क्षेत्र की गतिविधियां रोकने की कोशिश करते है या फिर मुद्रा व्यवहार पर बंदी डालने का प्रयास करते है, तो यह मामला रशिया के लिए आर्थिक जंग का ऐलान साबित होने की संभावना है| इस आर्थिक जंग को रशिया केवल आर्थिक स्तर पर ही नही तो राजनैतिक और जरुरत पडने पर अन्य किसी भी स्तर पर जवाब देने की तैय्यारी रखेगी| हमारे अमरिकी दोस्त यह अच्छी तरह जान ले|’ ऐसे करारे शब्दों में रशियन प्रधानमंत्री मे अमरिका को फटकार दी|
इस समय मेदवेदेव ने, रशिया पर इससे पहले काफी बार आर्थिक प्रतिबंध थोपने का इतिहास है ऐसा कहते हुए रशिया पर इसका असर नही पडा है, इसकी याद दिलायी| ‘पिछले १०० सालों से रशिया प्रतिबंधो के दबाव के नीचे चल रहा है| अमरिका और सहकारी देशों ने वैश्विक स्पर्धा खतम करने के लिए प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया| पर उससे कुछ भी फरक नही पडा|’ ऐसे शब्दों में मेदवेदेव ने चेतावनी दी कि, रशिया प्रतिबंधो के सामने झुकेगा नही| साथ ही उन्हों ने इस वक्त रशिया द्वारा यूरोप में हो रहें इंधन निर्यात पर डाले प्रतिबंध तथा चीन पर डाले गये प्रतिबंधो का जिक्र किया|
रशियन प्रधानमंत्री द्वारा अमरिकी प्रतिबंधो के खिलाफ दी गयी चेतावनी ध्यान खींचनेवाली साबित हो रही है| इस से पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन और रशियन नेता तथा अधिकारियों ने अमरिकी प्रतिबंधों को जवाब देने की चेतवानी के अलावा खास आक्रामक बयान नही दिये थे| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने हाल ही में अमरिकी प्रतिबंधो के पृष्ठभूमी पर रशियन अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, ऐसा दावा किया था| इसके चलते प्रधानमंत्री मेदवेदेव का आक्रामक बयान रशिया के बदलती नीति के संकेत देनेवाला दिख रहा है|
अमरिका ने बुधवार को रशिया के खिलाफ ऐलान किये हुए प्रतिबंधो का तेज असर रशिया में दिखायी दिया था| रशियन मुद्रा रुबल के मूल्य में बडी गिरावट आयी थी| उसका मूल्य अगस्त २०१६ के बाद वाले नीचांकी स्तर पर जा पहुँचा है| रशिया के शेअर बाजार में भी तेजी से गिरावट आयी है और यह पिछले कुछ दिनों में बैठा हुआ सबसे बडा झटका कहा जा रहा है| यह घटनांए अमरिकी प्रतिबंध रशिया को झटजा दने में कामियाब होने के संकेत मिल रहे है|
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