रशिया के प्रभाव से बचने के लिए – पोलैंड की तरफ से ‘बाल्टिक सी कैनल’ का प्रस्ताव

रशिया के प्रभाव से बचने के लिए – पोलैंड की तरफ से ‘बाल्टिक सी कैनल’ का प्रस्ताव

वॉर्सा – ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बना पोलैंड का स्थान ध्यान में लिया जाये तो यह बात महत्वपूर्ण है। दूसरे देश पर निर्भर रहने वाले देश के तौर पर पोलैंड की पहचान को हटाना जरुरी है। पोलैंड क्या करे अथवा क्या न करे, इसका निर्णय रशिया ने लेने के दिन अब ख़त्म हो गए हैं’, यह दिखाना ही पड़ेगा’, इन शब्दों में पोलैंड के सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख ‘जैरोस्लाव कैझिन्स्की’ ने ‘बाल्टिक सी’ क्षेत्र में नई नहर निर्माण करने की घोषणा की है। वर्तमान में पोलैंड की ‘एल्ब्लैग’ बंदरगाह के जहाजों को सफ़र के लिए रशिया के ‘कैलिनिनग्रैड’ इलाके के समुद्री क्षेत्र का इस्तेमाल करना पड़ता है।

बाल्टिक सी कॅनल, प्रस्ताव, जॅरोस्लाव कॅझिन्स्की, कालवा, संरक्षणसज्ज, रशिया, world war 3, पोलंड, अमेरिकाबाल्टिक सी क्षेत्र के सबसे बड़े यूरोपीय देश के तौर पर पहचाने जाने वाला पोलैंड रशिया का सबसे बड़ा विरोधक है। रशिया के ‘कैलिनिनग्रैड’ इस रक्षा अड्डे को लगकर होने की वजह से पोलैंड को लगतार रशिया की तरफ से आक्रमण का डर है, ऐसे आरोप पोलिश राजवट की तरफ से किए जाते हैं। युक्रेन में रशिया की कार्रवाई के बाद पोलैंड को सताने वाली यह चिंता अधिक बढ़ गई है और नाटो और अमरिका ने पोलैंड को सुरक्षा से सज्जित करने के लिए जोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। पोलैंड ने अमरिका के साथ ‘पैट्रियोट’ मिसाइल यंत्रणा की तैनाती के लिए अनुबंध किया है और नाटो का अड्डा भी कार्यरत हुआ है।

पोलैंड की राजवट ने लगातार रशिया के खिलाफ भूमिका ली है और इंधन के लिए रशिया पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए सन २०१५ में नई इंधन परियोजना का निर्माण किया था। रशिया की तरफ से बाल्टिक सी क्षेत्र से जर्मनी को इंधन आपूर्ति करने के लिए निर्माण किए जाने वाले ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ इस परियोजना को भी पोलैंड ने जोरदार विरोध किया है। उसके बाद अब पोलैंड ने देश में अमरिका का स्थायी लष्करी अड्डा निर्माण करने के लिए भी गतिविधियाँ शुरू की हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, पोलैंड की राजवट के प्रमुख ने ‘बाल्टिक सी कैनोल’ परियोजना को गति देने के बारे में किया वक्तव्य रशिया विरोधी भूमिका की पुष्टि करता है। पोलैंड सरकार ने सन २०१७ में ‘बाल्टिक सी कैनल’ का प्रस्ताव आगे किया था। उसके अनुसार, पोलैंड के ‘एल्ब्लैग’ बंदरगाह के जहाजों की यात्रा के लिए ‘विस्तुला लगून’ इलाके में एक नहर बनाई जाने वाली है। यह नहर ११०० यार्ड लम्बी और १६ फूट गहरी होगी। इस साल के अंत से नहर का काम शुरू होने वाला है और इसके लिए २५ करोड़ डॉलर्स खर्च होने वाले हैं।

रशिया ने इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय कमीशन को खत लिखकर इस परियोजना को विरोध दर्शया था। इस परियोजना की वजह से पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है, ऐसा रशिया ने खत में लिखा है। पोलैंड सरकार ने रशिया का खत मतलब पोलैंड में होने वाला निवेश रोकने की कोशिश है, इन शब्दों में आलोचना की है। रशिया के इस खत के बाद पोलैंड सरकार का नहर बनाने का फैसला निश्चित हुआ है। ऐसा ‘जैरोस्लाव कैझिन्स्की’ के वक्तव्य से दिखाई दे रहा है।

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