सौदी अरब के नेतृत्व में शुरू ‘येमन’ संघर्ष से ‘यूएई’ बाहर

सौदी अरब के नेतृत्व में शुरू ‘येमन’ संघर्ष से ‘यूएई’ बाहर

दुबई  – खाडी क्षेत्र में ईरान के मुद्दे पर तनाव बढ रहा है और ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने येमन में जारी संघर्ष से पीछे हटने का निर्णय किया है| वर्ष २०१५ से सौदी के नेतृत्व में येमन में ईरान पुरस्कृत हौथी बागियों के विरोध में व्यापक लष्करी मुहीम शुरू है| चार वर्ष बाद भी सौदी के नेतृत्व में शुरू इस संघर्ष में अपेक्षा के नुसार सफलता प्राप्त नही हुई है| इस वजह से सौदी के साथ संघर्ष के मुद्दे पर बने मतभेदों की वजह से ‘यूएई’ ने येमन के संघर्ष से पीछे हटना शुरू किया है, यह दावा विदेशी माध्यम कर रहे है|

येमन में हौथी बागियों ने देश के अहम बंदरगाह एवं शहरों पर कब्जा किया है| इन बागियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और उन्हें ईरान से बडी मात्रा में हथियार और पैसों की आपुर्ति हो रही है| येमन के बागियों के जरिए ईरान खाडी क्षेत्र में सौदी के वर्चस्व को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है| इस वजह से सौदी अरब के लिए खाडी में प्रभाव बरकरार रखने के लिए येमन में शुरू मुहीम अहम होने की बात समझी जा रही है|

सौदी अरब ने वर्ष २०१५ में खाडी?एवं अफ्रीका के १० से अधिक मित्रदेशों का गठबंधन करके हौथी बागियों के विरोध में आक्रामक लष्करी मुहीम शुरू की थी| इसमें लगभग दो लाख सैनिकों समेत २०० से अधिक लडाकू विमान और युद्धपोत शामिल किए गए थे| सौदी के साथ ही इस मुहीम में ‘यूएई’ की भूमिका और समावेश अहम समझा जा रहा था| अमरिका ने भी इसमें सौदी अरब को समर्थन प्रदान करके हथियार और आर्थिक सहायता भी की थी|

लेकिन, चार वर्ष शुरू इस मुहीम के बाद भी सौदी को सफलता प्राप्त नही हुई है, बल्कि हौथी बागियों से सौदी पर हो रहे हमलें बढने की बात सामने आ रही है| इस पृष्ठभूमि पर पिछले दो वर्षों में सौदी के साथ बने मतभेदों की वजह से कतार और मोरोक्को जैसे देश ‘येमन संघर्ष’ से पहले ही बाहर हुए है| इसके साथ ही अब ‘यूएई’ का बाहर होना सौदी के लिए बडा झटका समझा जा रहा है| अबतक खाडी क्षेत्र में ईंधन से लेकर अन्य सभी अहम निर्णयों में ‘यूएई’ का सौदी को मजबूत समर्थन प्राप्त हुआ था| लेकिन, ‘येमन’ की असफलता सौदी और ‘यूएई’ के बीच बनी दरार बढाने के लिए कारण साबित हुई है|

‘यूएई’ की सेना ने येमन में दो अहम बंदरगाह एवं ‘एडन’ और ‘पेरिम आयलैंड’ में तैनात अपनी सेना पीछे हटाने की शुरूआत की है| इन हिस्सों में ‘यूएई’ के लगभग ५ हजार से भी अधिक सैनिक, टैंक और लडाकू विमान तैनात थे| ‘यूएई’ ने वापसी शुरू करने से इन अड्डों पर सौदी ने अपनी सेना तैनात करना शुरू किया है| इस वापसी के मुद्दे पर सौदी अरब के साथ बातचीत होने का दावा ‘यूएई’ कर रहा है| लेकिन, इस मुद्दे पर अधिकृत प्रतिक्रिया देने से दोनों देश दूर रहे है|

‘यूएई’ के इस निर्णय के पीछे ईरान मुद्दे पर खाडी क्षेत्र में बढ रहा तनाव और येमन के संघर्ष को लेकर अमरिका के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही बढती आलोचना कारण होने का दावा कुछ अंतरराष्ट्रीय माध्यम और विश्‍लेषक कर रहे है|

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