‘एटमी समझौते’ से अमरीका की वापसी को रशिया सैनिकी जवाब देगा – रशिया द्वारा अमरीका को गंभीर चेतावनी

‘एटमी समझौते’ से अमरीका की वापसी को रशिया सैनिकी जवाब देगा – रशिया द्वारा अमरीका को गंभीर चेतावनी

मॉस्को/वॉशिंग्टन – रशिया ने अमरीका से किया ऐतिहासिक ‘इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस ट्रिटी’ (आयएनएफ) का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप करते हुए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘आयएनएफ’ से पिछे हटने की घोषणा की| इस पर झल्ला उठे रशिया ने ये फैसला लेकर अमरीका ने खतरनाक कदम उठाया, ऐसी चेतावनी दी| साथही ‘अमरीका के एकतरफा फैसले पर रशिया से जैसे को तैसा जवाब दिया जाएगा, संभवत: ये जवाब सैनिकी भी होगा’, ऐसी धमकी रशिया ने दी| अमरीका के राष्ट्रीय सलाहकार जॉन बोल्टन रशिया के दौरे पर है, तभी ये सब गतिविधियॉं घटी है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पत्रकारों के सामने ‘आयएनएफ’ से पिछे हटने की घोषणा की| ये घोषणा करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने रशिया साथही अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा पर भी आलोचना की| ‘रशिया ने बार बार ‘आयएनएफ’ का उल्लंघन किया है| पिछले कई वर्षों से रशिया द्वारा ये उल्लंघन जारी है| ये मालूम होते हुए भी ओबामा ने क्यू कार्रवाई नहीं कि, इसका जवाब नहीं मिल रहा| लेकिन इसके आगे ऐसा नहीं होगा| इसलिए अमरीका इस समझौते से पिछे हटेगा’, ऐसा ट्रम्प ने कहा|

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अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन रशिया के दौरे पर है, उसी समय राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ये घोषणा की| बोल्टन रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह से मुलाकात करनेवाले है| इस मुलाकात में उत्तर कोरीया पर लदे प्रतिबंधों पर चर्चा होगी, ऐसा दावा किया जाता है| साथही वर्ष के समाप्ती में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन इनमें महत्त्वपूर्ण बैठक होनेवाली है| इस बैठक की पृष्ठभूमी पर अमरीका और रशिया से जानकारी प्रकाशित होने की संभावना जताई जा रही थी| लेकिन ट्रम्प ने ‘आयएनएफ‘ से पिछे हटने की घोषणा करने से खलबली मची है| रशिया ने ट्रम्प के इस फैसले पर काफी आलोचना की|

‘ये काफी गंभीर मसला है जिसपर सार्वजनिकता में बोलना सही नहीं| अमरीका ने इससे पहले भी ईरान के एटमी समझौते से वापसी लियी थी| साथही अन्य समझौते के बारे में भी अमरीका ने ऐसा ही किया था| अमरीका के ऐसे एकतरफा फैसलों को अन्य देशों की मान्यता नहीं मिलेगी और अमरीका इसे नजरअंदाज ना करे’, ऐसी चेतावनी रशियन उप विदेश मंत्री सर्जेई रिबकोव्ह ने दी| साथही ‘अमरीका के एकतरफा फैसलों से आंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को झटके बैठ रहे है| इससे आगे अमरीका इसी प्रकार से एकतरफा फैसले लेता है तो रशिया को अन्य विकल्पों का स्वीकार करना होगा| इसमें सैनिकी विकल्प भी शामिल होगा’ ऐसा रिबकोव्ह ने धमकाया|

वर्ष १९८७ में अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष रोनाल्ड रिगन और सोवियत रशिया के राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल गोर्बाचेव में ‘आयएनएफ’ समझौता हुआ था| इस समझौते की वजह से अमरीका और रशिया के लिए एटम बम का परीक्षण और आंतरखंडीय प्रक्षेपास्त्रों पर एटम की तैनात करने पर रोक लगी थी| इस समझौते से यूरोप तथा पूर्व यूरोपीय देशों की सुरक्षा की गारंटी मिली थी, ऐसा कहा जाता है| अगले दो वर्षों में ये समझौता खत्म होनेवाला था|

लेकिन इस समझौते का नूतनीकरण ना करते हुए ट्रम्प ने इस समझौते से पिछे हटनी की घोषणा की| पिछले कई महीनों से रशिया ने बढ़ायी एटमी गतिविधियॉं साथही राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की आक्रामक घोषणाएँ राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के फैसले के लिए जिम्मेदार होने का दावा अमरीका के सैनिकी विशेषज्ञ कर रहे है|

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