बीजिंग – ‘तैवान, चीन की अखंडता और सार्वभौमत्व का मुद्दा है। चीन की अखंडता को चुनौती देकर किसी ने तैवान को चीन से अलग करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ चीन की सेना किसी भी हद तक जा सकती है’, ऐसी चेतावनी चीन के रक्षामंत्री ‘वेई फेंघ’ ने दी है। अपने विध्वंसकों को तैवान रवाना करके चीन ने अमरिका को चेतावनी दी है, ऐसा प्रतित होता है। चीन की इस चेतावनी के बाद तैवान ने साऊथ चाइना सी क्षेत्र में ‘लाइव फायर ड्रिल’ युद्धाभ्यास आयोजित करने की घोषणा करके प्रत्युत्तर दिया है।
चार दिनों पहले मिसाइल भेदी यंत्रणाओं से सज्ज अमरिका के दो युद्धपोतों ने तैवान की खाड़ी में गश्त लगाई थी। इस गश्त का तैवान ने स्वागत किया था। लेकिन तैवान अपना ही हिस्सा है, ऐसा दावा करने वाले चीन ने इस कार्रवाई पर आपत्ति जताकर अमरिका को धमकाया है। हर साल सिंगापूर में आयोजित होने वाले ‘शांग्री-ला’ बैठक की तरह चीन ने राजधानी बीजिंग में अपने समर्थक देशों के साथ आयोजित की हुई बैठक के दौरान वुई फेंघ ने अमरिका को तैवान से दूर रहने की चेतावनी दी है।
‘तैवान चीन की सार्वभौमत्व का हिस्सा है, यह अन्य देश याद रखें। चीन के सार्वभौमत्व के मुद्दे पर बार बार उकसाना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। यदी तैवान को चीन से अलग करने की कोशिश की तो, चीन का लष्कर जोरदार प्रत्युत्तर देगा’, ऐसी फेंघ ने चेतावनी दी है। फेंघ ने अमरिका को यह चेतावनी दी है, ऐसा दावा चीन की सरकारी मीडिया कर रही है। चीन की इस धमकी पर अमरिका ने प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन तैवान ने प्रत्युत्तर दिया है।
साउथ चाइना सी के स्प्रार्टले द्विपसमुहों के समुद्री क्षेत्र के पास तैवान ने युद्धाभ्यास का आयोजन करने की घोषणा की है। दुश्मन देश ने अपनी जमीन पर या समुद्री क्षेत्र पर हमला किया तो उन हमलों को नाकाम करने की तैयारी इस अभ्यास में की जाने वाली है। इस अभ्यास में तैवान के लड़ाकू विमान, विध्वंसक शामिल होने वाले हैं। यह अभ्यास अपने ही समुद्री क्षेत्र मे पूरा होगा, ऐसा दावा तैवान कर रहा है, ऐसा हांगकांग स्थित एक दैनिक ने कहा है।
साउथ चाइना सी क्षेत्र की समुद्री सीमा पर दक्षिण पूर्व एशियाई देश अपना अधिकार जता रहे हैं। लेकिन चीन ने अन्य सभी देशों के अधिकार ठुकराये है। इस समुद्री क्षेत्र में फिलिपाईन्स, व्हिएतनाम के जहाजों को भी चीन की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। ऐसा होते हुए तैवान ने इसी समुद्री क्षेत्र में ‘लाइव फायर ड्रिल’ के आयोजन की घोषणा करके चीन को उकसाया है।
दौरान इसके पहले भी चीन ने तैवान के बारे में अमरिका और अन्य देशों को धमकाया था। तैवान चीन का अविभाज्य हिस्सा है और कोई भी देश तैवान के साथ राजनीतिक सहकार्य प्रस्थापित न करे ऐसी चीन ने धमकी दी है। पिछले कुछ महीनों में चीन की इस धमकी की वजह से कुछ देशों ने तैवान के साथ सहकार्य करना बंद किया है। लेकिन अमरिका ने तैवान के साथ सहकार्य बढाया है।
अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्ता पर आने के बाद से ही तैवान के साथ राजनीतिक सहकार्य बढ़ाना शुरू किया है और तैवान में उच्चआयुक्तालय शुरू किया है। उसीके साथ ही तैवान को लष्करी सहायता देने के लिए भी अमरिका ने जोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ’त्साई ईंग-वेन’ ने भी स्वतंत्र तैवान की माँग पर जोर देकर अमरिका और अन्य देश तैवान को सहकार्य करे, ऐसा आवाहन किया है।
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