युक्रेन में युद्ध की भीषणता बढ़ी

- राजधानी कीव की सड़कों पर संघर्ष भड़का

कीव – युक्रेन में युद्ध अधिक से अधिक भीषण बनता चला जा रहा होकर, तीसरे दिन भी रशिया के युक्रेन पर हमलों की तीव्रता अधिक ही बढ़ी दिखाई दे रही है। युक्रेन की सेना रशिया का प्रतिकार कर रही है, ऐसे दावे इस देश के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने किए हैं। वहीं, युक्रेन की राजधानी कीव पर पूरा कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रही रशियन सेना के साथ युक्रेन के जवान सड़कों पर लड़ रहे हैं, ऐसी खबरें आ रही हैं। ऐसी परिस्थिति में युक्रेन पर हमला करने की बहुत ही बड़ी कीमत रशिया को चुकानी पड़ें इसलिए अमरीका और नाटो ने युक्रेन को करोड़ों डॉलर की लष्करी सहायता प्रदान करने का फ़ैसला किया है।

युक्रेन में युद्ध

रशियन हवाई बल के विमान गिराने के दावे युक्रेन की सेना ने किए। इतना ही नहीं, बल्कि रशिया के कीव पर किये आक्रमण को युक्रेन की सेना द्वारा कड़ा प्रतिकार किया जा रहा है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने कहा है। राजधानी कीव पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रही रशियन सेना को युक्रेनी सेना ने बीच में ही रोकने के दावे किए जाते हैं। कीव की सड़कों पर ज़बरदस्त संघर्ष भड़का है ऐसा माध्यमों का कहना है। साथ ही, रशिया ने युक्रेन की रिहायशी बस्तियों को लक्ष्य करनेवाली हवाई हमले किए होकर, इनमें आम लोगों की जान जाने के आरोप हो रहे हैं। लेकिन रशिया ने, रिहायशी बस्तियों को लक्ष्य किया नहीं जा रहा है, ऐसा कहते हुए इन आरोपों को ठुकराया है। युक्रेन की सेना ने रशिया के विमान गिराने के झूठे वीडियोज जारी करने का दोषारोपण रशिया ने किया है।

रशिया के सामने टिक पाना मुश्किल बनता चला जा रहे युक्रेन के लिए अमरीका और नाटो ने करोड़ों डॉलर की लष्करी सहायता की घोषणा की। अमरीका युक्रेन को ३५ करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता प्रदान करनेवाली होकर, नाटो अपने सदस्य देशों के ज़रिए बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्लाई कर रहा है। इसके ज़रिए युक्रेन के युद्ध में रशिया को अधिक हानि सहनी पड़ें, ऐसी अमरीका और नाटो की योजना बताई जाती है। इस युद्ध में रशिया थर्मोन्यूक्लियर शस्त्र की श्रेणी में आनेवाले ‘फादर ऑफ ऑल बॉम्ब्स’ का इस्तेमाल कर सकता है, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने उसकी तैयारी भी की है, ऐसा दोषारोपण पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने किया है।

इसी बीच अमरीका ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन, विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह तथा रशिया के ‘नैशनल सिक्युरिटी काऊन्सिल’ के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

फिनलैंड और स्वीडन को रशिया की चेतावनी

फिनलैंड और स्वीडन ये देश नाटो की सदस्यता का स्वीकार करके अपनी सुरक्षा को खतरे में ना डालें। यदि ऐसा हुआ तो उसके भयंकर लष्करी और राजनीतिक परिणाम इन दोनों देशों को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी कड़ी चेतावनी रशिया ने दी है। रशिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया झकारोव्ह ने दी इस चेतावनी की बड़ी चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों में चल रही है। रशिया विस्तारवादी नीति अपना रहा है, ऐसे दावे अमरीका और कुछ युरोपीय देशों द्वारा किए जा रहे हैं।

युक्रेन को सहायता प्रदान करने की कोशिश करनेवाले देशों को, इतिहास में देखे नहीं होंगे ऐसे परिणाम भुगतने के लिए मजबूर करेंगे, ऐसी धमकी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी। उसके बाद फिनलैंड और स्वीडन इन देशों को भी रशिया ने कड़ी चेतावनी दी दिखाई दे रही है। ये दोनों देश नाटो में सहभागी होने के बारे में सोचें भी मत। वैसा करके फिनलैंड और स्वीडन अपनी सुरक्षा को खतरे में ना डालें, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता झकारोव्हा ने दी। साथ ही, इसके लष्करी और राजनीतिक परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसा कहकर झकारोव्हा ने ठेंठ उल्लेख ना करते हुए युक्रेन का हवाला दिया दिखाई दे रहा है।

इसी बीच, रशिया ने दी इस चेतावनी का हवाला देकर, पश्चिमी माध्यमों ने ये आरोप किए कि रशिया पूरे युरोप पर वर्चस्व जताने की तैयारी में है। अमरीका से भी ऐसे आरोप किए जा रहे होकर, रशिया की वर्चस्ववादी मानसिकता इससे दुनिया के सामने आ रही है, ऐसा दोषारोपण अमरीका से किया जा रहा है।

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