मॉस्को – क्युबा के नये राष्ट्राध्यक्ष ‘मिगेल डिआज-कैनल’ रशिया के दौरे पर है| उन्होने दो देशों के बीच सामरिक समझौता और मजबूत करने पर एकमत होने की जानकारी सूत्रोंेने दी| उस समय रशिया ने क्युबा को करीब चार करोड़ डॉलर का रक्षा सहाय्य देने के संकेत दिये है| आने वाले दिन में उसपर समझौते होगे| रशिया और क्युबा के बीच का सहकार्य मतलब पुरी दुनिया को परमाणुयुद्ध के खायी में गिराने वाले ‘क्युबन मिसाईल क्रायसेस’का अगला हिस्सा है, ऐसा दावा किया जाता है|
‘मिगेल डिआज-कैनल’ इन्होने अप्रैल महिने में ‘रौल कैस्ट्रो’इनसे राष्ट्राध्यक्षपद की सूत्रे स्वीकारी थी| इसके बाद पहली बार वे बड़े विदेश दौरे पर आये है| रशिया के बाद कैनल चीन को भी जाने वाले है| क्युबा और रशिया-चीन में संबंध कई दशकों से विकसित हुये है| इससे पीछे अमरीका विरोध प्रमुख सूत्र रहा है| पिछले कई महिनों में रशिया और चीन इन दोनो देशों के अमरीका के साथ संबधों में लगातार तनाव है| इसके कारण क्युबा के राष्ट्राध्यक्ष ने दोनो देशों का दौरा महत्त्वपूर्ण माना जाता है|
राष्ट्राध्यक्ष ‘मिगेल डिआज-कैनल’इन्होने रशिया की राजधानी मॉस्को में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव इनसे मुलाकात की| उस समय दोनो देशों के बीच करीब २५ करोड़ डॉलर से ज्यादा किमत का समझौता हुआ| इसमे रेल, उर्जा और वाहन क्षेत्र के समझौते है| लेकिन इस समझौते के अलावा दोनो देशों में सामरिक सहकार्य के मामले में हुआ एकमत महत्त्वपूर्ण माना जाता है|
अमरीका और सोव्हिएत रशिया में शीतयुद्ध खत्म होने के बाद रशिया पहली बार क्युबा के साथ इतने बड़े पैमाने पर सामरिक सहकार्य विकसित कर रहा है| सन १९६२ में सोव्हिएत रशिया ने क्युबा में अण्वस्त्रे तैनात की थी| अपनी सीमा के नजदीक अण्वस्त्रे तैनात करके सोव्हिएत रशिया ने युद्ध का ऐलान किया है, ऐसी चेतावनी अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष जॉन एफ. केनेडी ने दिया| यह तैनात पीछे ली नहीं, तो हमला किया जायेगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष केनेडी इन्होने बजाया था| रशिया के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष निकिता क्रुश्चेव्ह इन्होने इसे इन्कार दिया था| इस वजह से दो महासत्ता के बीच आण्विक युद्ध का विस्फोट किसी भी समय हो सकता है, ऐसे हालात पैदा हुये थे|
इसे ‘क्युबन मिसाईल क्रायसेस’कहा जाता है| आज भी बहोत खतरनाक हालातों का जायजा देने के लिये ‘क्युबन मिसाईल क्रायसेस’का संदर्भ दिया जाता है| उसी समय यह खतरा कम हुआ है, फिर भी अब इसका दुसरा अध्याय शुरू होने का दावा कुछ अखबारसंस्थाने दिया है| अमरीका के साथ रशिया का तनाव बढ़ा है| अमरीका ने रशिया के साथ ‘आयएनएफ’से (इंटरमिजेट न्युक्लिअर फोर्सेस ट्रिटी)से पीछे हटा है| ऐसे समय में रशिया ने क्युबा के साथ विकसित किया सामरिक सहकार्य नये भयावह खतरे की आहट ठहरती है, ऐसा सामरिक विश्लेषकों का कहना है|
English मराठीइस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |