यूरोपीय महासंघ से ब्रेक्जिट करार को मंजूरी – आगे चलकर करार में बदलाव होना संभव न होने की महासंघ की ब्रिटन को चेतावनी

यूरोपीय महासंघ से ब्रेक्जिट करार को मंजूरी – आगे चलकर करार में बदलाव होना संभव न होने की महासंघ की ब्रिटन को चेतावनी

ब्रूसेल्स / लंडन – यूरोपीय महासंघ के २७ सदस्य देशों ने ब्रिटेन से प्रस्तुत होने वाले ‘ब्रेक्जिट’ करार को मंजूरी दी है। यह करार सर्वोत्कृष्ट एवं अंतिम है, ऐसे शब्दों में यूरोपीय महासंघ के ने ‘ब्रेक्जिट’ करार को मंजूरी दी है। रविवार को ब्रूसेल्स में हुए विशेष बैठक में केवल ३८ मिनटों के बैठक में महासंघ के सदस्यों ने ब्रिटिश सरकार द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। महासंघ के प्रमुख जीन क्लौड जंकर ने यह घटना एक दु:खदायी घटना होने की बात कहकर इस पर खेद व्यक्त किया है। सरकार के करार का विरोध करनेवाले ब्रिटिश नेताओं ने, प्रधानमंत्री थेरेसा मे द्वारा महासंघ को जो भी चाहिए वह सभी देने कारण ही महासंघ झट से करार को मंजूरी दे रहा है ऐसी आलोचना की जा रही।

ब्रेक्जिट करार, मंजूरी, थेरेसा मे, यूरोपीय महासंघ, विरोध, ww3, ब्रूसेल्स, Junkerब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कुछ दिनों पहले ‘ब्रेक्जिट’ करार का प्रस्ताव यूरोपीय महासंघ को सौंपा था। इस प्रस्ताव को लेकर ब्रिटेन में काफी राजनीतिक तनाव उत्पन्न हुए थे और उनमें मे के इस्तीफे की भी मांग की गई थी। पर मे ने ब्रिटिश जनता द्वारा ‘ब्रेक्जिट’ के बारे में जो निर्णय लिया गया है, उसका सम्मान रखना चाहिए ऐसा कहकर प्रस्ताव तैयार करने की गवाही दी थी। उस समय प्रस्ताव तैयार करते हुए प्रत्येक व्यक्ति का समाधान करना संभव नहीं है, इस बात की पुष्टि भी की थी।

यूरोपीय महासंघ ने ब्रिटेन के प्रस्ताव पर सकारात्मक भूमिका लेकर वह २७ सदस्य देशों को भेजा था। इस प्रस्ताव पर स्पेन एवं आयरलैंड की ओर से कुछ आक्षेप दर्ज किए गए थे। स्पेन ने ‘जिब्राल्टर’ के अधिकार का मुद्दा उपस्थित करके नकारात्मक अधिकार की धमकी भी दी थी। पर स्पेन एवं ब्रिटेन में हुए चर्चा के बाद स्पेन ने इस मेल-जोल का स्वीकार करके ‘ब्रेक्जिट’ करार को मंजूरी दी थी। आयरलैंड ने भी विवाद के कुछ मुद्दे उपस्थित करने के बाद भी ‘ब्रेक्जिट’ को मंजूरी देकर महासंघ के सामने उपस्थित बाधा दूर को दूर किया।

रविवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे इनके उपस्थिति में ‘ब्रेक्जिट’ में महासंघ की विशेष बैठक संपन्न हुई। केवल ३८ मिनटों की बैठक में विवादाग्रस्तमुद्दों को टालकर महासंघ ने ‘ब्रेक्झिट’ करार को मंजूरी देने की बात घोषित की है। यूरोपीयन काउंसिल के प्रमुख डोनाल्ड टस्क ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी देते हुए आगे क्या होगा यह कहने से इनकार किया है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने ब्रिटेन का बाहर निकलना यह अत्यंत दु:खद बात होने की प्रतिक्रिया दर्शायी है।

महासंघ के प्रमुख जंकर ने, रविवार को दी गई मंजूरी यह एक दु:खद घटना होने की बात कहकर इस करार को ब्रिटिश संसद द्वारा ही मंजूरी दी जानी चाहिए, ऐसा सूचित किया है। ब्रिटिश संसद सदस्यों ने फिलहाल होनेवाले करार से इनकार किया तो ब्रिटन को इससे अच्छा कुछ नहीं मिलेगा यह ध्यान रहे ऐसी चेतावनी भी जंकर ने दी है।

ब्रिटेन के राजनैतिक वातावरण में ‘ब्रेक्जिट’ करार के मंजूरी के प्रति सम्मिश्रित प्रतिक्रियाएं उमड़ रही हैं। करार का समर्थन करनेवालो ने अब आगे चलकर ब्रिटिश जनता एवं महासंघ के निर्णय का आदर रखकर संसद में मंजूरी मिलनी चाहिए, ऐसा दावा किया है। तथा प्रधानमंत्री मे ने महासंघ की सभी मांगे मंजूर करने से ही महासंघ की मंजूरी मिलने की बात कहकर संसद में विरोध कायम रहेगा, ऐसी चेतावनी दी है। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रिटिश जनता को संबोधित करते हुए खुला पत्र लिखा है, जिसमें ‘ब्रेक्जिट’ करार के मुद्दे के प्रति हमें समर्थन में खड़ा रहना है ऐसी भावपूर्ण चुनौती दी है।

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