दुबई – अर्थव्यवस्था में बनी कई समस्याओं के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जरूरी उपाय किए नही है। यह बात नई जागतिक मंदी को आमंत्रित करेगी, ऐसा इशारा नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थतज्ञ पॉल क्रुगमन इन्होंने दिया है। साथ ही फिलहाल मंदी का सबसे बडा खतरा यूरोपीय महासंघ के लिए बन सकता है, यह दावा भी क्रुगमन इन्होंने किया। पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, जागतिक बैंक ऐसी प्रमुख वित्त संस्थाओं के साथ कई गुटों ने मंदी के संकेत दिए है और क्रुगमन इनका इशारा इसका समर्थन करनेवाला साबित होता है।
दुबई में हुई ‘वर्ल्ड गव्हर्न्मेंट समिट’ में क्रुगमन इन्होंने जागतिक अर्थव्यवस्था को लेकर गंभीर इशारा दिया। ‘नए आर्थिक मंदी के लिए एक घटक ही जिम्मेदार साबित होगा, ऐसा नही है। अर्थ क्षेत्र के अलग अलग घटक मंदी का कारण बन सकते है। अमरिका में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने करों में कटौती करने संबंधि किया निर्णय ज्यादा असरदार साबित नही हुआ है।’, इस ओर क्रुगमन इन्होंने ध्यान आकर्षित किया।
लेकिन, उसी समय अर्थव्यवस्था में बने संकटों पर सही उपाय ना करने का मुद्दा यही इस मंदी के लिए अहम घटक साबित होगा, ऐसा इशारा क्रुगमन इन्होंने दिया है। बैंकों से व्याजदरों में लगातार की जा रही बढोतरी यह काफी खराब विकल्प है, ऐसी नाराजगी भी उन्होंने व्यक्त की। लेकिन, नई मंदी २००८ के जैसी बडी नही रहेगी, यह उम्मीद पॉल क्रुगमन इन्होंने व्यक्त की। अमरिकी अर्थव्यवस्था को बडे झटके मिलेंगे और अर्थव्यवस्था संभाल रहे लोगों को इन झटकों का ठीक से सामना करना मुमकीन नही होगा, यह चिंता अर्थतज्ञों ने व्यक्त की है।
क्रुगमन के पहले अमरिका के अर्थतज्ञ पीटर शीफ और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राऊन इन्होंने भी आर्थिक मंदी के मुद्दे पर गंभीर इशारा दिया था। जागतिक स्तर पर दशक पहले निर्माण हुई आर्थिक मंदी दोहराने का खतरा बढ रहा है और यह विश्व निद्रिस्तावस्था में नए आर्थिक संकट की दिशा में कदम बढा रहा है, यह इशारा ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राऊन इन्होंने पिछले वर्ष दिया था।
वही, वर्ष २००८ के आर्थिक संकट के बाद इस विश्व ने कुछ भी सबक प्राप्त नही की है, इस लिए भयंकर आर्थिक संकट जल्द ही सामने खडा रहेगा और?अमरिकी डॉलर की असफलता की वजह से इस बार की स्थिति और भी डरावनी रहेगी, यह इशारा अर्थतज्ञ एवं निवेशक पीटर शीफ इन्होंने दिया था।
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