‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ के आधार पर रशिया ने तैयार की है ‘किलर रोबोट आर्मी’

‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ के आधार पर रशिया ने तैयार की है ‘किलर रोबोट आर्मी’

लंदन – आर्टिफिशल इंटेलिजन्स (एआई) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता का रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल करने में रशिया ने काफी दूरी तय की है| इस ‘एआई’ तकनीक की सहायता से रशिया ने युद्धक्षेत्र में दुश्मनों पर जोरदार हमलें करने में सक्षम ‘मिनी टैंक’ और बम हमलें करने के लिए ‘स्वार्म ड्रोन्स’ का पथक तैयार किया है| रशियन सरकार ने प्रसिद्ध किए व्हिडिओ में अपनी ‘किलर रोबोट आर्मी’ किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार होने का ऐलान किया है| रशियन सरकार के प्रचारतंत्र का हिस्सा बना यह व्हिडिओ यानी अमरिका एवं मित्रदेशों के लिए चेतावनी होने का दावा माध्यम एवं विश्‍लेषक कर रहे है|

रशियन सरकार से जुडे ‘एडव्हान्स रिसर्च फाऊंडेशन’ (एआरएफ) कंपनीने ‘एआई’ पर आधारित इन दो किलर ड्रोन्स का निर्माण किया है| फिलहाल यह दोनों रोबोटस् रशियन लष्कर के बेडे में है| लेकिन, इनका इस्तेमाल रिमोट के जरीए किया जाता है| ‘एआई’ के इस्तेमाल से बने इन दोनों रोबोटस् को स्वतंत्र कार्रवाई करने के लिए युद्धक्षेत्र में भेजा गया तो वह कैसे काम करेंगे, इसका दाखिला ‘एआरएफ’ के व्हिडिओ में दिखाया गया है|

इनमें से ‘मिनी टैंक’ ने बर्फिली क्षेत्र में शत्रू के जगहों पर किया हमला इन टैंकों के साथ मौजूद रशियन सैनिकों ने किए हमले से भी ज्यादा खतरनाक और प्रभावी था, ऐसा कहा जा रहा है| शत्रु के प्रतिहमलों से बचने के लिए रशियन सैनिक को सुरक्षित जगह पर पनाह लेनी होती है| लेकिन, ‘मिनी टैंक’ द्वारा दुश्मनों की जगहों पर लगातार हमलें किए गए| साथ ही इस ‘मिनी टैंक’ में सबसे खतरनाक रायफल और बम हमलें करने के लिए अलग कैनिस्टर भी जोडा गया है|

वही, स्वार्म ड्रोन्स का पथक भी स्वतंत्र कार्रवाई के लिए तैयार होने का दावा रशियन कंपनी और सरकार ने किया है| ‘एआई’ का साथ मिलने से इन स्वार्म ड्रोन्स के जरीए शत्रु के ठिकानों पर काफी सहजता से हमलें करना मुमकिन है, यह रशियन कंपनी का कहना है| इस वजह से रशियन लष्कर के लिए जरूरी ‘किलर रोबोटस् की आर्मी’ तैयार की गई है और जल्द ही इस आर्मी में ‘एआई’ तकनीक की सहायता से तैयार की गई ‘किलर रोबोट’ दाखिल होंगे, यह इशारा रशियन संसद ने दिया है|

रशिया की तरह चीन ने भी ‘एआई’ का इस्तेमाल करके टैंक, ड्रोन्स और गश्तीपोत का परीक्षण किया है| वही, इस क्षेत्र में अमरिका काफी पीछे होने का दावा अमरिकी लष्करी अधिकारी कर रहे है| चीन और रशिया जैसे देश लष्करी उद्देश्य के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजन्स में काफी मात्रा में निवेश कर रहे है, यह स्वीकार करके अमरिकी रक्षा विभाग ने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र के लिए स्वतंत्र नीति का ऐलान भी कुछ दिन पहले किया था|

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