पैरिस – फ्रान्स की राजधानी पैरिस में ८५० वर्ष पूराने ‘नोट्रे डेम’ इस ऐतिहासिक चर्च में आग लगने की घटना घटी है। इस आग में चर्च का काफी बडा नुकसान हुआ है। इस आग की घटना का कारण अभी स्पष्ट नही हो सका है। इस दौरान इस घटना की जांच करने के आदेश जारी किए गए है। नोट्रे डेम चर्च में लगी आग की घटना से दुनिया के हर कोने से शोक जताया जा रहा है और इस चर्च का दुबारा निर्माण करने के लिए दुनियाभर से निधी देने की तैयारी शुरू हुई है।
स्थानिय समय के नुसार शाम ६.३० बजे ‘नोट्रे डेम’ चर्च में यह आग भडकी। थोडी ही समय में आग की बडे लपटें ‘नोट्रे डेम’ की छत से बाहर उंची उठने लगी। चर्च में अग्नीशमक यंत्रणा मौजूद होते हुए भी इस यंत्रणा का असरदार उपयोग हो नही सका। आखिरीकार ४ घंटों की कोशिश के बाद इस आग पर काबू पाना संभव हुआ। इसके लिए अग्नीशमक दल के पांचसौ जवान काम कर रहे थे। यह आग किस कारण लगी, यह अभी स्पष्ट नही हुआ है। साथ ही इस आग में कितना नुकसान हुआ है, इस संबंधी विस्तृत जानकारी भी स्पष्ट नही हुई है।
‘नोट्रे डेम’ की मरम्मत का काम शुरू था। इस दौरान, यह आग लगी होगी, यह अंदाजा व्यक्त किया जा रहा है। लेकिन, इस बात पर अभी समर्थन प्राप्त नही हुआ है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन इन्होंने इस घटना पर कडा शोक जताया है। साथ ही यह आपत्ति इससे भी अधिक तीव्र हो सकती थी, लेकिन यह खतरा अभी टल चुका है, यह जानकारी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने दी। साथ ही हम सब मिलकर इस भवन का दुबारा निर्माण करेंगे, यह संदेशा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है। दुनिया भर से इस दुर्घटना पर शोक जताया जा रहा है और अब नोट्रे डेम का दुबारा निर्माण करने के लिए दुनियाभर से आर्थिक सहायता करने का ऐलान किया जा रहा है।
इस दौरान, यहां की आग की प्रतीकात्मक अहमियत है, ऐसा कनाडा के लेखक एवं विश्लेषक मार्क स्टेन इन्होंने कहा है। यूरोप और उसमें भी फ्रान्स में क्रिस्चन धर्म पीछे हट रहा है। ऐसी स्थिति में नोट्रे डेम को लगी यह आग क्रिस्चन धर्म के पीछे होने का प्रतीक बनी है, यह दावा मार्क स्टेन इन्होंने किया। ‘नोट्रे डेम’ का निर्माण ११६० में?शुरू हुआ था और १२६० में यह निर्माण कार्य पूरा हुआ। ८५० वर्ष पहले निर्माण किए गए इस चर्च की धार्मिक एवं ऐतिहासिक अहमियत है।
पैरिस पहुंचनेवाले पर्यटक खास तौर पर नोट्रे डेम को भेंट देते है। ‘फ्रेंच गॉथिक’ का उत्कृष्ट नमूना के तौर पर नोट्रे डेम की ओर देखा जाता है। पिछले ८५० वर्षों में फ्रान्स में कई उथल पुथल हुई। इस दौरान फ्रान्स ने दो बार विश्वयुद्ध की लडाई भी की। फिर भी इस चर्च की इमारत जैसी की तैसी रही थी। लेकिन, इस आग ने सब चित्र बदल दिया है, ऐसा माध्यमों से कहा जा रहा है।
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