तेल अवीव – पिछले हफ्ते में इस्रायल ने सीरिया में ‘मसयाफ’ के लष्करी अड्डे पर किए हवाई हमले में बेलारूस और उत्तर कोरिया से पहुंचे दो वैज्ञानिकों की मौत होने की जानकारी सामने आ रही है। यह वैज्ञानिक सीरिया में ईरान के मिसाइल निर्माण केंद्र को भेंट देने पहुंचे थे, तभी यह हमला हुआ था, यह जानकारी इस्रायल की लष्करी गुप्तचर विभाग से जुडे वेबसाईट पर प्रसिद्ध हुई है। इस्रायली वेबसाईट का यह दावा बेलारूस ने ठुकराया है। लेकिन, सीरिया में अस्साद हुकूमत को अपना पूरा समर्थन होने का ऐलान बेलारूस ने किया है।
पिछले शुक्रवार देर रात के बाद इस्रायल के विमानों ने सीरिया के ‘हमा’ प्रांत में ‘मसयाफ’ शहर पर हमलें किए थे। ‘मसयाफ’ में सीरियन लष्कर का बडा अड्डा है। इस अड्डे के एक हिस्से में दिवार खडी करके ईरान ने भी अपना लष्करी अड्डा और दुसरे हिस्से में मिसाइल निर्माण केंद्र शुरू किया है, यह दावा इस्रायल ने दो महीनें पहले ही किया था। पिछले सप्ताह में इस्रायल ने किए हवाई हमलें के दौरान ‘मसयाफ’ में बने ईरान के इस लष्करी अड्डे का बडा नुकसान हुआ था। इस अड्डे पर तैनात ईरान के सैनिक एवं हिजबुल्लाह के आतंकी इस हमलें में ढेर होने का दावा सीरिया के मानवाधिकार संगठन एवं सीरिया के अस्सादविरोध बागियों ने किया था।
इस हमलें के बाद कुछ ही घंटों में ‘मसयाफ’ के हवाई हमले में ईरान के कई सैनिक मारे जाने की जानकारी भी सामने आई थी। इस बारे में सीरिया और ईरान प्रतिक्रिया देने से दूर रहे थे। लेकिन, इस हमले के दो दिन बाद ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरिफ इन्होंने सीरिया की यात्रा करके राष्ट्राध्यक्ष बशर अल अस्साद से भेंट की थी। इस वजह से ‘मसयाफ’ में हमलें में ईरान का बडा नुकसान होने के दावे मजबूत हुए थे।
ऐसी स्थिति में इश्रायली लष्कर के गुप्तचर विभाग से जुडे एक वेबसाईट ने ‘मसयाफ’ के हमले को लेकर चौकानेवाली जानकारी प्रसिद्ध की है। ‘सीरिया के मसयाफ में बने कारखाने में अलग अलग जगहों पर बेलारूस और उत्तर कोरिया से पहुंचे वैज्ञानिक काम कर रहे थे’, ऐसा इस वेबसाईट ने कहा है। इसके पहले भी ‘मसयाफ’ अड्डे पर इस्रायल ने हमला किया था। लेकिन, इस बार किया हमला कई गुना तीव्रता। इस हमले में वहां की लष्करी अड्डा बडी तादाद में तहस नहस हुआ है, यह दावा इस्रायली वेबसाईट ने किया।
दौरान, इस्रायली वेबसाईट ने किए इस दावे की अभी पुष्टि नही हुई है। लेकिन, इसके पहले भी इस्रायल ने सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमलें किए थे। इसके बाद यह जानकारी उजागर की गई। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने जो भी कोई इस्रायल के लिए खतरनाक होगा उनके लिए इस्रायल और भी खतरनाक होगा, यह कहकर इसके आगे भी सीरिया पर हमलें जारी रहेंगे, यह सूचक वक्तव्य किया था।
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