अमरिकी संसद को नजरअंदाज करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प सौदी समेत खाडी देशों को ८ अरब डॉलर्स के हथियार देंगे

अमरिकी संसद को नजरअंदाज करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प सौदी समेत खाडी देशों को ८ अरब डॉलर्स के हथियार देंगे

वॉशिंगटन/रियाध – ईरान से लगातार हमलें करने की दिए जा रही धमकियों की वजह से खाडी क्षेत्र में बने तनाव में बढोतरी होने का दावा करके अमरिका ने अपने मित्रदेशों को लगभग ८ अरब डॉलर्स के हथियार देने का निर्णय किया है| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने अमरिकी संसद को नजरअंदाज करके सौदी अरब, यूएई और जॉर्डन इन तीन खाडी देशों को तुरंत बडी तादाद में हथियार देने का ऐलान किया| ट्रम्प ने किए इस निर्णय पर ईरान से कडी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए अत्यंत खतरनाक होने की आलोचना की गई है|

ईरान और अमरिका में बने तनाव की वजह से आपात्काल की स्थिति बनी है, यह कहकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सौदी अरब के साथ तीन खाडी देशों को तुरंत हथियार की सप्लाई करने का निर्णय घोषित किया| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने ट्रम्प के इस निर्णय की जानकारी दी| ‘ईरान की गतिविधियां खाडी के साथ ही अमरिका की स्थिरता को खतरा बना रही है और इससे अमरिका के हितसंबंधों के लिए भी खतरा बना है| इस पर गौर करके ईरान की द्वेष से भरी और घातक हरकतें रोकने के लिए खाडी देशों को तुरंत हथियार देने का निर्णय किया गया है’, यह पोम्पिओ ने अमरिकी संसद को लिए पत्र में दर्ज किया है|

ट्रम्प ने किए निर्णय के नुसार सौदी अरब, यूएई और जॉर्डन को करीबन ८.१ अरब डॉलर्स के हथियार दिए जा रहे है| इनमें ‘पेव्हवे लेजर गाइडेड बम’, ‘प्रिसिजन गाइडेड म्युनिशन्स’, ‘एफ-१६’ लडाकू विमान के इंजन और ‘जैव्हेलिन एंटी टैंक मिसाइल्स’ शामिल है|

पिछले कुछ महीनों से अमरिका के ज्येष्ठ सांसद सौदी अरब के साथ बने सहयोग के मुद्दे पर लगातार इशारे दे रहे थे| सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान इनका पत्रकार खशोगी मामले में रहा समावेश और येमन संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने सौदी से रक्षा सहयोग ना करें, यह इशारा अमरिकी सांसद और वरिष्ठ अधिकारी ने दिया था|

लेकिन, ईरान का परमाणु कार्यक्रम और खाडी में वर्चस्व स्थापित करने के लिए जारी हरकतों की पृष्ठभूमि पर ट्रम्प ने सौदी के साथ बने सहयोग में बढोतरी करने का निर्णय किया था| सौदी को तुरंत हथियारों की सप्लाई हो इसलिए ट्रम्प ने कुछ दिनों से कोशिश शुरू की थी| लेकिन, संसद का विरोध ध्यान में रखकर ट्रम्प ने आखिरकार अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल किया है और सौदी के साथ अन्य खाडी देशों को हथियारों की बिक्री करने के लिए मंजुरी दी है| ट्रम्प ने किए इस निर्णय की गुंज अमरिका के साथ ही ईरान में भी उठ रही है|

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