मिरानशहा/इस्लामाबाद – पश्तू जनता के अधिकारों की मांग रखनेवाली ‘पश्तून तहफूज मुव्हमेंट’ (पीटीएम) संगठनपर पाबंदी लगाने की मांग इस्लामाबाद हायकोर्ट में पेश की गई याचिका में की गई है। ‘पीटीएम’ के इस आंदोलन के पीछे वास्तव में कौन है? यह सवाल पाकिस्तान के माध्यम करने लगे है। भारत और अमरिका ‘पीटीएम’ की सहायता कर रहे है, यह आरोप भी शुरू हुए है। लेकिन, पश्तू जनता ने रखी न्याय मांगे नजरअंदाज हुई तो दुसरे बांगलादेश का निर्माण होगा, यह चेतावनी विपक्षी नेता बिलावल भुत्तो इन्होंने दी है।
पाकिस्तान की सेना ‘पीटीएम’ के विरोध में आक्रामक कार्रवाई करेंगे, यह ऐलान लष्कर के प्रवक्ता ने किया है। यह आंदोलन देशद्रोही होने का आरोप करके पाकिस्तान के माध्यम भी लष्कर के पक्ष में खडे हुए है। ‘पीटीएम’ के दिन पूरे हुए है, यह ऐलान पाकिस्तानी सेना के ‘डीजीआईएसपीआर’ मेजर जनरल असिफ गफूर इन्होंने वार्तापरिषद में किया था। उसके बाद अल्पसमय में पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा यंत्रणाओं के अन्यायपूर्ण हरकतों का सत्र शुरू हुआ। राजधानी इस्लामाबाद में एक अल्पवयीन पश्तू लडकी पर अत्याचार करके उसकी हत्या की गई। इसके विरोध में पश्तू जनता प्रदर्शन कर रही थी। इन प्रदर्शनकारियों पर की गई कार्रवाई में ४० लोग बडी मात्रा में जख्मी होने की बात कही जा रही थी।
लेकिन, अब इस कार्रवाई में दस लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आ रही है। इसपर पश्तू जनता में तीव्र प्रतिक्रिया उमड रही है। उत्तरी वजिरिस्तान के कुछे हिस्सों में पाकिस्तानी सेना के चौकियों पर हमलें हुए है। इस संघर्ष में २० लोग जख्मी हुए है। यह पश्तू हमलावर हथियारी थे, यह आरोप पाकिस्तानी सेना ने किया था। लेकिन, जख्मी हुए कथित हमलावर ‘पीटीएम’ के सदस्य थे और उनके हाथ में हथियार नही थे, ऐसा इन जख्मी लोगों ने कहा है। उसके बाद पाकिस्तानी सेनाने अपने आरोप पीछे लिए। लेकिन, ‘पीटीएम’ के दो नेताओं को गिरफ्तार करके इस घटना का जिम्मा पाकिस्तानी सेनाने उनके माथे थौपनें की तैयारी की है।
यह दो नेता पाकिस्तान के सांसद थे। लेकिन, प्रधानमंत्री इम्रान खान इन्होंने पश्तू जनता का विश्वास घात किया, यह आरोप रखकर इन दोनों नेताओं ने संसद से बाहर होने का निर्णय किया। इस पृष्ठभूमि पर इन दोनों की हुई गिरफ्तारी सियासी बदले का हिस्सा हो सकता है, यह कहा जा रहा है। साथ ही पाकिस्तान के इन अत्याचारों से परेशान हुई पश्तू जनता अब सीधे पाकिस्तान से अलग होकर आजादी पाने की मांग कर रही है। यह मांग कर रहे ‘पीटीएम’ के मंझूर पश्तीन इस पश्तू युवा नेता को जोरदार समर्थन प्राप्त हो रहा है। इस वजह से पाकिस्तान की नींव हिल चुकी है और ‘पीटीएम’ पर आक्रामक कार्रवाई करने का ऐलान किया जा रहा है।
लेकिन, पाकिस्तानी सेना की ऐसी कार्रवाई को देश के विपक्षी नेता विरोध करते दिखाई दे रहे है। ‘पाकिस्तान पिपल्स पार्टी’ (पीपीपी) के नेता बिलावल भुत्तो यह कहा है की, इन्होंने शांति के साथ प्रदर्शन करने का अधिकार पश्तू जनता को है। यदि पश्तू जनता ने रखी न्याय मांगों की ओर समय पर ध्यान दिया नही तो बांगलादेश निर्माण होने जैसी घटना दोहराई जाएगी, यह इशारा भी भुत्तो ने पाकिस्तान की सरकार और सेना को दिया। वही, ‘पाकिस्तान मुस्लिम लिग-नावझ’ (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाझ इन्होंने भी सेना की कार्रवाई से जुडी असलियत सामने रखने की मांग की है। मौलाना फझलूर रेहमान ने पाकिस्तानी सरकार और सेना की कार्रवाई की वजह से पश्तू जनता के अधिकारों पर अतिक्रमण होने की बात कही है।
इस वजह से प्रधानमंत्री इम्रान खान और पाकिस्तान सेना पर दबाव बढ रहा है। लेकिन, फिलहाल इस स्थिति से जुडी खबरें दबांकर सेना समय निकालने की कोशिश करती दिख रही है। इस वजह से पश्तू जनता पाकिस्तान की मुख्य धारा से अधिक से अधिक दूर हो रही है।
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