चीन एक वैश्‍विक ‘दुष्प्रचार की महासत्ता’ है – ब्रिटीश अभ्यासगुट का दावा

चीन एक वैश्‍विक ‘दुष्प्रचार की महासत्ता’ है – ब्रिटीश अभ्यासगुट का दावा

लंदन/बीजिंग – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘सोशल मीडिया’ और प्रसार माध्यमों का इस्तेमाल करके चीन ‘वैश्‍विक दुष्प्रचार की महासत्ता’ बना है, यह दावा ब्रिटीश अभ्यास गुट ने किया है| कुछ दिन पहले ही हॉंगकॉंग में शुरू प्रदर्शनों के संबंधी गलत जानकारी फैलाई जा रही थी, यह कहकर ‘ट्विटर’ और ‘फेसबुक’ इन प्रमुख सोशल मीडिया ‘नेटवर्क्स’ ने चीन के हजारों अकाउंटस् बंद किए थे| इस पृष्ठभूमि पर प्रसिद्ध हुआ नया अहवाल चीन की हुकूमत से साजिश के तौर पर मीजिया का इस्तेमाल होने की खबर का समर्थन कर रहा है|

‘द ग्लोबल डिसइन्फोर्मेशन ऑर्डर’ नाम से प्रसिद्ध हुए इस अहवाल में यह दावा किया गया है और इसमें दुनिया के लगभग ७० देशों में बनी स्थिति का ब्यौरा किया गया है| ‘चीन की हुकूमत ने शुरू में देश जनता पर नियंत्रण रखने के लिए स्थानिय सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल किया था| लेकिन, हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों के दौरान चीन की हुकूमत विदेशी सोशल मीडिया नेटवर्क्स का इस्तेमाल करके भी दुष्प्रचार की बडी मुहीम को अंजाम देने में जुटी रही’, यह जानकारी ब्रिटेन के ‘ऑक्सफर्ड इंटरनेट इन्स्टिट्यूट’ ने तैयार किए रपट में दी गई है|

‘चीन अब दुष्प्रचार की वैश्‍विक महासत्ता बना है| सोशल मीडिया नेटवर्क्स का हम प्रभावी तरीके से गलत इस्तेमाल कर सकते है, यह इस देश ने दिखाया है| चीन एक ही समय पर कई स्तरों पर काम कर रहा है| पश्‍चिमी देशों में वोटर्स को प्रभावित करने के लिए भी चीन ने आक्रामक कोशिश शुरू की है| इससे पहले रशिया ऐसी क्षमता रखता था, ऐसा समझा जा रहा था| लेकिन, चीन की हुकूमत अब रशियन सरकार की तरह ही काफी प्रभावी तरिके से दुष्प्रचार करने में आगे निकली है, इन शब्दों में ‘ऑक्सफर्ड इंटरनेट इन्स्टिट्यूट’ के संचालक प्रा.फिलिप हॉवर्ड ने चीन के इस दुष्प्रचार की मुहिम की ओर ध्यान आकर्षित किया है|

चीन दुष्प्रचार की क्षमता रखता है, यह एहसास होने के बाद अब इसके आगे चीन दुनिया के कई जनतांत्रिक देशों में होनेवाले चुनावों में प्रभाव डालने के लिए क्या करता है, यह इसके आगे की सबसे बडी चिंता रहेगी, यह चेतावनी भी हॉवर्ड ने दी है| नजदिकी समय में ब्रिटेन में होनेवाले चुनाव, कनाडा के चुनाव और अगले वर्ष अमरिका में हो रहे चुनाव में रशिया के साथ ही चीन के दुष्प्रचार पर ध्यान देना जरूरी होगा, यह इशारा भी ‘ऑक्सफर्ड इंटरनेट इन्स्टिट्यूट’ के संचालकों ने दिया है|

कुछ महीनों पहले चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विचारधारा का प्रसार करने के लिए प्रसार माध्यमों का आक्रामकता से इस्तेमाल करना शुरू किया है और इसके लिए अरबों डॉलर्स का प्रावधान करने की जानकारी सामने आयी थी| ‘चायनाज् पर्स्युट ऑफ ए न्यू वर्ल्ड मीडिया ऑर्डर’ नाम के इस रपट में दुनिया के १४० देश और ६५ भाषाओं में चीन के प्रसार माध्यमों ने अपना अस्तित्व बनाया है, इसका एहसास भी कराया गया था|

अंतरराष्ट्रीय महासत्ता बनने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत अलग अलग साजिशों का इस्तेमाल कर रही है और जागतिक प्रसार माध्यमों पर वर्चस्व स्थापित करके माध्यमों को नियंत्रित करना इस साजिश का हिस्सा होने की चेतावनी ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ इस प्रसिद्ध संस्था ने अपने रपट में दी थी|

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