बैरूत – ‘लेबनीज जनता की मांग के अनुसार देश में भ्रष्टाचार और चरमपंथी विचारधारा रोकने में हम नाकाम साबित हुए है| इस वजह से इन ‘ऐतिहासिक’ प्रदर्शनों के सामने झुककर हम यह इस्तिफा दे रहे है’, यह ऐलान प्रधानमंत्री साद हरिरी ने किया| हरिरी के इस्तिफे का स्वागत करके अन्य प्रमुख नेताओं का इस्तिफा मिलने तक प्रदर्शन शुरू रखने का ऐलान किया| ऐसी स्थिति में हरिरी का इस्तिफा और लेबनान में हो रहे प्रदर्शन देखे तो यह देश अराजकता की दिशा में जा रहा है, यह डर लेबनान के सियासी विश्लेषक ने व्यक्त की है|
पिछले दो हफ्तों से लेबनीज जनता सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी| हरिरी के ‘फ्युचर मुव्हमेंट’ दल ने ‘हिजबुल्लाह’ एवं ‘फ्री पैट्रियॉटिक मुव्हमेंट’ के साथ गठित किए गठबंधन सरकार इस्तिफा दे, यह मांग इन प्रदर्शनकारियों ने की थी| इस सरकार के दौर में लेबनान में भ्रष्टाचार चरम सीमा तक जा पहुंचा है और चरमपंथी विचारधारा को भी बढावा मिला है, यह आरोप प्रदर्शनकारी कर रहे थे|
यह प्रदर्शन रोकने के लिए समय पर कदम उठाए नही तो अगले कुछ ही दिनों में लेबनान की अर्थव्यवस्था टुट गिरेगी, यह चेतावनी सेंट्रल बैंक के गव्हर्नर ने दी थी| इसके कुछ घंटे बाद ही हरिरी ने अपनी जिम्मेदारी का स्वीकार करके अपने पद का इस्तिफा दिया| हरिरी ने इस्तिफा देने का प्रदर्शनकारियों ने स्वागत किया है और राष्ट्राध्यक्ष मिशेल एऑन और संसद सभापती नबीह बेरी ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है| हिजबुल्लाह से जुडे ‘फ्री पैट्रियॉटिक मुव्हमेंट’ (एफपीएम) से संबंधित विश्लेषक ने दी जानकारी के अनुसार हरिरी के इस्तिफा देने से लेबनान में अस्थिरता एवं अराजकता का माहौल बनने की संभावना बढी है|
क्यों की, राष्ट्राध्यक्ष एऑन या सरकार में शामिल किसी भी दल के साथ सरकार बनाने के लिए हरिरी तैयार नही है| वही, हरिरी को बाजू में रखकर लेबनान की सत्ता पर दावा बता रहे हिजबुल्लाह, अमल और ‘एफपीएम’ के हाथ में आवश्यक संख्या नही है| इसके बावजूद हिजबुल्लाह और उससे जुडे गुटों ने सरकार बनाई तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेबनान पर बडे प्रतिबंध लगाए जाएंगे| साथ ही हरिरी सरकार के लिए मंजूर की गई ११ अरब डॉलर्स की सहायता भी प्रदान नही होगी, यह दावा इस विश्लेषक ने किया है|
ऐसा हुआ तो लेबनान में चरमपंथी विचाराधारा के विरोध में प्रदर्शन तेज होंगे और अराजकता का माहौल बनेगा, यह डर इस विश्लेषक ने व्यक्त किया है|
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