लंदन – पीछले वर्ष दुनिया के अलग अलग देशों में में भडक उठा असंतोष लगातार बढ रहा है और इस वर्ष करीबन ७५ देशों में असंतोष तीव्र होता दिखाई देगा, यह दावा ब्रिटेन के एक गुट ने किया है| ‘व्हेरिस्क मॅपलक्रॉफ्ट’ इस ब्रिटीश गुट ने अपने रपट में यह जानकारी दर्ज की है की, वर्ष २०१९ में दुनिया के ४७ देशों में प्रदर्शन और हिंसा से भरे असंतोष का विस्फोट होता दिखाई दिया है| साथ ही वर्तमान वर्ष २०२० में असंतोष का सबसे अधिक खतरा ईरान, वेनेजुएला, लीबिया, पाकिस्तान और इथिओपिया जैसे देशों को होने का इशारा भी इस गुट ने दिया है|
‘व्हेरिस्क मॅपलक्रॉफ्ट’ इस विश्लेषकों के गुट ने ‘पॉलिटिकल रिस्क आउटलुक २०२०’ नाम का रपट लाह ही में सार्वजनिक किया है| इसमें वर्ष २०१९ में दुनिया के अलग अलग ४७ देशों में हो रहे प्रदर्शन?और हिंसा का जिक्र करके इसी असंतोष का सिलसीला वर्तमान के वर्ष २०२० में भी बरकरार रहेगा, यह दावा भी किया गया है| पिछले वर्ष के नागरी असंतोष की घटनाओं का जिक्र करते समय ‘हॉंगकॉंग’ और ‘चिली’ यह दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्र बने है औड़ अगले दो वर्ष यही स्थिति बनी रहेगी, यह इशारा भी दिया है|
वर्ष २०२० में दुनिया के १० देशों में असंतोष, प्रदर्शन और हिंसा का विस्फोट सबसे अधिक होगा, यह अंदाजा इस ब्रिटीश गुट ने व्यक्त किया है| इसमें ईरान, वेनेजुएला, लीबिया, गिनिआ, नाइजेरिया, पाकिस्तान, बांगलादेश, चिली, पैलेस्टाईन और इथिओपिया इन देशों का समावेश रहेगा| लेबनान और बोलिव्हिया में फिलहाल हो रहे प्रदर्शनों में हिंसा शुरू होने की संभावना भी इस रपट में जताई गई है|
‘वर्ष २०१९ में दुनिया के कई देशों की जनता ने मन में दबाकर रखा गुस्सा रास्तों पर उतरकरक आक्रामक प्रदर्शनों के स्वरूप में व्यक्त किया है| संबंधित देशों में बनी सरकारों के लिए यह बात अनपेक्षित एवं चौकानेवाला झटका देनेवाली साबित हुई| कुछ देशों में सरकार ने इस असंतोष के लिए कारण बने मुद्दों पर हल निकालने की कोशिश भी की| पर, नाराजगी के कई मुद्दों की जडें जनता के मन में काफी गहराई में जा पहुंचे है| इस पर हल निकालने के लिए कई वर्ष लग सकते है’, यह चेतावनी ‘पॉलिटिकल रिस्क आऊटलुक २०२०’ में दी गई है|
ब्रिटेन के इस गुट ने अपने रपट के लिए दुनिया के १२५ देशों का अध्ययन एवं सर्वे करने की जानकारी सामने रखी है| ‘पॉलिटिकल रिस्क आऊटलुक २०२०’ इस रपट के अनुसार इनमें से लगभग ७५ देशों में असंतोष का विस्फोट होने की संभावना देखी गई है| इसी का मतलब दुनियाभर के १९५ में से लगभग ४० प्रतिशत देशों को अस्थिरता और प्रदर्शनों से खतरा बना है, इस ओर भी ‘व्हेरिस्क मॅपलक्रॉफ्ट’ इस ब्रिटीश गुट ने ध्यान आकर्षित किया ह|
पिछले दो वर्षों में दुनिया की प्रमुख संस्था, प्रसार माध्यम, अफसर एवं अभ्यासक लगातार जागतिक स्तर पर बढ रहे संघर्ष की ओर ध्यान केंद्रीत कर रहे है| दो वर्ष पहले ब्रिटेन के उस समय के सेनाप्रमुख ने फिलहाल जारी संघर्ष और तनाव की स्थिति की तुलना पहले विश्वयुद्ध के साथ की थी| वही, खाडी देशों में स्थित अभ्यासकों ने जल्द ही ‘अरब स्प्रिंग’ प्रदर्शनों की लहर उठने की संभावना है, यह चेतावनी भी दी थी| संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने वर्ष २०१९ के रपट में संघर्ष और हिंसा की वजह से करीबन चार करोड से भी अधिक लोग विस्थापित होने के संकट का सामना कर रहे है, इस स्थिति का एहसास भी कराया था|
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |