वॉशिंग्टन – ‘अमरिका, यूरोप, चीन ऐसे दुनिया के सभी हिस्सों से सवाल पुछा जा रहा है| अब नया शीतयुद्ध शुरू हो रहा है| इस मुद्दे के इर्द गिर्द ध्यान केंद्रीत हुआ है| यह शीतयुद्ध तकनीकी क्षेत्र से संबंधित होगा क्या, इस का जवाब संभव हो वर्ष २०२० में प्राप्त हो सकेगा’, इन शब्दों में मायक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रॅड स्मिथ ने तकनीकी क्षेत्र के शीतयुद्ध के संकेत दिए| यह संकेत देते समय अमरिका के एक वरिष्ठ अफसर ने अमरिका और चीन के बीच तकनीकी क्षेत्र के वर्चस्व के लिए संघर्ष पहले ही शुरू होने की बात स्वीकारी है, यह जानकारी मायक्रोसॉफ्ट के प्रमुख ने प्रदान की|
अमरिका और चीन के बीच पिछले दो वर्षों से व्यापारयुद्ध हो रहा है| यह व्यापारयुद्ध थोडे समय के लिए रोकनेवाले समझौते पर हाल ही में हस्ताक्षर किए गए| पर, यह समझौता हुआ हो फिर भी वह लंबे समय तक बरकरार रहने की संभावना कम होने का मत दोनों देशों के अफसर और विशेषज्ञों ने व्यक्त किया है| साथ ही कुछ अफसर व्यापारयुद्ध खतम होने की प्रक्रिया शुरू हुई हो फिर भी अन्य क्षेत्रों में अमरिका और चीन आमने सामने खडे होने का डर व्यक्त कर रहे है|
मायक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ने तकनीकी क्षेत्र के शीतयुद्ध के मुद्दे का किया जिक्र इसीका हिस्सा है| स्मिथ ने शीतयुद्ध का जिक्र करने के साथ ही दोनों देशों ने तकनीकी कंपनियों के लिए स्थिति कठिन करके रखी है, यह नाराजगी भी उन्होंने जताई| ‘अमरिका और चीन इन दोनों देशों ने तकनीकी क्षेत्र के लिए ऐसे नियम और कानून बनाए है की एक दुसरों की कंपनियों को अन्य बाजार में काम करना कठिन साबित होगा| अब व्यापारी समझौते के पहले स्तर पर हस्ताक्षर हुए हो फिर भी इस क्षेत्र की कठिन स्थिति में जल्द ही बदलाव होने की कोई भी संभावना नही है’, यह इशारा स्मिथ ने दिया है|
अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तकनीकी क्षेत्र में चीन अब अमरिका को शिकस्त देने का डर जताकर नए नियम और प्रतिबंध लगाना शुरू किया है| अमरिकी कंपनियों से चीन को प्रगत एवं संवेदनशील तकनीक आसानी से प्राप्त ना हो, इस लिए संसद ने भी नए कानून बनाए जा रहे है| चीन की कंपनियों से अमरिका की प्रगत तकनीकी क्षेत्र में हो रहा निवेश रोकने की कोशिश भी हो रहीहै| साथ ही चीन ने अमरिकी कंपनियों को माहिती और तनकीक ‘शेअर’ करना बंधनकारक किया है और इसके विरोध में कंपनियों ने नाराजगी भी व्यक्त की है|
फिलहाल तकनीकी क्षेत्र में ‘५जी’, ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ और ‘रोबोटिक्स’ की बडी चर्चा है और इस क्षेत्र में प्राप्त किए शीर्ष स्थान के बलबुते पर अमरिका को शिकस्त देने की महत्वाकांक्षा चीन रखकर है| इसके लिए चीन की हुकूमत ने अपनी कंपनियों को बडी मात्रा में आर्थिक सहायता प्रदान की है और अमरिका के अलावा अन्य देशों में विस्तार करने के लिए आक्रामकता दिखाई है| चीन की ‘हुवेई’ कंपनी का मामला इस बात का ताजा नमुना है और अमरिका ने ‘५जी’ क्षेत्र की इस कंपनी का विस्तार रोकने के लिए राजनयिक दबाव का इस्तेमाल भी शुरू किया है|
चीन ने भी इस मुद्दे पर कडी भूमिका अपनाई है और किसी भी स्थिति में पीछे ना हटने की नीति तय की गई है| इस वजह से नजदिकी समय में मायक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ने किए दावे के अनुसार तकनीकी क्षेत्र में शुरू हुआ शीतयुद्ध और भी तेजी से विस्तार ने के संकेत प्राप्त हो रहे है|
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